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Table of contents
- भारत की प्रमुख झीलें (Major Lakes of India)
- अष्टामुदी झील (अष्टामुदी कयाल ) (Ashtamudi Lake)
- भीमताल झील (Bhimtal Lake)
- भोज आर्द्रभूमि (Bhoj Wetland)
- चन्द्रा ताल (Chandra Tal)
- चेम्बरमबक्कम झील (Chembarambakkam Lake)
- चिल्का झील (Chilika Lake)
- डल झील (Dal Lake)
- ढेबर झील (जैसमंद) Dhebar Lake (Jaisamand Lake)
- हिमायत सागर झील (Himayat Sagar Lake)
- हुसैन सागर झील (Hussain Sagar Lake)
- कालीवेली झील (Kaliveli Lake)
- खज्जीयार झील (Khajjiar Lake)
- खेचियोपालरी झील (Khecheopalri Lake)
- कोलेरू झील (Kolleru Lake)
- लोकटक झील (Loktak Lake)
- नाको झील (Nako Lake)
- ओसमान सागर झील (Osman Sagar Lake)
- पोनगोंग झील (Pangong Lake)
- पुलिकट झील (Pulicat Lake)
- पुष्कर झील (Pushkar Lake)
- रेणुका झील (Renuka Lake)
- रूपकुण्ड झील (Roopkund Lake)
- सांभर झील (Sambhar Lake)
- सास्थम कोट्टा झील (Sasthamkotta Lake)
- सतताल अथवा सत्ता (Sattal Lake)
- सूरज ताल झील (Suraj Tal Lake)
- तवावोइर जलाशय (Twavoir Reservoir)
- सोंगमो झील (Tsongmo Lake)
- वीरानम झील (Veeranam Lake)
- वेंबानद झील (वेंबानद कयाल अथवा वेबानद कोल) (Vembanad Lake)
- वीरनपुझा झील (Veeran Puzha Lake)
- वेम्बानट्टु झील (Vembanattu Lake)
- वूलर झील (Wular Lake)
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इस लेख के माध्यम से आप भारत की प्रमुख झीलों (Major Lakes of India) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
भारत की प्रमुख झीलें (Major Lakes of India)
समुद्र व छोटे सागरों को छोड़कर धरातल पर जल से भरे हुए प्राकृतिक गर्त को झील कहते है। बढ़ती हुई जनसंख्या व जल के अभाव में झील लोगों के लिए जल का एक महत्त्वपूर्ण स्त्रोत है। झीलें आकस्मिक बाढ़ तथा सूखे की स्थिति से भी लोगों को बचाते हैं। भारत में पाई जाने वाली प्रमुख झीलों का विवरण नीचे दिया गया है:-
अष्टामुदी झील (अष्टामुदी कयाल ) (Ashtamudi Lake)
- यह केरल के कोलम जिले में एक लैगून है।
- अष्टामुदी का अर्थ ‘आठ शाखाएँ” हैं। लेकिन, वास्तव में इस झील की अनेक शाखाएँ हैं।
- रामसार समझौते के तहत यह अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि के रूप में भी दर्ज है।
- शांत और अबाधित पानी भी इसे हाउसबोटिंग के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
भीमताल झील (Bhimtal Lake)
- उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल में भीमताल शहर के निकट स्थित यह एक रमणीय झील है, जिसके केन्द्र में एक द्वीप है।
- भीमताल झील सांस्कृतिक महत्व भी रखती है, जिसके किनारे पर स्थित भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जो भक्तों को आध्यात्मिक सांत्वना प्रदान करता है।
- नैनीताल की अधिक प्रसिद्धी के कारण प्राचीन भीमताल शहर का महत्व कम रहा है।
- वर्तमान में यह शहर अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है।
भोज आर्द्रभूमि (Bhoj Wetland)
- ‘भोपाल (मध्य प्रदेश) में स्थित, इसमें दो झीलें हैं- ऊपरी झील तथा निचली झील।
- भोज वेटलैंड का अत्यधिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है, जिसमें ऊपरी झील के किनारे स्थित प्रसिद्ध भोजेश्वर मंदिर है, जो बीते युग के उत्कृष्ट वास्तुशिल्प चमत्कारों को प्रदर्शित करता है।
- आर्द्रभूमि क्षेत्र कई प्राचीन मंदिरों और पुरातात्विक स्थलों का भी घर है, जो इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एक झलक प्रदान करते हैं।
- राजधानी नगर के समीप में स्थित यह भारत में एक प्रदूषित झील है।
चन्द्रा ताल (Chandra Tal)
- हिमाचल प्रदेश के लाहौल तथा स्थिती जिले में, भारत के शानदार पहाड़ों में बसा, चंद्र ताल, जिसे मून लेक के नाम से भी जाना जाता है, एक लुभावनी सुंदर उच्च ऊंचाई वाली झील है जो आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
- चन्द्रा ताल समुद्री सतह से लगभग 4300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- लाहूल तथा स्पीति को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा इस झील से लगभग 6 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
चेम्बरमबक्कम झील (Chembarambakkam Lake)
- यह तमिलनाडु के चेंगपट्ट् जिले में चेन्नई से 40 कि.मी. दक्षिण में स्थित है।
- चेम्ब्रनबक्कम झील,तमिलनाडु की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।
- इस झील से ही दयार नदी का उद्गम होता है।
- चेन्नई महानगर की जलापूर्ति इस झील से होती है।
चिल्का झील (Chilika Lake)
- उड़ीसा राज्य में स्थित यह एक खारे पानी की तटीय झील है।
- भारत में यह सबसे बड़ा तटीय झील है।
- यह झील महानदी द्वारा गाद-भरने की क्रिया से निर्मित हुई है।
- इस झील का क्षेत्र परिवर्तनशील है, यह मानसून के मौसम में 1175 वर्ग कि.मी. होता है तथा शुष्क मौसम में 900 वर्ग कि.मी. होता है।
डल झील (Dal Lake)
- डल झील श्रीनगर की एक प्रसिद्ध झील है।
- 18 वर्ग कि.मी. के क्षेत्रफल में फैली हुयी यह झील सेतुकों (Canseways) द्वारा चार बेसिनों में विभाजित है- गगरीबल, लोकत डल, बीद डल तथा नागिन।
- यह लगभग 500 शिकारे (House) के लिए प्रसिद्ध है।
- शिकारे के अलावा, यह झील डोगी खेना (Canoeing). ‘वाटर सर्फिंग’ तथा ‘किथाकिंग’ की भी सुविधा पर्यटकों को प्रदान करता है।
- अत्यधिक प्रदूषित होने के कारण यह झील घटती जा रही है।
- इस झील में विविध वनस्पति, जैसे-कमल के फूल, कुमुद तथा पानीफल (सिंघाड़ा) पाए जाते हैं।
ढेबर झील (जैसमंद) Dhebar Lake (Jaisamand Lake)
- राजस्थान राज्य में उदयपुर से लगभग 45 कि.मी. पूर्व में स्थित यह झील भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
- यह 87 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैली हुई है।
- ढेबर झील 17वीं सदी में उदयपुर के राणा जयसिंह, द्वारा बनायी गयी, जब उन्होंने गोमती नदी पर एक संगमरमर का बाँध बनवाया था।
- इस झील में तीन द्वीप हैं, जैसमंद सैरगाह (Resort) इनमें से सबसे बड़े द्वीप पर स्थित है।
हिमायत सागर झील (Himayat Sagar Lake)
- यह हैदराबाद शहर से लगभग 20 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
- इस झोल का नाम निजाम (VII) के सबसे छोटे बेटे हिमायत अली खान के नाम पर रखा गया है।
- यह एक कृत्रिम झील है, जो मुसी नदी पर 1927 में बनाया गया था।
हुसैन सागर झील (Hussain Sagar Lake)
- यह झील हैदराबाद शहर में स्थित है।
- इस झील का निर्माण हुसैन शाह वली द्वारा 1562 में मुसी नदी के एक सहायक नदी परकरवाया गया था।
- यह हैदराबाद शहर की जलापूर्ति करती है।।
कालीवेली झील (Kaliveli Lake)
- यह एक तटीय झील है, जो तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले में स्थित है।
- कालीवेली झील पुडुचेरी से लगभग 10 कि.मी. उत्तर की ओर स्थित है।
- यह झील प्रायद्वीपीय भारत के बड़े आर्द्रभूमि में से एक है।
- इस झील का क्षेत्रफल कृषीय भूमि के लिए अधिकृत किए जाने के कारण घटता जा रहा है।
खज्जीयार झील (Khajjiar Lake)
- यह हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है, यह डलहौजी से मात्र 24 कि.मी. दूर है।
- देवदार वृक्षों से घिरे होने के कारण यह पर्यटकों के लिए एक रमणीय दृश्य प्रदर्शित करती है।
खेचियोपालरी झील (Khecheopalri Lake)
- यह पश्चिमी सिक्किम में स्थित है।
- खेचियोपालरी झील हिन्दुओं तथा बौद्ध धर्मियों द्वारा एक पवित्र झील मानी जाती है।
- यह झील बाँस के घने वनों से घिरी है।
- इस झील को देखने अनेक तीर्थयात्री तथा पर्यटक आते हैं।
कोलेरू झील (Kolleru Lake)
- आंध्र प्रदेश में स्थित यह झील भारत में मीठे पानी की (अलवणीय) ” सबसे बड़ी झील है।
- यह कृष्णा तथा गोदावरी जिले में कृष्णा तथा गोदावरी नदियों के डेल्टाओं के बीच स्थित है।
- यह झील इन दोनों नदियों के लिए एक प्राकृतिक बाढ़ संतुलन जलाशय का काम करती है।
- कोलेरू झील लगभग 20 मिलियन आवासीय तथा प्रवासी पक्षियों का प्राकृतिक आवास है।
- प्रतिवर्ष अक्टूबर-मार्च के मध्य यहां साइबेरिया तथा पूर्वी यूरोप से आए पक्षियों का वास होता है।
- इस झील को भारतीय वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत 1999 में एक वन्य जीवन, विहार (Sanctuary) /शरण-क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया।
- बढ़ते प्रदूषण के कारण के इसकी जैव-विविधता का हास हुआ है।
लोकटक झील (Loktak Lake)
- यह उत्तर पूर्वी भारत में मीठे (अलवणीय) पानी की सबसे बड़ी झील है।
- यह झील विश्व में ’तैरती द्वीपीय झील’ के रूप में प्रसिद्ध है क्योंकि इसमें तैरते हुए फुम्डिज (तैरते हुए द्वीप) होते हैं।
- 1990 में रामसार समझौते के तहत यह अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि मानी गयी।
- यह झील जल-बिजली संयन्त्र, सिचाई तथा पीने के पानी के लिए एक जल स्रोत है।
- लोकटक झील झील ग्रामीण मछुआरों के लिए भी जीविका का साधन है, जो फुम्डिज (तैरते हुए द्वीप) तथा निकट क्षेत्रों में रहते हैं।
- फुम्डिज वास्तव में वनस्पति, मृदा तथा जैव पदार्थों के विजातीय ढेर है।
नाको झील (Nako Lake)
- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित यह एक अधिक ऊँचाई वाली झील है।
- यह झील भिसा (Willow) तथा पहाड़ी पीपल (Poplar) वृक्षों से घिरी हुयी है।
- इस झील के निकट बौद्ध धर्म के चार मंदिर हैं।
- यह एक पवित्र झील मानी जाती है।
ओसमान सागर झील (Osman Sagar Lake)
- यह हैदराबाद में एक कृत्रिम झील है।
- हैदराबाद के अंतिम निजाम (ओसमान अली खान) के द्वारा 1920 में मूसी नदी पर बाँध बनाकर इस झील को निर्मित किया गया तथा यह हैदराबाद शहर के लिए पीने का पानी स्रोत है।
- ‘सागर महल’ नाम का एक गेस्ट “हाउस जो इस झील का ऊपरी नजारा लेता है; पूर्व में निज़ाम का ग्रीष्मकालीन सैरगाह था तथा अब यह ऐतिहासिक धरोहर है।
पोनगोंग झील (Pangong Lake)
- लद्दाख में स्थित यह झील लेह शहर से लगभग पांच घंटे की दूरी, पर है। ।
- यह मार्ग विश्व के तीसरे सबसे बड़े दरें (चांगला दर्रा)से होकर गुजरता है।
- झील को देखने के लिए एक विशेष अनुमति-पत्र की जरूरत होती है।
- सुरक्षा कारणों से यहाँ नौका विहार की इजाजत नहीं दी जाती है।
- यहाँ एक छोटा होटल तथा पड़ाव स्थान भी है और निकटवर्ती गाँवों के घरों में अतिथि कक्ष भी मौजूद है।
पुलिकट झील (Pulicat Lake)
- यह कोरोमण्डल तट पर दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
- यह आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के सीमा पर स्थित है।
- श्रीहरिकोटा का परिध द्वीप इस झील को बंगाल की खाड़ी से अलग करता है।
- यह झील 60 कि.मी. लम्बी है तथा इसकी चौड़ाई 0.5 से 18 कि.मी. तक परिवर्तनीय है।
- यह अनेक स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों का प्राकृतिक वास है। लगभग 15,000 हंसावर इस झील में प्रतिवर्ष आते हैं।
- यहाँ जलसिंह, कौडिल्ला, बगुला, चिंगारा, स्पूनबिल तथा बत्तख भी पाए जाते हैं।
पुष्कर झील (Pushkar Lake)
- अजमेर जिले में स्थित यह एक कृत्रिम झील है।
- इस झील का निर्माण 12वीं सदी में हुआ जब लूनी नदी के शीर्ष पर एक बाँध बनाया गया।
- नवम्बर के महीने में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अनेक तीर्थयात्री इस झील में पवित्र स्नान के लिए आते हैं।
रेणुका झील (Renuka Lake)
- हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित इस झील का नाम देवी रेणुका के नाम पर है।
- इस जगह एक चिड़ियाघर तथा “लायन सफारी (कारवाँ) भी है।
- नवम्बर के महीने में यहाँ वार्षिक मेला लगाता है।
रूपकुण्ड झील (Roopkund Lake)
- यह झील उत्तराखण्ड में स्थित है तथा इसके किनारे 600 कंकाल पाए गए हैं। ये कंकाल 1942 में पाए गए थे।
- रेडियोकार्बन निर्धारण के अनुसार इन लोगों की जान महामारी में गई थी।
- यह निर्जन स्थान लगभग 5030 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
सांभर झील (Sambhar Lake)
- यह जयपुर शहर से लगभग 70 कि.मी. दूर पश्चिम की ओर स्थित है तथा भारत की सबसे बड़ी खारे पानी का झील है।
- पूर्वी किनारे की ओर यह झील 5 कि.मी. लम्बे बाँध से विभाजित है जो पत्थरों से बनी हुयी है।
- बाँध के पूर्व में लवण वाष्पण कुण्ड है, जहाँ लगभग एक हजार वर्ष पहले से ही नमक का उत्पादन होता आया है।
- इस झील में जल की गहराई शुष्क मौसम में कुछ से.मी. से लेकर मानसून में 3 मीटर तक रहती है।
- सांभर झील को रामसार सूची में अर्न्तराष्ट्रीय महत्व की आद्रभूमि के रूप में शामिल किया गया है।
- हजारों साइबेरियाई पक्षी जाड़े के मौसम में इस झील में आते हैं।
सास्थम कोट्टा झील (Sasthamkotta Lake)
- यह केरल राज्य में मीठे पानी की एक बड़ा झील है।
- सास्थम कोट्टा झील कोल्लम जिले में सास्थमकोट्टा में स्थित है तथा यह कोल्लम शहर से लगभग 30 कि.मी. दूर है।
- यह पर्यटकों के लिए एक बड़े आकर्षण का केन्द्र है।
सतताल अथवा सत्ता (Sattal Lake)
- यह उत्तराखण्ड के कुमाऊ प्रखण्ड में भीमताल शहर के नजदीक सात शांत झीलों का समूह है।
- ये झीलें औसत समुद्री सतह से लगभग 1370 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- ये झील प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग है।
सूरज ताल झील (Suraj Tal Lake)
- बारालच्छा दर्रें के शिखर के नीचे स्थित यह एक अधिक ऊँचाई वाली झील है।
- यह समुद्री सतह से लगभग 4980 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- यह झील भागा नदी का स्रोत है, जो चेनाब की एक मुख्य सहायक नदी है।
तवावोइर जलाशय (Twavoir Reservoir)
- होशंगाबाद जिले (म.प्र.) में नर्मदा नदी पर स्थित इस जलाशय का निर्माण तवा बाँध के कारण हुआ।
- यह झील सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान तथा बोरी वन्य जीवन अभ्यारण की पश्चिमी सीमा का निर्माण करती है।
सोंगमो झील (Tsongmo Lake)
- सिक्किम राज्य में गंगटोक से लगभग 40 कि.मी. दूर यह एक हिमानी टार्न (गिरिताल) झील है।
- यह झील अण्डे के आकार (अण्डाकार) की है।
- लगभग 3780 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह झील सर्दी के मौसम में जम जाती है।
- यह बौद्धधर्मियों तथा हिन्दुओं के लिए एक पवित्र झील है।
वीरानम झील (Veeranam Lake)
- यह तमिलनाडु के कुडुलौर जिले में स्थित है।
- वीरानम झील चेन्नई से लगभग 235 कि.मी. दूर है।
- यह उन जलाशयों में से एक है, जिससे चेन्नई शहर की जलापूर्ति की जाती है।
वेंबानद झील (वेंबानद कयाल अथवा वेबानद कोल) (Vembanad Lake)
- लगभग 200 वर्ग कि.मी. के क्षेत्रफल में फैली यह झील केरल की सबसे बडी झील है।
- यह झील समुद्री सतह पर है तथा अरब सागर से एक संकीर्ण परिध द्वीप द्वारा अलग की गयी है।
- नहरों के माध्यम से यह झील उत्तर तथा दक्षिण में तटीय झीलों से जुड़ी हुयी है।
- अनेक नदियाँ इस झील में प्रवाहित होती हैं, जैसे-पम्चा तथा. पेरियार
- यह झील पल्लीपुरम तथा पेरूम्बलम जैसे द्वीपों को घेरे हुए है।
वीरनपुझा झील (Veeran Puzha Lake)
- कोच्चि स्थित यह झील बेंबानद झील का उत्तरी विस्तार है।
- यह देश के विभिन्न भागों तथा विदेश से अनेक पर्यटकों को आकर्षित करती है।
वेम्बानट्टु झील (Vembanattu Lake)
- कोट्टायम से लगभग 16 कि.मी. दूर यह नदियों तथा नहरों का एक विस्तृत जालक्रम (नेटवर्क) है।
- एक मनोहर पिकनिक स्थल तथा तेजी से विकसित होता।
- यह स्थान पश्च जल पर्यटन, नौका विहार और मत्स्यन के लिए प्रसिद्ध है।
- कुमाराकोम पक्षी अभयारण वेम्बानट्टु झील के तट पर स्थित है।
वूलर झील (Wular Lake)
- सोपोर तथा बांदीपुर के मध्य कश्मीर घाटी में स्थित यह भारत में सबसे बडी मीठे पानी का झील है।
- इस झील का निर्माण अभिनूतन (प्लाइस्टोसीन) काल के दौरान विवर्तनिक क्रियाओं के कारण हुआ।
- मौसम के अनुसार इस झील का आकार बढ़ता-घटता है।
- ह झील झेलम नदी से जल ग्रहण करता तथा एक प्राकृतिक जलाशय -के रूप में काम करता है।
- टुलबुल परियोजना- एक ‘नौसंचालन’ बाँध तथा नियंत्रण संरचना’ वूलर झील के मुहाने (मुख) पर है।
- यह झील के प्राकृतिक जलाशय से नियंत्रित रूप में पानी छोड़कर जल के अभाव वाले महीनों में बारामुला तक इस नदी का न्यूनतम प्रवाह 4.5 फीट तक कायम रखता है।