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मानव भूगोल की शाखाएँ (Branches of Human Geography)

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मानव भूगोल की शाखाएँ (Branches of Human Geography)

मानव भूगोल, मानव एवं उसके पर्यावरण के बीच अंतर्संबंधो (interrelationships) का अध्ययन है। यह अपनी विषय-सामग्री के विश्लेषण हेतु अन्य सामाजिक विज्ञानों  (social sciences) के साथ अपने सम्बन्ध स्थापित करता है। इस प्रक्रिया में मानव भूगोल अन्य सामाजिक विज्ञानों (social sciences) से सहायता प्राप्त करता है और उन्हें सहायता प्रदान भी करता है।

उदाहरण के लिए,  वह जनसंख्या के अध्ययन के लिए जन सांख्यिकी (demography), आर्थिक भूगोल के लिए अर्थशास्त्र (economics), कृषि भूगोल के लिए कृषि विज्ञान, नगरीय भूगोल के लिए नगरीय समाज विज्ञान है। बदले में मानव भूगोल इन विज्ञानों को क्षेत्रीय आयाम (spatial dimension) प्रदान करता है। इस प्रकार मानव भूगोल को हम विभिन्न शाखाओं में विभाजित कर सकते हैं। यहाँ हम, मानव भूगोल कि प्रमुख शाखाओं का वर्णन करेंगे।

मानव भूगोल की मुख्य शाखाएँ निम्नलिखित हैं।

आर्थिक भूगोल (Economic Geography)

आर्थिक भूगोल, मानव भूगोल की महत्वपूर्ण शाखा है। इसमें मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं के वितरण और प्राकृतिक परिस्थितियों के साथ उनके सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। डॉ० एन०जी० पाउण्ड्स के अनुसार, “आर्थिक भूगोल भू-पृष्ठ पर मानव की उत्पादन क्रियाओं के वितरण का अध्ययन करता है।” मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं में उत्पादन  (production), वितरण (distribution), उपभोग (consumption) तथा विनिमय (exchange) आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं।

सांस्कृतिक भूगोल (Cultural Geography)  

मानव भूगोल की इस शाखा में मानव के सांस्कृतिक (cultural) पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। मानव का आवास, भोजन, सुरक्षा, रहन-सहन, भाषा, धर्म, रीति-रिवाज तथा पहनावा आदि इसके सांस्कृतिक पहलू हैं। मानव के ये सांस्कृतिक पहलू समय और स्थान के साथ कैसे बदलते हैं, इसका अध्ययन करना सांस्कृतिक भूगोल का मुख्य उदेश्य है।

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सामाजिक भूगोल (Social Geography)

जे०एम० हॉउस्टन (J.M. Houston) ने अपनी पुस्तक ‘A Social Geography of Europe‘ में लिखा है कि “सामाजिक भूगोल को जनसंख्या के अध्ययनों सहित ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियों के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया जाता है।” सामाजिक भूगोल में मानव को एकाकी रूप में न लेते हुए मानव समूहों और पर्यावरण के सम्बन्धों की व्याख्या की जाती है।

जनसंख्या भूगोल (Population Geography)

इसमें विश्व या इसके किसी भाग में कुल जनसंख्या, जनसंख्या का वितरण, घनत्व, जन्म एवं मृत्यु दर, जनसंख्या में वृद्धि दर, आयु, लिंग अनुपात, साक्षरता आदि का मानव के भौतिक व सांस्कृतिक पर्यावरण के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है।

branches of human geography
मानव भूगोल की मुख्य शाखाएँ

ऐतिहासिक भूगोल (Historical Geography)

किसी क्षेत्र में एक समय से दूसरे समय में होने वाले भौगोलिक परिवर्तनों के अध्ययन को ऐतिहासिक भूगोल कहते हैं। हार्टशॉन के अनुसार, “ऐतिहासिक भूगोल भूतकाल का भूगोल है।” (Historical Geography is to be considered simply as the geography of the past periods.)

राजनीतिक भूगोल (Political Geography)  

राजनीतिक भूगोल राज्यों की सीमाओं, स्थानीय प्रशासन (local administration), प्रादेशिक नियोजन (regional planning)आदि से सम्बन्धित है। यह मानवीय समूहों की राजनीतिक स्थितियों, समस्याओं व क्रियाओं में भूगोल के महत्व को आंकता है। वॉन बल्केनवर्ग के अनुसार, ”राजनीतिक भूगोल राज्यों का भूगोल है, और अन्तर राष्ट्रीय सम्बन्धों की भौगोलिक व्याख्या प्रस्तुत करता है।”

कृषि भूगोल (Agricultural Geography)

यह मानव भूगोल का ऐसा उप क्षेत्र है जिसमें कृषि सम्बन्धी सभी तत्वों का अध्ययन किया जाता है। इसमें फसलों के उत्पादन एवं वितरण तथा पशु-पालन एवं पशु उत्पाद सम्मिलित हैं। कृषि से मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता ‘भोजन’ की आपूर्ति होती है, इसलिए मानव भूगोल का यह उप क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण है।

सैन्य भूगोल (Military Geography)

सैन्य भूगोल के अंतर्गत स्थल तथा समुद्र के भौगोलिक चरित्र का युद्ध की घटनाओं पर पड़ने वाले प्रभावों को उजागर किया जाता है। युद्ध की नीति एवं योजना तैयार करने के लिए संबंधित क्षेत्र की स्थिति, उच्चावच, जलवायु, प्रवाह तंत्र, वन क्षेत्र आदि भौगोलिक तत्त्वों का ज्ञान अनिवार्य होता है। इसके लिए स्थलाकृतिक मानचित्रों (Topographical Maps) की आवश्यकता होती है। इन मानचित्रों का अध्ययन भूगोलवेत्ताओं अथवा सेना के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

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इसी प्रकार से मानव भूगोल के और भी कई उपक्षेत्र है जिनमें व्यापारिक भूगोल (Commercial Geography). औद्योगिक भूगोल (Industrial Geography) तथा शहरी भूगोल (Urban Geography) महत्वपूर्ण हैं।

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