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इस लेख में, हम आयु पिरामिड (Age Pyramid) के अर्थ, उसे प्रभावित करने वाले कारकों, और इसकी उपयोगिता पर चर्चा करेंगे। यह विषय विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो B.A, M.A, UGC NET, UPSC, RPSC, KVS, NVS, DSSSB, HPSC, HTET, RTET, UPPCS, और BPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। आयु पिरामिड जनसंख्या की आयु संरचना का विश्लेषण करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो किसी क्षेत्र या देश की जनसंख्या की आर्थिक, सामाजिक और जनांकिकीय स्थिति को समझने में सहायता करता है। इसकी आकृति जनांकिकीय संक्रमण की अवस्था और प्राकृतिक संकटों के प्रभाव को दर्शाती है, जिससे यह विषय भूगोल और जनसंख्या अध्ययन में अनिवार्य बन जाता है।
Table of contents
आयु पिरामिड का अर्थ (Meaning of Age Pyramid)
आयु पिरामिड जनसंख्या की आयु संरचना या आयु संघटन के विश्लेषण की सबसे लोकप्रिय एवं प्रचलित विधि है। यह एक आरेखीय विधि है जिसमे स्त्री व पुरुष जनसंख्या की आयु संरचना को दर्शाया जाता है। इसीलिए यह आयु एवं लिंग पिरामिड (Age and Sex Pyramid) के नाम से भी जाना जाता है। आयु पिरामिड एक प्रकार का दण्ड आरेख (Bar diagram) ही है जिसमें क्षैतिज अक्ष (horizontal axis) पर तो स्त्रियों तथा पुरुषों की संख्या या उसके प्रतिशत को और ऊर्ध्वाधर अक्ष (vertical axis) पर एक समान समय अन्तराल पर आयु वर्गों (age groups) को दिखाया जाता है।
इसकी रचना के लिए सर्वप्रथम आयु वर्गों को नीचे से ऊपर की ओर आरोही क्रम में समान अन्तराल पर दर्शाया जाता है और प्रत्येक आयु वर्ग के सामने एक ओर पुरुषों की संख्या या प्रतिशत को और दूसरी ओर स्त्रियों की संख्या या प्रतिशत को मापनी के अनुसार क्षैतिज स्तम्भों के रूप में दर्शाया जाता है। आयु वर्गों को दर्शने के लिए बीच में एक ऊर्ध्वाधर स्तंभ बनाया जाता है, जिसके दोनों ओर क्रमशः पुरुषों और स्त्रियों की संख्या या प्रतिशत के अनुपात में क्षैतिज स्तम्भ बनाये जाते हैं।
अधिकतर जनसंख्या के आंकडों में निम्न आयु वर्गों (बाल वर्ग) में जनसंख्या का प्रतिशत सामान्य से अधिक, उच्चतर आयु वर्ग (युवा वर्ग) में कम और उच्चतम आयु वर्ग (वृद्ध वर्ग ) में बहुत कम पाया जाता है। यही कारण है कि आयु पिरामिड का आधारचौड़ा होता है तथा ऊपर की ओर यह संकुचित होता जाता है तथा शीर्ष भाग लगभग नुकीला हो जाता है। इस प्रकार इस आरेख की आकृति पिरामिड से मिलती-जुलती है जिसके आधार पर ही इसे पिरामिड आरेख (Pyramid Diagram) कहा जाता है।
आयु पिरामिड को प्रभावित करने वाले कारक
जनांकिकीय संक्रमण की अवस्था (Stage of Demographic Transition)
किसी क्षेत्र या देश के आयु पिरामिड की आकृति कैसी होगी यह मूल रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि वह क्षेत्र या देश जनांकिकीय संक्रमण (परिवर्तन) की कौन सी अवस्था में है। आइए जनांकिकीय संक्रमण की अवस्था व आयु पिरामिड की आकृति के बीच संबंध को समझते हैं
(i) हम जानते हैं कि जो देश जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में होते हैं, वहाँ जन्मदर और मृत्युदर दोनों ही अधिक होती है तथा जीवन प्रत्याशा निम्नतम पाई जाती है। जन्मदर अधिक होगी तो निम्न आयु वर्गों में जनसंख्या का अनुपात भी अधिक होगा, जिसके कारण पिरामिड का आधार भी चौड़ा होगा। उच्च मृत्युदर तथा अल्प जीवन प्रत्याशा के फलस्वरूप उच्च आयु वर्गों में क्रमशः जनसंख्या कम होती जाएगी जिससे शीर्ष नुकीला होता जाएगा। मध्य अफ्रीका के अल्प विकसित देशों की आयु पिरामिड इसी प्रकार की होती है।
(ii) जनांकिकीय संक्रमण की दूसरी अवस्था में मृत्युदर गिरने लगती है किन्तु जन्मदर अभी उच्च रहती है, जिसके कारण निम्न आयु वर्गों में जनसंख्या का अनुपात ऊँचा रहता है और पिरामिड चौड़े आधार वाला होगा। मृत्युदर के गिरने के से जीवन प्रत्याशा बढ़ती है और ऊपर के आयु वर्गों में जनसंख्या पहली अवस्था की अपेक्षा अधिक होती है जिसके कारण पिरामिड का शीर्ष भग अपेक्षाकृत् धीरे-धीरे नुकीला होता है। हालांकि ऊपरी आयु वर्ग में कम जनसंख्या के कारण इसका शीर्ष नुकीला ही रहता है।
(iii) तीसरी अवस्था में जन्मदर धीरे-धीरे घटती रहती है जबकि मृत्युदर तेजी से कम होती जाती है। अत: इस अवस्था में निम्न आयु वर्गों के स्तम्भ (पिरामिड का आधार ) पहले की तुलना में कुछ छोटे होते हैं और मध्य तथा ऊपरी भाग के स्तंभ पहले से बड़े हो जाते हैं, जिसके कारण पिरामिड का ढाल पहले से अपेक्षाकृत कम हो जाता है तथा शीर्ष भाग भी कम नुकीला होता है। भारत, चीन जैसे विकासशील देश इसी श्रेणी में आते हैं।
(iv) जनांकिकीय संक्रमण की चौथी अवस्था में जन्मदर और मृत्युदर दोनों निम्न स्तर पर होते हैं और जन्म व मृत्युदर पास-पास आ जाती है तथा जीवन प्रत्याशा अधिकतम पाई जाती है। इस अवस्था की आयु पिरामिड में निचले आयु वर्गों में जनसंख्या आकार (या स्तंभों की लम्बाई) अन्य अवस्थाओं वाले पिरामिडों की तुलना में छोटा होता है और ऊपरी आयु वर्गों में स्तंभों की लम्बाई धीरे-धीरे घटती है। इस प्रकार पिरामिड का शीर्ष प्रायः नुकीला नहीं बल्कि सपाट होता है। प्रायः सभी विकसित देश इसी वर्ग में आते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, पश्चिमी यूरोपीय देशों, आस्ट्रेलिया, जापान आदि के आयु पिरामिड इसी प्रकार के बनते हैं।
आयु पिरामिड, 2021
(जनसंख्या प्रतिशत में)
प्राकृतिक संकट (Natural Disaster)
कई बार महामारी, अकाल, युद्ध आदि प्राकृतिक संकटों के प्रभाव से भी आयु पिरामिड की सामान्य आकृति स्थानीय रूप से परिवर्तित हो जाती है। इन आपदाओं से जो आयुवर्ग सर्वाधिक प्रभावित होता है, उसके स्तम्भ की लम्बाई कम हो जाती है। इसके विपरीत जो आयुवर्ग कम प्रभावित होता है उसके स्तम्भ की लम्बाई पहले से कुछ बढ़ जाती है।
जो देश युद्ध में लगे होते हैं उन देशों की जनसंख्या में जवान लोगों की मृत्यु के कारण वयस्क या युवा आयु वर्ग में जनसंख्या कम हो जाती है जिससे पिरामिड का मध्य भाग संकुचित हो जाता है। युवाओं की अधिक मृत्यु के कारण जन्मदर में भी कमी देखने को मिलती है जिसके कारण आने वाले कुछ दशकों तक निम्न आयुवर्ग में जनसंख्या कम देखने को मिलती है।
इस प्रकार युद्ध का प्रभाव सम्बन्धित देश की आयु पिरामिड पर अल्पकालीन और दीर्घकालीन दोनों प्रकार से होता है। प्लेग, चेचक, हैजा, इन्फ्लूएंजा जैसी कुछ महामारियों का प्रभाव विशिष्ट आयुवर्गों पर अधिक होने पर किसी-किसी आयु वर्ग में जनसंख्या कम हो जाती है जिससे पिरामिड की आकृति बदल जाती है। कभी-कभी अकाल (सूखा ) का प्रभाव भी सभी आयुवर्गों पर समान नहीं होता है। अतः इससे भी आयु पिरामिड की सामान्य आकृति में विकृति आ जाती है।
प्रवास (Migration)
आयु तथा लिंग परक प्रवासों के फलस्वरूप उत्प्रवासी तथा आप्रवासी दोनों क्षेत्रों केआयु पिरामिड में भी परिवर्तन हो जाता है। रोजगार की खोज में गांवों से बड़ी संख्या में युवा वर्ग नगरों में चले जाते हैं। जिससे गांवों के आयु पिरामिड में युवा वर्ग का स्तंभ अपेक्षाकृत् छोटा और नगरों की आयु पिरामिड में यह अधिक बड़ा हो जाता है। यदि अंतर्राष्ट्रीय स्थानांतरण भी आयु परक होता है तब इसका प्रभाव उन दोनों की आयु पिरामिड पर पड़ता है जहाँ से और जहाँ के लिए प्रवास होता है।
जनसंख्या नीति (Population Policy)
किसी देश की जनसंख्या नीति भी उसकी आयु पिरामिड को प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से प्रभावित करती है। जिस जनसंख्या नीति में जनसंख्या नियोजन तथा जन्मदर को कम करने पर बल दिया जाता है वहाँ जन्मदर में कमी होने से पिरामिड के आधार का विस्तार कम हो जाता है। इसके विपरीत युद्ध के पश्चात् कुछ देश जन्मदर को बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं। बच्चों की संख्या में वृद्धि से निचले स्तंभों (पिरामिड का आधार ) का विस्तार पहले से अधिक हो जाता है।
आयु पिरामिड की उपयोगिता
अब तक अध्ययन में हम पता चल चुका है कि आयु पिरामिड जनसंख्या की आयु संरचना को सरल व स्पष्ट रूप में प्रदर्शित करता है। किसी देश की जनसंख्या के आयु पिरामिड से हम उस के आर्थिक, सामाजिक आदि परिस्थियों का कुछ सीमा तक अनुमान लगा सकते हैं। यही कारण है कि जनसंख्या भूगोलवेत्ता आयु संरचना के विश्लेषण हेतु आयु पिरामिड प्रयोग अधिक करते हैं।
जैसा कि हमें ज्ञात हो चुका है कि आयु पिरामिड आयु तथा लिंग दोनों की संरचना को एक ही साथ प्रदर्शित करता है जिसके कारण इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। इसकी अधिक उपयोगिता तथा लोकप्रियता के निम्नलिखित कारण हैं।
(1) हम जान चुके हैं कि आयु पिरामिड की आकृति जनांकिकीय संक्रमण को विशिष्ट अवस्था के अनुसार होती है। अतः इसको देखकर ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इससे सम्बन्धित देश या क्षेत्र जनांकिकीय संक्रमण की किस अवस्था से गुजर रहा है। इस प्रकार किसी क्षेत्र के जनांकिकीय इतिहास को आयु पिरामिड के माध्यम से जाना जा सकता है।
(2) किसी देश की आयु पिरामिड की सामान्य आकृति में विकृति होने पर आकृति में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारणों का पता लगाना आवश्यक हो जाता है। आयु पिरामिड की आकृति में होने वाला परिवर्तन विशिष्ट ऐतिहासिक घटनाओं की भी याद दिलाता है। द्वितीय विश्व युद्ध में युवाओं की मृत्यु में वृद्धि तथा बाद के वर्षों में जन्मदर में आई गिरावट के फलस्वरूप कुछ देशों की आयु पिरामिड की आकृति में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं।
इसी प्रकार द्वितीय विश्व युद्ध के तुरन्त बाद जापान में गर्भपात को वैधता प्रदान करने से जन्मदर में आई गिरावट से उसके आयु पिरामिड का आधार (निम्न आयु वर्ग का स्तम्भ) छोटा हो गया है। आयु पिरामिड में आने वाली विकृति का कारण प्रवास भी हो सकता है।
(3) जनसंख्या भूगोलवेत्ता आयु पिरामिड का उपयोग जनसंख्या संरचना के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कार्यशील तथा आश्रित जनसंख्या की संरचना के विश्लेषण के लिए भी करते हैं। वयस्क आयु वर्ग प्रत्यक्ष रूप से कार्यशील होता है और उत्पादन से जुड़ा होता है जबकि बाल और वृद्ध आयु वर्ग मुख्यतः उपभोग से सम्बद्ध होते हैं। अतः आयु पिरामिड की आकृति को देखकर ही सम्बन्धित देश या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था तथा निर्भरता अनुपात आदि का आकलन किया जा सकता है।
इस प्रकार आयु पिरामिड विभिन्न प्रकार से जनसंख्या सम्बन्धी तथ्यों के विश्लेषण में एक उपयोगी उपकरण है किन्तु इसका एक प्रमुख दोष यह है कि इससे क्षेत्रीय भिन्नता का वास्तविक स्पष्टीकरण नहीं हो पाता है। इसीलिए जनसंख्या के क्षेत्रीय विश्लेषण के लिए आयु पिरामिडों की उपयोगिता कम होती है।
References
- जनसंख्या भूगोल, डॉ. एस. डी. मौर्या
- जनसंख्या भूगोल, आर. सी. चान्दना
Test Your Knowledge with MCQs
प्रश्न 1: आयु पिरामिड क्या दर्शाता है?
a) आयु और लिंग संरचना
b) केवल आयु संरचना
c) केवल लिंग संरचना
d) जनसंख्या घनत्व
प्रश्न 2: आयु पिरामिड में क्षैतिज अक्ष पर क्या दर्शाया जाता है?
a) आयु वर्ग
b) जनसंख्या का प्रतिशत
c) जन्मदर
d) मृत्युदर
प्रश्न 3: आयु पिरामिड की आकृति किस पर निर्भर करती है?
a) जनसंख्या नीति
b) प्राकृतिक संकट
c) जनांकिकीय संक्रमण की अवस्था
d) उपरोक्त सभी
प्रश्न 4: जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में आयु पिरामिड का आधार कैसा होता है?
a) संकुचित
b) चौड़ा
c) समतल
d) गोलाकार
प्रश्न 5: विकसित देशों का आयु पिरामिड कैसा होता है?
a) चौड़ा आधार और नुकीला शीर्ष
b) संकुचित आधार और चौड़ा शीर्ष
c) समतल आधार और नुकीला शीर्ष
d) संकुचित आधार और समतल शीर्ष
प्रश्न 6: प्राकृतिक संकट के प्रभाव से आयु पिरामिड में किस प्रकार का परिवर्तन हो सकता है?
a) केवल निचले आयु वर्ग में
b) केवल ऊपरी आयु वर्ग में
c) मध्य आयु वर्ग में
d) सभी आयु वर्गों में
प्रश्न 7: किस अवस्था में जनांकिकीय संक्रमण के दौरान मृत्युदर तेजी से गिरती है?
a) प्रथम
b) द्वितीय
c) तृतीय
d) चतुर्थ
प्रश्न 8: आयु पिरामिड का उपयोग किस लिए किया जाता है?
a) आर्थिक गतिविधियों के विश्लेषण के लिए
b) जनसंख्या की संरचना का विश्लेषण करने के लिए
c) जन्मदर को बढ़ाने के लिए
d) प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन करने के लिए
प्रश्न 9: प्रवास का आयु पिरामिड पर क्या प्रभाव पड़ता है?
a) केवल पुरुष जनसंख्या में परिवर्तन
b) केवल महिला जनसंख्या में परिवर्तन
c) आयु संरचना में परिवर्तन
d) लिंग अनुपात में कोई परिवर्तन नहीं
प्रश्न 10: जनसंख्या नीति का आयु पिरामिड पर क्या प्रभाव होता है?
a) पिरामिड के आधार का विस्तार
b) पिरामिड की ऊँचाई
c) केवल शीर्ष का विस्तार
d) कोई प्रभाव नहीं
उत्तर:
- a) आयु और लिंग संरचना
- b) जनसंख्या का प्रतिशत
- d) उपरोक्त सभी
- b) चौड़ा
- d) संकुचित आधार और समतल शीर्ष
- d) सभी आयु वर्गों में
- c) तृतीय
- b) जनसंख्या की संरचना का विश्लेषण करने के लिए
- c) आयु संरचना में परिवर्तन
- a) पिरामिड के आधार का विस्तार
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