सूर्य से सम्बंधित कुछ विशिष्ट तथ्य (Special facts Related to the Sun)
सूर्य (Sun) और उसके आस-पास घूमते 8 ग्रह, 172 उपग्रह, उड़ने वाले धूमकेतु, उल्काएं, और छोटे ग्रहों को सम्मिलित रूप से हम सौरमंडल कहते हैं। ताजा में, दिसंबर 2017 में, नासा ने अपनी केपलर अंतरिक्ष टेलीस्कोप और गूगल की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) की मदद से नये सौरमंडल की खोज की। इस नए सौरमंडल में 8 ग्रह हैं और ये केपलर-90 नामक ग्रह के चारों ओर घूमते हैं, इसलिए इसे केपलर-90 तारामंडल (Kepler 90 Star System) कहा जाता है।
सूर्य की अनूठी विशेषताएँ
- सूर्य (Sun) जो कि सौरमंडल का जन्मदाता है, एक तारा है, जो ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत, उसके केन्द्र में हाइड्रोजन परमाणुओं का नाभिकीय संलयन द्वारा हीलियम परमाणुओं में बदलना है।
- सूर्य के उस भाग को, जिसे हम अपनी आँखों से देखते हैं, प्रकाशमंडल (Photosphere) कहते हैं।
- सूर्य (Sun) का बाह्यतम भाग, जो केवल सूर्यग्रहण के समय दिखता है, कोरोना (Corona) कहलाता है।
- कभी-कभी प्रकाशमंडल से परमाणुओं का तूफान इतनी तेज़ी से निकलता है कि सूर्य (Sun) की आकर्षण शक्ति को पार करके अंतरिक्ष में चला जाता है; इसे सौर ज्वाला (Solar Flares) कहते हैं। जब यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो हवा के कणों से टकराकर रंगीन प्रकाश (Aurora Light) उत्पन्न होता है, जिसे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर देखा जा सकता है।
- उत्तरी ध्रुव पर इसे औरोरा बोरियालिस और दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा ऑस्ट्रलिस कहते हैं।
- सौर ज्वाला जहां से निकलती है, वहाँ सूर्य की सतह पर काले धब्बे दिखाई पड़ते हैं, जिन्हें हम सौर-कलंक (Sun Spots) कहते हैं। ये सूर्य (Sun) के अपेक्षाकृत ठंडे भाग हैं, जिनका तापमान 1500°C होता है। सौर कलंक प्रबल चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करता है, जो पृथ्वी के बेतार संचार व्यवस्था को बाधित करता है।
- सौर-कलंकों के बनने-बिगड़ने की प्रक्रिया औसतन 11 वर्षों में पूरी होती है, जिसे सौर-कलंक चक्र (Sunspot-Cycle) कहते हैं।
- स्टीरियो मिशन (STEREO) नासा (NASA) और ईएसए European Space Agency (ESA) का एक संयुक्त मिशन है। इसे अक्टूबर 2006 में लॉन्च किया गया था। स्टीरियो मिशन को दो अलग-अलग दृष्टिकोणों से सूर्य के वातावरण और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था।
- पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) नासा (NASA) का एक अंतरिक्ष यान है जिसे अगस्त 2018 में लॉन्च किया गया था। यह सूर्य के वातावरण में उड़ान भरने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) को सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत, सूर्य (Sun) के कोरोना का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का एक संयुक्त मिशन है। इसे फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया था। सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) को सूर्य के वातावरण और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए तैयार किया गया था।
- इंटरनेशनल लिविंग विद ए स्टार (ILWS) कार्यक्रम नासा (NASA) के नेतृत्व वाला एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो सूर्य (Sun) और पृथ्वी पर इसके प्रभावों का अध्ययन करता है। ILWS कार्यक्रम को सूर्य और पृथ्वी पर इसके प्रभाव के बारे में हमारी समझ में सुधार करने और सौर तूफानों (solar storms) के प्रभावों को कम करने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए तैयार किया गया है।
- सूर्य (Sun) के कोरोना का अध्ययन एवं पृथ्वी पर इलेक्ट्रॉनिक संचार में व्यवधान पैदा करने वाली सौर-लपटों की जानकारी प्राप्त करने के लिए इसरो ने आदित्य-1 उपग्रह भारत का पहला वैज्ञानिक अभियान है। आदित्य-1 उपग्रह सोलर कॅरोनोग्राफ यंत्र की मदद से सूर्य के सबसे बाह्य भाग का अध्ययन करेगा।
पृथ्वी से न्यूनतम दूरी | 14.70 करोड़ किमी. |
पृथ्वी से अधिकतम दूरी | 15.21 करोड़ किमी. |
पृथ्वी से माध्य दूरी | 14.98 करोड़ किमी. |
सूर्य का व्यास | 13,92,000 किमी. |
आयतन | पृथ्वी से 13 लाख गुना |
द्रव्यमान | पृथ्वी से 332,000 गुना |
तलीय गुरुत्व | पृथ्वी से 28 गुना |
केन्द्रीय घनत्व | 100 ग्राम प्रति घन सेमी. |
रासायनिक संघटन | हाइड्रोजन – 71%, हीलियम 26.5%, अन्य तत्व- 2.5% |
फोटोस्फीयर ताप ( सतह का ताप) | 6000 °C |
केन्द्र का ताप | 15 मिलियन °C |
सूर्य धब्बों का ताप | 1500°C |
ऊर्जा का उत्सर्जन | 1026 जूल/सेकेंड (1026 J/s) |
केन्द्रीय दबाव | 1 अरब एटमॉस्फीयर |
घूर्णन अवधि | 25.38 दिन (भूमध्य रेखा के सापेक्ष) 33 दिन (ध्रुवों के सापेक्ष) |
सूर्य की आयु | 5 बिलियन वर्ष (लगभग) |
सामान्य तारे का संभावित जीवन काल | 10 बिलियन वर्ष (लगभग) |
सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश को पहुँचने में लगा समय | 8 मिनट 20 सेकेंड |
सूर्य के प्रकाश की चाल | 3×108 m/s (3 लाख किमी. सेकेंड) |
1 प्रकाश वर्ष (सूर्य के प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी) | 9.45 x 1013 किमी. |
पारसेक (दूरी की सबसे बड़ी इकाई) | 3.6 प्रकाश वर्ष |
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