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सारगैसो सागर (Sargasso Sea) का परिचय
उत्तरी अटलाण्टिक महासागर में उत्तरी विषुवत् रेखीय धारा, गल्फस्ट्रीम तथा कनारी धारा के मध्य एक प्रतिचक्रवातीय प्रवाह क्रम पाया जाता है। इस चक्र के बीच में शान्त एवं गतिहीन जल पाया जाता है, जिसमें सारगैसम घास फैली रहती है। इस भाग को सारगैसो सागर कहा जाता है। सारगैसो पोर्चुगीज भाषा के सारगैसम (sargassum) शब्द से लिया गया है, जिसका तात्पर्य होता है – सागरीय घास।
सारगैसो सागर (Sargasso Sea) का विस्तार
सारगैसो सागर का विस्तार सागरीय घास के विस्तार तथा धाराओं की चक्रगति (gyre) के आधार पर निश्चित किया जाता है। मार्मर के अनुसार सारगैसो का विस्तार 20° तथा 40° उत्तरी अक्षांशों तथा 35° से 75° प० देशान्तरों के मध्य में पाया जाता है।
सारगैसो सागर (Sargasso Sea) की उत्पत्ति
सारगैसो की उत्पत्ति के कई कारक हैं :
- उत्तरी अटलाण्टिक महासागर की धाराओं की चक्राकार गति के कारण चक्र के बीच स्थित जल का सम्पर्क महासागर के शेष जल से नहीं हो पाता है तथा जल शान्त एवं गतिहीन हो जाता है।
- सारगैसो मण्डल पछुआ तथा व्यापारिक हवाओं के आवान्तर मण्डल (संक्रमण मण्डल) (transitional zone) के मध्य स्थित है, जहाँ पर प्रतिचक्रवातीय पवन संचार के कारण क्षीण हवाएं मन्द गति से चलती हैं, जिस कारण इस जल का अन्य जल के साथ मिश्रण नहीं हो पाता है।
- उत्तरी अटलाण्टिक महासागर का उन्हीं अक्षांशों में अन्य महासागरों की अपेक्षा कम विस्तृत तथा संकरा भाग है।
- उत्तरी विषुवत् रेखीय एवं गल्फस्ट्रीम की तीव्र गति के कारण बीच का जल शान्त पड़ जाता है।
सारगैसो सागर (Sargasso Sea) की विशेषताएँ
सारगैसो सागर के जल में अटलाण्टिक महासागर की सर्वाधिक लवणता (37 ग्राम प्रति हजार) पायी जाती है। इसका प्रमुख कारण उच्च तापमान तथा अत्यधिक वाष्पीकरण है। सारगैसो सागर के जल का शेष जल से मिश्रण न हो पाना भी लवणता को बढ़ा देता है। इसका औसत वार्षिक तापमान 26° सेंग्रे० रहता है। इसमें जड़ विहीन सागरीय घास (seaweeds) बहुतायत में मिलती हैं, जिनके कारण सागरीय यातायात में बाधा उपस्थित हो जाती है। इस घास की उत्पत्ति के विषय में कई परस्पर विरोधी मत प्रस्तुत किये गएहैं, परन्तु सामान्य रूप से यह कहा जा सकता है कि पौधे जड़ विहीन होते हैं तथा स्वत: उत्पन्न होते हैं।
FAQs
सारगैसो सागर उत्तरी अटलाण्टिक महासागर में एक विशेष समुद्री क्षेत्र है, जो अपनी शांत और स्थिर जलधारा के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र समुद्री घास सारगैसम (sargassum) से ढका हुआ है, जिससे इसका नाम पड़ा है। यह सागर उत्तरी विषुवत् रेखीय धारा, गल्फस्ट्रीम, और कनारी धारा के बीच स्थित है।
सारगैसो सागर की उत्पत्ति उत्तरी अटलाण्टिक महासागर की धाराओं की चक्राकार गति के कारण होती है। इस चक्र में स्थित जल का सम्पर्क महासागर के अन्य हिस्सों से नहीं हो पाता, जिससे यह क्षेत्र शांत और स्थिर हो जाता है। इसके अलावा, यह क्षेत्र पछुआ और व्यापारिक हवाओं के संक्रमण मण्डल में स्थित है, जिससे जल का मिश्रण अन्य जल से नहीं हो पाता।
सारगैसो सागर में अटलाण्टिक महासागर की सबसे अधिक लवणता (37 ग्राम प्रति हजार) पाई जाती है। इसका कारण उच्च तापमान और अत्यधिक वाष्पीकरण है। यहाँ के जल में समुद्री घास बहुतायत में मिलती हैं, जो समुद्री यातायात में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। इस सागर का औसत वार्षिक तापमान लगभग 26° सेंटीग्रेड है।
सारगैसो सागर का नाम पुर्तगाली भाषा के शब्द “सारगैसम” (sargassum) से लिया गया है, जिसका अर्थ है समुद्री घास। यह नाम इस क्षेत्र में पाई जाने वाली विशेष प्रकार की घास के कारण पड़ा है।