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भूमध्य रेखा क्या है (What is the equator)?
भूमध्य रेखा ग्लोब पर खींची गई वह काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी को दो बराबर भागों में विभाजित करती है। भूमध्य रेखा द्वारा विभाजित उत्तरी ध्रुव की ओर वाले आधे हिस्से को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिणी ध्रुव की तरफ आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।
भूमध्य रेखा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य (Important facts related to the equator)
- भूमध्य रेखा, ग्लोब पर खींची गई एक ऐसी काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरी पर स्थित बिंदुओं को मिलाती है।
- भूमध्य रेखा को विषुवत वृत्त या विषुवत रेखा भी कहा जाता है।
- इस रेखा पर साल भर दिन व रात बराबर होते हैं।
- भूमध्य रेखा से उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव की दूरी समान होती है।
- यह रेखा जीरो डिग्री अक्षांश को प्रदर्शित करती है।
- वर्ष में दो बार सूर्य की किरणें 21 मार्च तथा 23 सितंबर के दिन भूमध्य रेखा पर लंबवत होती है। अत: भूमध्य रेखा के निकट साल भर उच्च तापमान बना रहता है। लेकिन अधिक बरसात और आर्द्र परिस्थितियों के कारण यह विश्व का सर्वाधिक गर्म क्षेत्र नहीं हैं।
- भूमध्य रेखा के पास स्थित क्षेत्र में सूर्योदय तथा सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। सैद्धांतिक तौर पर इन क्षेत्रों में 12 घंटे का दिन तथा 12 घंटे की रातें होती है। जबकि भूमध्य रेखा से उत्तर तथा दक्षिण की ओर जाने पर दिन व रात की लंबाई मौसम के अनुसार बदलती रहती है
- भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग 40,075 कि.मी. (24901.5 मील)है।
- पृथ्वी भूमध्य रेखा वाला भाग थोड़ा उभरा हुआ है। अत: इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास 12756 कि.मी. (7927मील) है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास 12713 कि.मी. (7900 मील) से 43 कि.मी. अधिक है।
- भूमध्य रेखा के आस-पास स्थित स्थान अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना के लिए अच्छे हैं समझे जाते हैं, उदाहरण के लिए गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना आदि), क्योंकि ये स्थान पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान की तुलना में अधिक गतिमान (कोणीय गति) हैं तथा यह बढ़ी हुई गति, अन्तरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए जरूरी ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है।
- पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्र का भाग है।
- भूमध्य रेखा का उच्चतम बिंदु कायाम्बे ज्वालामुखी, इक्वाडोर के दक्षिणी ढाल पर स्थित है, जो 4690 मीटर ऊंचाई पर है।
- भूमध्य रेखा को वास्तव में ना छूने वाला सबसे निकटतम देश पेरू, दक्षिणी अमेरिका है।
- इक्वेटोरियल गिनी का कोई भी भाग भूमध्य रेखा पर स्थित नहीं है, लेकिन इसके नाम से ऐसा लगता है। इसका एक द्वीप ऐनोबॉन भूमध्य रेखा से 155 कि. मी. दक्षिण में है और देश का बाकी हिस्सा उत्तर में स्थित है।
- भारत की मुख्य भूमि के दक्षिणतम बिंदु केप कुमारी से भूमध्य रेखा की दूरी लगभग 896 कि.मी. है।
भूमध्य रेखा पर स्थित देश (Countries located on the equator)
भूमध्य रेखा तीन महाद्वीपों अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका व एशिया एवं तीन महासागरों अंध, हिन्द व प्रशांत में स्थित 13 देशों/द्वीपों से होकर गुजरती है, जिनकी सूची नीचे दी गई है :
क्रम संख्या | देश का नाम | महाद्वीप/महासागर |
---|---|---|
1. | इक्वाडोर | दक्षिणी अमेरिका |
2. | कोलंबिया | दक्षिणी अमेरिका |
3. | ब्राजील | दक्षिणी अमेरिका |
4 | साओ टोम और प्रिंसिपे (द्वीप) | अंध महासागर |
4. | गेबौन | अफ्रीका |
5. | कांगो रिपब्लिक | अफ्रीका |
6. | कांगो रिपब्लिक डेमोक्रेटिक( लोकतांत्रिक कांगो गणराज्य ) | अफ्रीका |
7. | युगांडा | अफ्रीका |
8. | केन्या | अफ्रीका |
9. | सोमालिया | अफ्रीका |
10. | मालदीव (द्वीप) | हिन्द महासागर |
11. | इंडोनेशिया | एशिया |
12. | किरीबाती (द्वीप समूह) | प्रशांत महासागर |
क्यों कोरिओलिस बल भूमध्य रेखा पर शून्य है (Why is Coriolis force zero at the equator)?
जैसा कि हम जानते है कोरिओलिस बल पृथ्वी के घूर्णन से उत्पन्न आभासी बल होता है। भूमध्य रेखा पर, पृथ्वी के आकार (भूमध्य रेखा पर उभरी हुई है) के कारण घूर्णन गति सबसे अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप कोरिओलिस बल शून्य होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोरिओलिस बल घूर्णन गति और अक्षांश की ज्या (sin) पर निर्भर करता है, और भूमध्य रेखा 0 डिग्री अक्षांश को प्रदर्शित करती है, तथा sin 0 का मान शून्य होता है। इस प्रकार कोरिओलिस बल यहां शून्य हो जाता है।
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