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नगरीकरण की ऐतिहासिक अवस्थाएँ (Historical Stages of Urbanization)

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इस लेख को पढ़ने के बाद आप नगरीकरण की ऐतिहासिक अवस्थाओं (Historical Stages of Urbanization) की पहचान करने में सक्षम होंगे।

नगरीकरण की ऐतिहासिक अवस्थाएँ (Historical Stages of Urbanization)

Historical Stages of Urbanization

नगरीकरण वर्तमान युग की सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसका प्रारम्भ मानव के सभ्यता की ओर बढ़ते कदम से होता है। आदिमकाल से लेकर आज तक यह विभिन्न अवस्थाओं से गुजरा है। गिब्स (J.P. Gibbs) ने इन अवस्थाओं को पाँच तथा लैम्पर्ड (E. Lampard) ने दो भागों में बाँटा है। इन विचारों को ध्यान में रखकर विश्व में नगरीकरण का परिचय निम्न पाँच अवस्थाओं से कराया जा सकता है-

अति प्राचीन नगरीकरण (Primordial Urbanization)

यह नगरीकरण की प्रारम्भिक दशा का परिचायक है, जब मानव ने बस्तियाँ स्थापित करने में प्रथम कदम रखा। ऐसे समय में पर्यावरण के साथ समायोजन करते हुए आरम्भिक नगरीय संगठन की स्थापना की। अतिरिक्त उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जाने लगा। इससे कुछ सुविधाजनक बस्तियों में जनसंख्या संकेन्द्रित हुई। यद्यपि उस समय इन गिनी-चुनी बस्तियों में रहने वाली जनसंख्या काफी कम थी, तथा इस जनसंख्या में काफी समय तक कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई।

सुनिश्चित नगरीकरण (Definitive Urbanization)

यह वह अवस्था है, जब नगरीय सभ्यता का जन्म विश्व के छः स्थानों नील नदी घाटी, मेसोपोटामिया, सिंध, ह्वांगहो, मेसो-अमेरीका व पेरू में हुआ। इन स्थानों पर नगरीकरण ने अपनी आधारशिला रखी। यहाँ पर नगरीय केन्द्र अतिरिक्त, कृषि उत्पादन के वितरण तथा विकसित जीवन-स्तर के प्रतीक थे। कृषि क्षेत्रों में अतिरिक्त उत्पादन ने इस नगरीकरण को मजबूत आधार प्रदान किया। इसी कारण इस अवस्था को सुनिश्चित नगरीकरण का नाम दिया गया।

चिरसम्मत अथवा पूर्व औद्योगिक नगरीकरण (Classic or Pre-industrial Urbanization)

इस नगरीकरण के विकास में हस्तकलाओं, कुटीर उद्योगों, व्यापार, प्रशासन, धार्मिक कार्य-कलापों का योगदान प्रमुख रूप से रहा। यह औद्योगिक क्रांति से पूर्व का नगरीकरण (1800 से पहले) कहा जा सकता है। इस समय नगर आकार में अधिक बड़े नहीं थे। यह नगर समीपवर्ती क्षेत्र पर अपना आधिपत्य जमाने का प्रयास करते थे। इस समय विश्व की जनसंख्या का केवल तीन प्रतिशत भाग नगरों में रहता था। इस नगरीकरण ने औद्योगिक नगरीकरण की नींव रख दी थी। जो नगर इस समय विकसित हो गए थे, वह आगे चलकर भी अपना अस्तित्व बनाए रख सके।

औद्योगिक नगरीकरण (Industrial Urbanization)

यह औद्योगिक क्रान्ति की देन है। अठारहवीं शताब्दी के मध्य में तकनीकी विकास तथा बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना की शुरुआत ने इस नगरीकरण को जन्म दिया। आज के समय में नगरीकरण औद्योगीकरण का पर्याय बन गया है। जिस देश में उद्योगों का अधिक विकास हुआ है, वह देश नगरीकरण की विकसित अवस्था में पहुँच गया है। ब्रिटेन, फ्रांस, अमेंरीका, जर्मनी, जापान, आस्ट्रेलिया आदि ऐसे नगरीकृत देश हैं। इन देशों को विकसित राष्ट्र का पद उच्च नगरीकरण ने प्रदान किया है।

उत्तर-औद्योगिक नगरीकरण (Post-industrial Urbanization)

नगरीकरण की वह दशा, जिसमें नगरीय जनसंख्या का जमाव या संकेन्द्रण अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है। यह अवस्था नगरीय जीवन में अनेक बुराइयाँ उत्पन्न कर देती है। 

वास्तव में वर्तमान नगरीकरण पिछले डेढ़ सौ वर्षों की घटना है। पिछले पचास वर्षों में इसमें तीव्र वृद्धि हुई है। अनेक देशों में तो यह अपनी अन्तिम अवस्था तक पहुँच गया है। वे देश आर्थिक विकास के उच्चतम शिखर पर पहुँच गए हैं। इसके विपरीत गरीब व कम विकसित देशों में यह अपनी प्रारम्भिक अवस्था में है।

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