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भारत में कुल 247 द्वीप हैं, जिनमें से 204 बंगाल की खाड़ी और शेष 43 अरब सागर में स्थित हैं। एक ओर जहां अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह जो बंगाल खाड़ी का एक द्वीप समूह है, विवर्तनिक (Tectonic) एवं ज्वालामुखीय क्रियाओं से बना है। वहीं दूसरी ओर अरब सागर के द्वीपों की उत्पत्ति प्रवालों (corals) से हुई है। इनके अलावा गंगा नदी के मुहाने, पूर्वी व पश्चिमी तट एवं खम्भात तथा मन्नार की खाड़ियों में भारत के कई अपतटीय (offshore) द्वीप भी हैं।
बंगाल की खाड़ी के द्वीप
- बंगाल की खाड़ी में द्वीप 6° उ0 से 14° उ० अक्षांशों तथा 92° पूर्व से 94° पूर्वी देशान्तर के बीच फैले हुए हैं हैं। ये द्वीप 300 कि०मी० की लम्बाई में एक अर्धचंद्राकार आकृति में फैले हैं। इनका क्षेत्रफल 8,300 वर्ग कि०मी० है ।
- बंगाल की खाड़ी के दो प्रमुख द्वीप समूह रीची (Ritchie’s) द्वीप समूह और लबरीन्थ (Labrynth) द्वीप समूह हैं।
- बंगाल की खाड़ी के समस्त द्वीपों को दो भागों में बांटा जा सकता है
(1) उत्तर में अंडमान और (2) दक्षिण में निकोबार।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को दस डिग्री चैनल एक-दूसरे के अलग करता है।
- अंडमान द्वीपों के तीन हिस्से हैं – उत्तरी, मध्य और दक्षिणी।
- निकोबार द्वीपों के उत्तरी भाग को कार निकोबार और दक्षिणी भाग को महान निकोबार कहते हैं।
- भारत का दक्षिणतम बिन्दु ‘इंदिरा प्वाइन्ट‘ है, जो ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है।
- यह 19 द्वीपों का समूह है जो 6° 45′ उत्तर से 9°30 उत्तरी अक्षांश के बीच स्थित हैं।
- भारत की मुख्य भूमि (बंगाल की खाड़ी के शीर्ष से) की अंडमान द्वीप समूह से न्यूनतम दूरी लगभग 2000 कि.मी. है।
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों की जलवायु पूरे वर्ष गर्म उष्णकटिबंधीय प्रकार की है तथा औसत तापमान 35° से. के आस-पास होता है।
- यह द्वीप समूह पक्षी निरीक्षकों के लिए स्वर्ग माना जाता है एवं इनकी भित्तियां समुदी जीवों से परिपूर्ण हैं। अब तक यहां पक्षियों की 242 प्रजातियों को देखा जा चुका है।
- अंडमान द्वीपों से 80 कि.मी. पूरब बंगाल की खाड़ी में दो ज्वालामुखी द्वीप, बैरन और नर्कोन्डैम स्थित हैं।
- अंडमान के बैरन द्वीप में एक सक्रिय ज्वालामुखी भी विद्यमान है।
- अंडमान द्वीपों की उत्पत्ति तृतीयक पर्वत श्रेणी ‘अराकान योमा’ के विस्तार से हुई है।
- बलुआ पत्थर, चूना पत्थर तथा शैल इस द्वीप की प्रमुख चट्टान हैं।
- अंडमान एवं निकोबार द्वीपों की मुख्य फसल चावल है। नारियल और सुपारी यहां की प्रमुख नकदी फसलें हैं। अनानास, कई प्रकार के केले, मीठे पपीते एवं आम जैसे उष्णकटिबंधीय फलों की भी अंडमान द्वीप समूहों पर लघु स्तरीय खेती होती है।
- अंडमान द्वीप समूहों की जनजातीय जनसंख्या तेजी से कम हो रही है। वर्तमान निवासी बंग्लादेश, म्यांमार, भारत और श्रीलंका (तमिल) से आये हुए हैं।
- ओंग, जरावा और सेंटीनेलीज अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों पर मूल जनजातियां हैं।
- दक्षिण अंडमान एवं ग्रेट निकोबार द्वीप समूहों में स्थित वांडूर-समुद्री जैवमंडलीय प्रारक्षित क्षेत्र विश्व के सबसे बड़े और दुर्लभ ‘जाइंट रॉब्बर केकड़े’ (Giant Robber Crab) के लिए विश्व प्रसिद्ध है। अरब सागर के द्वीप (The Arabean Sea Islands)
अरब सागर के द्वीप
- अरब सागर में कुल 43 द्वीप हैं जिनमें से 10 पर मानव निवास है।
- इन द्वीपों की मुख्य भूमि (कालीकट) से न्यूनतम दूरी लगभग 109 कि.मी. है।
- सुदूरवर्ती द्वीपों में लक्षद्वीप और मिनिकॉय शामिल हैं।
- ये द्वीप 8° उत्तर से 12° उत्तर और 71° पूर्व से 74° पूर्व के बीच बिखरे हुए हैं।
- लक्षद्वीप की राजधानी कावारती इसी नाम वाले एक द्वीप पर स्थित है।
- आठ डिग्री चैनल मिनिकॉय को मालद्वीप द्वीपों से अलग करता है।
- इन द्वीपों पर पहाड़ियां और नदियां नहीं हैं।
- मिनिकॉय इनमें सबसे बड़ा द्वीप है जिसका क्षेत्रफल 453 वर्ग कि०मी० है।
- 9° चैनल लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीपों को दो भागों में बांटती है।
- 11° चैनल मिनिकॉय द्वीपों को दो भागों में बांटती है – उत्तर में अर्मनीदीवी और दक्षिण में कनानोरे ।
- लक्षद्वीप के लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है। नारियल यहां की मुख्य फसल है वैसे दलहनों एवं सब्जियों की खेती भी लघु स्तर पर की जाती है।
- इन द्वीपों को सैलानियों का स्वर्ग (Tourist’s Paradise) कहा जाता है।
अपतटीय द्वीप
गंगा के डेल्टा प्रदेशों, भारत पश्चिमी एवं पूर्वी तटों तथा मन्नार की खाड़ी में अनेक द्वीप स्थित हैं, जिनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं
पिरम, भैसला – काठियावाड़ प्रायद्वीप के पास
दीव, वैदा, नोरा, पिर्तन, करूनभार – कच्छ तट के पास
खडियाबेट, अलियाबेट – नर्मदा-तापी मुहाने के पास
बुचर, एलीफेंटा, करंजा, क्रॉस, कैनरे व हैनरे, एलीफैंटा – मुंबई के पास
भटकल, पिजनकॉक, सेंट मेरी – मंगलौर तट के पास
अंजीदीव – गोवा तट के पास
वायपिन – कोच्चि के पास
पवन, क्रोकोडाइल, अडुंडा – मन्नार की खाड़ी में
श्री हरिकोटा – पुलीकट झील के मुहाने पर
परिकुड – चिल्का झील के मुहाने के पास
शॉर्ट, व्हीलर – महानदी – ब्राह्मणी मुहाने के पास
न्यू मूर एवं गंगा सागर – गंगा डेल्टा में
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