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क्या होती है तापमान विसंगति (Thermal Anomaly)?
किसी स्थान विशेष के औसत तापमान तथा वह स्थान जिस अक्षांश रेखा पर स्थित है उस अक्षांश रेखा के औसत तापमान के अन्तर को तापमान विसंगति (thermal anomaly) कहा जाता है। विश्व मानचित्र पर अंकित समान तापीय विसंगति प्रदर्शित करने वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को समताप विसंगति रेखाएं (isanomals) कहते हैं।
सामान्यतया दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा उत्तरी गोलार्द्ध में तापीय विसंगति अधिक पाई जाती है। इसका कारण जल एवं स्थल के वितरण में पाई जाने वाली असमानता है। दक्षिणी गोलार्द्ध में जलमण्डल का प्राधान्य होने के कारण वहाँ धरातल अधिक समांगी है जिससे तापमान के वितरण पर सूर्याभिताप की प्राप्त मात्रा का अधिक नियंत्रण रहता है। अतः उत्तरी गोलार्द्ध की अपेक्षा दक्षिणी गोलार्द्ध में तापमान वितरण में कम जटिलता पाई जाती है।
तापमान-विसंगति (Thermal Anomaly) के प्रकार
तापमान-विसंगति दो प्रकार की होती है
धनात्मक विसंगति (positive anomaly)
जब किसी स्थान विशेष का औसत तापमान तथा उसके अक्षांशीय औसत तापमान से अधिक होता तब वह धनात्मक विसंगति (thermal anomaly) की स्थिति होती है।
ऋणात्मक विसंगति (negative anomaly)
जब किसी स्थान विशेष का औसत तापमान तथा उसके अक्षांशीय औसत तापमान से कम होता तब वह ऋणात्मक विसंगति (thermal anomaly) की स्थिति होती है।
उपरोक्त दोनों प्रकार की विसंगतियों पर ऋतुओं का निश्चित प्रभाव पड़ता है। जनवरी में उत्तरी गोलार्द्ध में महासागरों तथा महाद्वीपों के ऊपर क्रमशः धनात्मक तथा ऋणात्मक विसंगति पाई जाती है। शीतोष्ण कटिबन्धीय महासागरों के पूर्वी भागों तथा उनमें संलग्न महाद्वीपों के पश्चिमी किनारों पर उच्चतम धनात्मक विसंगति पाई जाती है जिसका प्रमुख कारण इन भागों में गर्म समुद्री धाराओं की उपस्थिति है। यूरोप का पश्चिमोत्तर भाग शीतकाल में अधिकतम धनात्मक तापीय विसंगति के लिए विशेष उल्लेखनीय है। नार्वे तट पर स्थित (63° उत्तरी अक्षांश) एक स्थान पर जनवरी में 25.6° सेल्सियस धनात्मक तापमान विसंगति पाई जाती है।
इसके विपरीत साइबेरिया के उत्तरी पूवीं भाग में स्थित वर्बोयांस्क जनवरी के ही महीने में 25.6° सेल्सियस ऋणात्मक विसंगति प्रदर्शित करता हैं। इससे निष्कर्ष यह निकलता है कि नार्वे तट पर स्थित सभी स्थान शीत ऋतु में अपनी उच्च अक्षांशीय स्थिति की तुलना में अपेक्षाकृत गर्म तथा साइबेरिया के आन्तरिक क्षेत्र अपेक्षाकृत सर्द होते हैं।
जुलाई में स्थिति बिल्कुल बदल जाती है। उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित महाद्वीपों पर धनात्मक विसंगति पाई जाती है जिसका एक मात्र कारण विशाल स्थल खण्डों का ग्रीष्म कालीन ऊष्मन है। जल की प्रकृति स्थल से सर्वथा भिन्न होने के कारण उत्तरी गोलार्द्ध के महासागरों पर ऋणामक विसंगति पाई जाती है।
यदि वार्षिक औसत तापमान के वितरण का विवेचन किया जाए, तो स्पष्ट हो जाता है कि 40° उत्तरी अक्षांश से ध्रुव की ओर महाद्वीपों पर ऋणात्मक विसंगति तथा वहाँ से भू-मध्य रेखा की ओर धनात्मक विसंगति पाई जाती है। जैसा कि पहले ही उल्लेख किया जा चुका है, दक्षिणी गोलार्द्ध का तल अपेक्षाकृत अधिक समांगी होने के कारण वहाँ तापीय विसंगति उत्तरी गोलार्द्ध की अपेक्षा कम पाई जाती है।
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