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विश्व के प्रमुख महासागरीय मार्ग (Major Oceanic Routes of the World)

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इस लेख को पढ़ने के बाद आप विश्व के प्रमुख महासागरीय मार्गों (Major Oceanic Routes of the World) की पहचान करने में सक्षम होंगे।

विश्व के प्रमुख महासागरीय मार्ग (Major Oceanic Routes of the World)

जहां पहले महासागरों या समुद्रो को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों को अलग करने वाले अवरोध (barrier) के रूप में जाना जाता था,  वही अब उनको क्षेत्रों को आपस में जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण कड़ी समझा जाता है। आज महासागार परिवहन के प्राचीनतम और सबसे सस्ते एवं महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक साधन हैं। मानव के लिए महासागर प्रकृति द्वारा दिए गए ऐसे उपहार हैं जिनको यातायात (transportation) के रूप में प्रयोग करने पर कोई खर्च नहीं करना पड़ता और न ही सड़कों, रेलमार्गों तथा नहरों की भाँति उनका रख-रखाव करना पड़ता है।

इसके अतिरिक्त इसका  उपयोग करने में  अपेक्षाकृत कम ऊर्जा की आवश्यकता पहोती है। तथा समुद्री मार्ग में स्थलीय तथा अन्तर्देशीय जलमार्गों (inland waterways) की तरह विभिन्न  प्रकार की बाधाओं का सामना भी नहीं करना पड़ता है। सबसे  महत्वपूर्ण बात यह है कि महासागर तथा समुद्र बने-बनाये विश्व-मार्ग हैं, जिन पर किसी राष्ट्र विशेष का अधिकार नहीं होता और ये सभी राष्ट्रों द्वारा प्रयोग किए जा सकते हैं। इसलिए प्रमुख मार्गों के रूप में महासागर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए वरदान सिद्ध हुए हैं।

प्राचीनकाल में जहां पालदार जहाजों (sailing ships) के द्वारा व्यापार किया जाता था, वहीं वर्तमान समय में शक्तिशाली इंजनों से चलाए जाने वाले विशाल यात्री जहाज़ और माल वाहक जहाज़ों ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बहुत बढ़ावा दिया है। आधुनिक जलयानों की सबसे खास बात यह है कि वे यातायात के अन्य साधनों की अपेक्षा कहीं अधिक सामान ढोते हैं और लम्बी दूरियो तक सामान ढोने का किराया भी बहुत कम होता है।

आजकल तो समुद्री जहाजों में प्रशीतन प्रणाली (refrigeration system) के प्रयोग से नाशवान् (perishable) वस्तुओं-जैसे माँस, फल, मछली, सब्जी, और दूध से बने सामान आदि  के व्यापार में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। बड़े टैंकर वाले समुद्री जहाज तो पेट्रोलियम की विशाल  मात्रा ढ़ोते हैं।

यदि संसार के विभिन्न महासागरीय मार्गों की बात करें तो ये मार्ग विभिन्न प्रकार के कारकों पर आधारित होते हैं। जैसे: दो स्थानों के बीच आने वाले स्टेशनों पर ईंधन की आपूर्ति की व्यवस्था, जहाज पर ले जाए जाने वाले पदार्थ का वजन, रास्ते में हिमशैलों (icebergs)  की उपस्थिति, कोहरा, तूफान, तथा समुद्री जल धाराएं आदि।

आइए अब संसार के प्रमुख महासागरीय मार्गों के बारे में जानते हैं:

संसार का अधिकतर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार निम्नलिखित समुद्री मार्गों के द्वारा किया जाता है

  1. उत्तर अटलांटिक मार्ग
  2. भूमध्यसागरीय हिंद महासागरीय मार्ग
  3. केप ऑफ गुड होप मार्ग
  4. दक्षिणी अटलांटिक मार्ग
  5. कैरीबियन सागर व्यापारिक मार्ग
  6. प्रशांत महासागरीय मार्ग
  7. स्वेज नहर मार्ग
  8. पनामा नहर मार्ग

1. उत्तर अटलांटिक मार्ग (North Atlantic route)

यह  विश्व का सबसे अधिक व्यस्ततम महासागरीय मार्ग है, जो पश्चिमी यूरोपीय देशों तथा उत्तरी अमेरिका के बीच स्थित है। इस महासागरीय मार्ग के दोनों ओर विश्व के प्रमुख औद्योगिक उन्नति वाले देश, यूरोप के पश्चिमी देश तथा संयुक्त राज्य अमेरिका एवं पूर्वी कनाडा स्थित है। इनके बीच व्यापार के अंतर्गत खाद्य पदार्थों, कच्चे मालों तथा उत्पादित सामग्री की मात्रा विश्व के अन्य सभी महासागरीय मार्गो की अपेक्षा अधिक रहती है।

पूरे विश्व के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का लगभग 1/4 भाग इसी मार्ग के द्वारा होता है। इस मार्ग पर सबसे पहले 1938 में स्टीमर जलपोत शुरू हुआ था। तब से लेकर आज तक यहां परिवहन का इतना विकास हुआ है कि अब तक लगभग 300 कंपनियों को जलपोत इस मार्ग पर चलने लगे हैं।

पश्चिमी यूरोप के मुख्य बंदरगाह (अटलांटिक महासागर का पूर्वी तट):  लंदन, लिवरपूल, हैम्बर्ग, ब्रजेन, रॉटरडम एमस्टरडम, दी हेग, रोम, नेपिल्स आदि।

उत्तरी अमेरिका व कनाडा की बंदरगाह (अटलांटिक महासागर पश्चिमी तट):  उत्तरी अमेरिका में हेलीफ़ेक्स, न्यूयार्क, बोस्टन, फिलाडेलफिया, बाल्टीमोर, गेलवेस्टन, चार्ल्सटन, न्यूआर्लियन्स, हाउसटन और कनाडा का क्वेबेक आदि।

निर्यात की जाने वाली वस्तुएं

कनाडा से गेहूँ, जौ, मछली, नर्म लकड़ी, काष्ठ मण्ड, कागज, ऐलुमिनियम, ताँबा, टिटेनियम, जस्ता, एस्बेस्टस, पारा, पोटाश, प्लेटिनम, चाँदी और यूरेनियम का निर्यात होता है। 

संयुक्त राज्य अमेरिका से गेहूँ, कपास, रूई, कोयला, पेट्रोलियम, सोयाबीन, तेल, मशीनरी, कृषि यन्त्र, साइन्स के सामान, मोटरकार, वस्त्र, आदि का निर्यात होता है। 

यूरोप से मशीनें, वस्त्र, साइन्स का सामान, आदि का निर्यात होता है।

2. भूमध्यसागरीय – हिंद महासागरीय मार्ग (Mediterranean – Indian ocean route)

यह विश्व का सबसे अधिक लम्बा महासागरीय व्यापारिक मार्ग है, जो विश्व के मध्य सागर(भूमध्यसागर) से होकर जाता है और विश्व के सबसे बड़े स्थल भाग तथा विश्व की अधिकतम जनसंख्या (3/4 जनसंख्या) की सेवा करता है। यह मार्ग यूरोपीय और अमेरिकन पश्चिमी सभ्यता को भारत, चीन और जापान की पूर्वी सभ्यता से जोड़ता है। यह मार्ग पश्चिमी यूरोप से भूमध्यसागर होकर स्वेज़ नहर और लाल सागर को पार करता हुआ, हिन्द महासागर में पूर्वी अफ्रीका, दक्षिणी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को चला जाता है। इसी मार्ग की एक शाखा पूर्वी एशिया में चीन, जापान को जाती है।

भूमध्यसागर सागर तट के प्रमुख बंदरगाह – लेनिनग्राद, हेम्बर्ग, एम्स्टर्डम रोडरड्म, लन्दन, साउथेम्पटन, लिवरपूल, लोहेवर, लिस्बन, मार्सेली, जेनोआ, रोम, नेपुल्स, ओदेसा, पोर्ट सईद, आदि।

हिंद महासागर प्रमुख बंदरगाह – मुम्बई, कोलम्बो, सिंगापुर, पर्थ, एडिलेड, सिडनी तथा अफ्रीका के मोम्बासा, जेन्जीबार, डरबन, आदि हैं। सिंगापुर से एक शाखा हाँगकाँग, सिडनी, जापान और फिलिपीन्स को चली जाती है।

3. केप ऑफ गुड होप अर्थात् उत्तम आशा अन्तरीप मार्ग (Cape of Good-Hope route)

यह  महासागरीय मार्ग उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट और पश्चिमी यूरोपीय देशों को अफ्रीका, दक्षिणी एशिया, पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया से जोड़ता है। स्वेज़ नहर के बन जाने से इस मार्ग का महत्व पहले से कम हो गया है।

पश्चिमी यूरोप से जहाज़ केप वर्डे द्वीपों के पास से होते हुये बृहत्-वृत्त (great circle) द्वारा अफ्रीका के दक्षिण में केप ऑफ गुड होप पहुँचते हैं। वहाँ केप टाउन बन्दरगाह है। केप टाउन बन्दरगाह से इण्डोनेशिया जाने वाले समुद्री जहाज़ बृहत् वृत्त मार्ग से जाते हैं, परन्तु केप टाउन से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का मार्ग बृहत्-वृत्त से कुछ उत्तर में है, ताकि जहाज़ों के मार्ग में तूफान और हिम खण्ड न आयें। रास्ते में समुद्री जहाज़ों के ईंधन लेने के लिए केपटाउन, पोर्ट एलिज़ाबेथ, ऐडिलेड, मेलबोर्न, सिडनी, आदि बन्दरगाह हैं।

निर्यात की जाने वाली वस्तुएं

दक्षिणी-पूर्वी एशिया से रबर, टिन, पेट्रोलियम, खाद्य पदार्थ, चीनी, कॉफी, नारियल, मसाले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से ऊन, डेयरी के पदार्थ, खालें तथा, अन्य कच्चे माल जाते हैं। इनके बदले में निर्मित सामग्री आती है।

अफ्रीका से ताड़ का तेल, आइवरी नट्स, फल, गोंद, मोहेर ऊन, खालें, मक्का, कॉफी, कोको, चीनी, माँस, आदि पदार्थ भेजे जाते हैं। दक्षिणी अफ्रीका के निर्यातों में सोना,कुछ लोह-मिश्र धातुयें का निर्यात होता है। तथा अलोह धातुएँ ताँबा, जस्ता, आदि का निर्यात होता है।

पूर्वी अफ्रीका से रूई, कॉफी, तम्बाकू और तिलहन का निर्यात होता है। पश्चिमी यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका से जो माल अफ्रीका को आता है, उसमें औद्योगिक मशीनरी, खनन मशीनरी, खोदने और रचना करने की मशीनें, कृषि के उपकरण, परिवहन की गाड़ियाँ, रासायनिक पदार्थ, स्वर का सामान, पेट्रोलियम के उत्पादन और बिजली के सामान होते हैं।

4.दक्षिणी अटलांटिक मार्ग (South Atlantic route)

दक्षिणी अमेरिका में अमेजन बेसिन के  सघन वनों से, ब्राजील के पठार व पेटागोनिया की विस्तृत चरागाहों से, पम्पास के उपजाऊ कृषि प्रदेशसे, और एण्डीज के खनिज भण्डारों से विभन्न उत्पादों को पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बृहत् बाजरोंर में निर्यात किया जाता है।

दक्षिणी अटलांटिक मार्ग के प्रमुख बंदरगाह

दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी तट के बन्दरगाह मोण्टेविडियो और रायो-डि-जेनेरो, सेन्टोस, ब्यूनस आयर्स हैं।

निर्यात की जाने वाली वस्तुएं

अर्जेंटीना, ब्राजील और यूरुग्वे से विशाल मात्राओं में गेंहू, मक्का, हिमीभूत माँस, ऊन, चमड़ा और खालें निर्यात होती हैं। कॉफी, चीनी, वनस्पति तेल, चर्वियाँ, मोम, चूर्म शोधक टेनिंग पदार्थ, कपास (रुई), तम्बाकू, उष्ण कटिबन्धीय और उपोष्ण कटिबन्धीय लकड़ी भी निर्यात होती है।

लोह-अयस्क मैंगनीज, क्रोमियम, टंगस्टन, बॉक्साइट, अभ्रक, आदि खनिजों का निर्यात भी बड़ी मात्राओं होता है।

उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप से लौटते हुए जहाजों में लौह-इस्पात, रेलवे-इंजन, रेलवे-वैगन, औद्योगिक मशीनरी, मोटर ट्रक, कार, रासायनिक पदार्थ, वस्त्र तथा अन्य निर्मित सामग्री आते हैं।

पेटागोनिया से ब्यूनस आयर्स को पेट्रोलियम आता है। मध्य अर्जेंटीना से पूर्वी ब्राजील को गेहूँ, आटा, समशीतोष्ण फल और शराब का निर्यात होता है। ब्राजील से अर्जेंटीना को केला, कॉफी, लोह-अयस्क और लकड़ी का निर्यात होता है।

5.कैरीबियन सागर व्यापारिक मार्ग (Caribbean sea trade route)

कैरीबियन सागर में स्थित पश्चिमी द्वीपसमूहों से तथा वेनेजुएला, गायना, सूरीनाम, आदि देशों से उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तटीय बन्दरगाहों और यूरोप को खाद्य-पदार्थों व खनिज पदार्थों का निर्यात होता है। इन द्वीपों और देशों से चीनी, चीनी का औद्योगिक शीरा, केला, कॉफी, कोको, नारियल, बीन्स, शीतकालीन तरकारियाँ, कठोर वनस्पति-रेशे, कपास, उष्ण कटिबन्धीय लकड़ी का निर्यात होता है। गन्धक, बॉक्साइट, पोटाश, नमक, फॉस्फेट शैल, पेट्रोलियम एवं लौह-अयस्क भी निर्यात होते हैं।

अमेरिका और यूरोप से आयात किये जाने वाले माल में मुख्यतः खाद्य-पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, कागज, वस्त्र, मशीनें और परिवहन गाड़ियाँ होती हैं। इस मार्ग का सम्बन्ध अमेरिका के बन्दरगाहों न्यू ओर्लियन्स, गेल्वेस्टन, हाउसटन, मोरिखविले, स्पेरोज पोइन्ट, फिलाडेलफिया, न्यूयार्क, आदि से है। यूरोप के बन्दरगाहों – लन्दन, लीहेवर, हेम्बर्ग, आदि से यह मार्ग सम्बन्धित है। पनामा नहर का प्रयोग करके यह व्यापारिक मार्ग उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तटीय बन्दरगाहों, सेन फ्रांसिस्को, सीएटल और बैंकूवर से जुड़ा है, तथा दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट से भी जुड़ा है।

6. प्रशान्त महासागरीय मार्ग (Pacific oceanic route)

हालांकि प्रशान्त महासागर सबसे बड़ा महासागर है, जो पृथ्वी तल के 1/8 भाग पर फैला हुआ है, फिर भी इसमें व्यापारिक परिवहन की मात्रा बहुत कम है। इसके दो कारण हैं 

(i) विश्व के मुख्य औद्योगिक प्रदेश, यूरोप तथा अमेरिका अटलांटिक के तटों पर हैं,  प्रशान्त के तट पर केवल जापान एक ऐसा औद्योगिक उन्नति का देश है। 

(ii) पैसिफिक में कोई ऐसा द्वीप नहीं है जिसका व्यापारिक महत्व हो ।

उत्तरी प्रशान्त मार्ग, उत्तरी अमेरिका तट को एशिया के देशों से जोड़ता है। इसकी दो शाखायें हैं:

(i) एक शाखा – चीन-जापान से पश्चिमी अमेरिका तट को जाने के लिए एल्यूशियन द्वीपों के समीप बृहत्-वृत्त मार्ग का अनुसरण करती है। 

(ii) दूसरी शाखा हवाई द्वीप होकर जाती है, जो एशियाई देशों तथा ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड को जाती है। अमेरिकन बन्दरगाह लॉस ऐंजिलीस, सेन फ्रांसिस्को,सीएटल, पोर्टलैंड, बैंकूवर और प्रिंस रूपर्ट हैं। एशियाई बन्दरगाह टोकियो, योकोहामा, कोबे, ओसाका, शंघाई, टीन्टसिन और हाँगकाँग हैं।

निर्यात की जाने वाली वस्तुएं

पश्चिमी अमेरिकी तट से लकड़ी, काष्ठ मण्ड, कागज़, गेहूँ, रूई, पेट्रोलियम, रद्दी इस्पात (स्क्रेप), गन्धक, फॉस्फेट तथा निर्मित सामग्री का निर्यात होता है। चीन, जापान, फिलिपीन्स, आदि से नारियल, चीनी, मनीला-हैम्प (सन), चाय, डिब्बा बन्द मछली, वनस्पति तेल और सूती वस्त्र आते हैं। जापान ने इतनी औद्योगिक उन्नति की है कि अब जापानी बिजली का सामान, कैमरे, वस्त्र, सस्ती कारें और बृहत् जलपोत अमेरिका के बाजारों में बिकते हैं।

7. स्वेज नहर मार्ग (Suez Canal Route)

इस मार्ग की विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

https://geogyan.in/economic-geography/suez-canal/

8. पनामा नहर मार्ग (Suez Canal Route)

इस मार्ग की विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

https://geogyan.in/economic-geography/panama-canal/

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