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परिच्छेदिका (Profile): अर्थ, प्रकार एवं खींचने की विधि

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इस लेख के माध्यम से आप परिच्छेदिका (profile0 के अर्थ, प्रकार एवं खींचने की विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

किसी भी समोच्च रेखा मानचित्र पर प्रदर्शित उच्चावच (ऊंचाई में होने वाले बदलाव) तथा ढाल की दशाओं को परिच्छेदिकाओं की सहायता से भली भांति समझा जा सकता है। हम कह सकते हैं कि परिच्छेदिका विभिन्न प्रकार के स्थलरूपों (जैसे पर्वत, पठार आदि) को समझने तथा उनकी व्याख्या करने में हमारी सहायता करती है।

परिच्छेदिका का अर्थ (Meaning of Profile)

धरातल पर स्थित किसी भू-आकृति को एक रेखा के सहारे ऊर्ध्वाधर या लंबवत दिशा में नीचे तक काट देने के बाद नजर आने वाली सतह ऊपरी किनारा परिच्छेदिका कहलाता है। परिच्छेदिका के अर्थ को अच्छे से समझने के लिए हमें अनुभाग (section) तथा परिच्छेदिका (Profile) के बीच अंतर को जानना चाहिए। तो आइए जानते हैं अनुभाग (section) तथा परिच्छेदिका (Profile) के बीच अंतर को।

परिच्छेदिका (Profile) तथा अनुभाग (section) के बीच अंतर

सामान्य तौर पर तो परिच्छेदिका (Profile) तथा अनुभाग (section) दोनों शब्दों का समान अर्थ में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इनमें थोड़ा अंतर होता है। अनुभाग का शाब्दिक अर्थ होता है काट अथवा काट द्वारा उत्पन्न सतह। इसके विपरीत काट के द्वारा उत्पन्न सतह की धरातलीय रूपरेखा परिच्छेदिका कहलाती है। 

साधारण शब्दों में, जब हम किसी भू-आकृति को एक रेखा के सहारे ऊर्ध्वाधर दिशा में काट देते हैं, तो उसके बाद जो सतह हमें दिखाई देती है उसे अनुभाग कहा जाएगा तथा इस सतह का धरातल को प्रकट करने वाला ऊपरी किनारा परिच्छेदिका कहलाएगा। अतः स्पष्ट है कि अनुभाग तो धरातल के नीचे स्थित चट्टानों की संरचना को प्रदर्शित करता है, जबकि परिच्छेदिका के द्वारा में उच्चावच अर्थात् ऊंचाई में होने वाले बदलाव या उतार-चढ़ाव तथा ढाल की दशाओं का निरूपण किया जाता है (चित्र 1)।

परिच्छेदिका के प्रकार (Types of Profile)

धरातल पर मौजूद किसी एक विशेष प्रकार के स्थलरूप के ढाल में स्थान के साथ होने वाले बदलाव को केवल एक परिच्छेदिका  के माध्यम से स्पष्ट नहीं किया जा सकता। अत: ढाल में होने वाले परिवर्तन का समुचित निरूपण करने के लिए सर्वप्रथम समोच्च रेखा मानचित्र पर समान दूरी के अंतराल पर कुछ सरल एवं परस्पर समांतर रेखाएं खींची जाती हैं और बाद में प्रत्येक रेखा के अनुसार अलग-अलग परिच्छेदिका बनाई जाती है।

इस प्रकारअलग-अलग रेखाओं के सहारे खींची गई परिच्छेदिकाओं को मुख्य रूप से चार प्रकारों में प्रस्तुत किया जा सकता है

  1. संक्रम परिच्छेदिका 
  2. अध्यारोपित परिच्छेदिका 
  3. प्रक्षिप्त परिच्छेदिका
  4. मिश्र परिच्छेदिका 

इन सभी प्रकार की परिच्छेदिकाओं को नीचे विस्तार से समझायाजा रहा है।

संक्रम परिच्छेदिका (Serial Profile)

यदि किसी समोच्च रेखा मानचित्र पर अलग-अलग सरल रेखाओं के सहारे की खींची गई परिच्छेदिकाओं को अलग-अलग आयताकार चौखटों में क्रमबद्ध तरीके से व्यवस्थित कर दिया जाए तो इस प्रकार बनी परिच्छेदिकाओं की श्रृंखला को  संक्रम परिच्छेदिका कहा जाएगा (चित्र 1)। संक्रम परिच्छेदिका को बनाने के लिए सबसे पहले समोच्च रेखा मानचित्र पर किसी निश्चित संख्या में समांतर रेखाएं खींच ली जाती हैं। उसके बाद इन अलग-अलग रेखाओं के अनुसार बनाई गई परिच्छेदिकाओं को एक श्रृंखला के रूप में क्रमबद्ध ढंग से व्यवस्थित किया जाता है। पहचान करने के लिए प्रत्येक परिच्छेदिका पर संबंधित सरल रेखा का नाम लिख दिया जाता है (चित्र 1)।

Serial Profile
चित्र 1

अध्यारोपित परिच्छेदिका (Superimposed Profile)

जब किसी समोच्च रेखा मानचित्र प रविभिन्न सरल रेखाओं के अनुसार बनाई गई परिच्छेदिकाओं कोअलग-अलग चौखटों में बनाने की अपेक्षा किसी एक ही चौखटे में बना दिया जाए (चित्र 2)। तो इस प्रकार बनी परिच्छेदिका अध्यारोपित परिच्छेदिका कही जाएगी। चित्र में की परिच्छेदिकाओं को अध्यारोपित परिच्छेदिकाओं के रूप में दिखाया गया है तथा उनकी पहचान करने के लिए प्रत्येक परिच्छेदिका पर उसका क्रमांक लिख दिया गया है (चित्र 2)।

प्रक्षिप्त परिच्छेदिका (Projected Profile)

प्रक्षिप्त परिच्छेदिका बनाने के लिए पहले अध्यारोपित परिच्छेदिकाएं की जाती हैं तथा उसके बाद अध्यारोपित परिच्छेदिकाओं में प्रत्येक परिच्छेदिका के उस भाग को मिटा दिया जाता है, जो दिखाई नहीं देता (चित्र 2)। दूसरे शब्दों में, प्रक्षिप्त परिच्छेदिका में किसी परिच्छेदिका का वो भाग जो नीचा होने के कारण पहले वाली परिच्छेदिका पीछे छुप जाता है, को नहीं बनाया जाता।

उदाहरण के लिए चित्र में क्रमांक 1 परिच्छेदिका को पूरा दिखाया गया है तथा क्रमांक 2 की परिच्छेदिका के उन भागों को छोड़ दिया गया है जो क्रमांक 1 की परिच्छेदिका के पीछे छिप गए है। इसी प्रकार तीसरे व चौथे क्रमांक वाली परिच्छेदिकाओं के क्रमश: दूसरी व पहली तथा पहली, दूसरी व तीसरी परिच्छेदिकाओं से नीचे वाले भागों को छोड़ दिया गया है (चित्र 2)। 

मिश्र परिच्छेदिका (Composite Profile)

मिश्र परिच्छेदिका की सहायता से किसी स्थल रूप की क्षितिज रेखा को दिखाया जाता है। इसके लिए अध्यारोपित परिच्छेदिकाओं में केवल सबसे ऊँचे भाग दिखलाने वाली रेखा को छोड़कर परिच्छेदिकाओं के शेष भाग मिटा दिए जाते हैं (चित्र 2)।

Superimposed, projected and composite profiles
चित्र 2

परिच्छेदिका खींचने की विधि (Method of Drawing a Profile)

मान लीजिए कि हमें किसी समोच्च रेखा मानचित्र (चित्र 3) पर स्थित किन्हीं दो बिंदु A तथा B के बीच परिच्छेदिका खींचनी है। तो इसके लिए हमें निम्नलिखित पदों से होकर गुजरना पड़ेगा।

Contour map
चित्र 3
  1. सबसे पहले A तथा B बिंदुओं को मिलाते हुए एक सरल रेखा खींचनी है, जो इन बिंदुओं के मध्य स्थित समोच्च  रेखाओं को विभिन्न स्थानों (मान लीजिए C, D, E, F, G तथा F) बिंदुओं पर काटती है। 
  2. अब A तथा B बिंदुओं से मानचित्र के नीचे की ओर समान लंबाई वाले क्रमश: AX  तथा BY लंब खींचिए (चित्र 4)। 
  3. इसके बाद X तथा Y को मिलाइए। यह XY सरल रेखा परिच्छेदिका की आधार रेखा होगी तथा यह रेखा समुद्र तल को दर्शाएगी।
  4. अब X तथा Y का मान शून्य मानते हुए XA तथा XB लंब रेखाओं पर किसी मापनी के अनुसार विभिन्न ऊंचाइयों पर निशान लगाइए। ध्यान रहे इन लगाए गए निशानों के मान का अंतर समोच्च रेखा अंतराल के मान के बराबर होना चाहिए।
  5. लगाए गए प्रत्येक निशान से XY के समानांतर रेखाएं कीजिए। 
  6. ये समानांतर रेखाएं समुद्र तल से विभिन्न ऊंचाइयों को प्रकट करेंगी। 
  7. अब चित्र 4 के अनुसार A, C, D, E, F, G, H तथा B बिंदुओं से संबंधित ऊंचाई प्रदर्शित करने वाली समोच्च रेखाओं तक आप AA’, CC’, DD’, EE’, FF’, GG’ HH’ तथा BB’ लम्ब खींचिए (चित्र 4)।
  8. बिंदुओं से होकर जाने वाला निष्कोण पूर्ण वक्र अभीष्ट परिच्छेदिका कहलाएगी (चित्र 4)।
Method of drawing profile
चित्र 4

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