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लावा और मैगमा में अंतर (Differences between Lava and Magma)

इस लेख में आप लावा और मैगमा में अंतर (Differences between Lava and Magma) को विस्तार से जानेंगे।

लावा क्या होता है?

लावा पिघला हुआ लसलसा या अर्ध-पिघला हुआ चट्टानी पदार्थ है, जो ज्वालामुखी क्रिया में होने वाले विस्फोट के समय बाहर निकलता है। वास्तव में लावा पृथ्वी के अंदर मौजूद मैग्मा का सतह पर आ जाने के बाद का वाला रूप है। जब ज्वालामुखी फटता है, तो यह गर्म, द्रव रूप में सतह पर आता है और ठंडा होकर ठोस चट्टानों के रूप में बदल जाता है।
इसका तापमान आमतौर पर 700°C से 1,200°C तक हो सकता है। इसमें सिलिका (Silica), लोहा, मैग्नीशियम, और अन्य खनिज पाए जाते हैं। ताजा लावा चमकदार लाल या नारंगी रंग का होता है। लेकिन ठंडा होने पर यह काले, भूरे या भूरे-हरे रंग का हो जाता है। ठंडा होकर यह कठोर चट्टान जैसे बेसाल्ट, ऑब्सिडियन या प्यूमिस में आदि में बदल जाता है।

मैग्मा क्या होता है?

मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद एक गर्म, पिघला हुआ या अर्ध-पिघला हुआ चट्टानी पदार्थ है। यह पृथ्वी की सतह के नीचे, विशेष रूप से मेंटल और क्रस्ट (भूपर्पटी) के बीच पाया जाता है। मैग्मा खनिजों, गैसों और अन्य अस्थिर तत्वों का मिश्रण होता है, जो इसे पिघलने और गतिशील रहने में मदद करते हैं।

मैग्मा का तापमान लगभग 1200°C से 2400°C तक हो सकता है। यह सिलिका (SiO₂), ऑक्साइड, लोहा, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और गैसें (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल वाष्प) आदि से मिलकर बना होता है। सिलिका की मात्रा के आधार पर इसका गुण और उसका व्यवहार बदलता है। सतह के नीचे होने के कारण मैग्मा में बनने वाले उच्च दबाव के कारण घुली हुई गैसें होती हैं। लेकिन जब यह सतह पर आता है, तो गैसें निकलकर इसे विस्फोटक बना सकती हैं।

लावा और मैग्मा में अंतर लावा और मैगमा में अंतर (Differences between Lava and Magma)

अंतर का  आधारलावामैग्मा
स्थितिलावा पृथ्वी की सतह पर पाया जाता है।मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे, विशेष रूप से मेंटल और क्रस्ट के बीच स्थित होता है।
रूपयह पिघला हुआ या अर्ध-पिघला हुआ चट्टानी पदार्थ है, जो ज्वालामुखी किया में विस्फोट के समय बाहर निकलता है।यह पिघला हुआ या अर्ध-पिघला हुआ चट्टानी पदार्थ है, जो सतह के नीचे दबाव में रहता है।
तापमानलावा का तापमान 700°C से 1,200°C के बीच होता है।मैग्मा का तापमान 1200°C से 2400°C तक हो सकता है।
घटकइसमें सिलिका, लोहा, मैग्नीशियम और अन्य खनिज पाए जाते हैं।यह सिलिका, ऑक्साइड, लोहा, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और गैसों का मिश्रण होता है।
गैस की स्थितिसतह पर आने के बाद, लावा में से अधिकांश गैसें निकल जाती हैं।मैग्मा में घुली हुई गैसें होती हैं, जो उच्च दबाव के कारण बनी रहती हैं।
रंगताजा लावा लाल या नारंगी रंग का होता है और ठंडा होने पर काले, भूरे या हरे रंग का हो जाता है।मैग्मा का रंग सतह पर दिखाई नहीं देता, क्योंकि यह अंदर रहता है।
उत्पत्तिलावा, मैग्मा के सतह पर आने के बाद का रूप है।मैग्मा पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होता है।
दबावलावा पर कोई उच्च दबाव नहीं होता।मैग्मा पर उच्च दबाव होता है।
उपयोगयह नई भूमि और चट्टानों का निर्माण करता है।यह ज्वालामुखी गतिविधि का स्रोत है और खनिज संसाधनों का निर्माण करता है।
क्रिस्टल का आकार लावा पृथ्वी की सतह के ऊपर ठंडा होता है, जिससे यह जल्दी ठंडा होता है। अत: इसमे क्रिस्टलों  का आकार छोटा होता है।मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे ठंडा होता है, जिससे यह देर से ठंडा होता है। अत: इसमे क्रिस्टलों का आकार बड़ा होता है।
लावा और मैगमा में अंतर (Differences between Lava and Magma)

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