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इस लेख में आप राउल ब्लांशार (Raoul Blanchard) के भूगोल में योगदान से परिचित होंगे।
राउल ब्लांशार (Raoul Blanchard): जीवन परिचय
राउल ब्लांशार या ब्लैन्चर्ड (1877-1965) ब्लाश के शिष्य और फ्रांस के प्रमुख मानव भूगोलवेत्ता थे। उन्होंने 1906 में ‘फ्लैण्डर्स का प्रादेशिक भूगोल’ (Regional Geography of Flanders) विषय पर शोध प्रबंध प्रस्तुत किया और डाक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने ग्रेनोविल विश्वविद्यलय में भूगोल के प्रोफेसर और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया ।
राउल ब्लांशार ने अपने प्रयास से कई भौगोलिक संस्थानों तथा संगठनों को स्थापित किया और मानव भूगोल में नवीन खोजों, शोधकार्यों और लेखन को प्रोत्साहित किया। उन्होंने अल्पाइन भौगोलिक संस्थान (Alpine Institute of Geography) की स्थापना की थी और फ्रेंच आल्पस का गवेष्णात्मक अध्ययन किया था। ब्लांशार ने ग्रेनोविल में एक ‘नगरीय भूगोल संस्थान’ स्थापित किया था जिसके माध्यम से कई फ्रांसीसी नगरों- नान्सी, लियोन्स, मार्सेलीन, नाइस, वोर्डिओ आदि के भौगोलिक अध्ययन प्रकाशित किये गए थे।
एक भूगोलवेत्ता के रूप में राउल ब्लांशार का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रदेशों में मनुष्य और उसके पर्यावरण के मध्य स्थापित सम्बंधों की व्याख्या करना था। उनकी अध्ययन शैली व्यक्तिगत पर्यवेक्षणों एवं अभिलेखों, साक्षात्कार तथा जाँचों पर आधारित थी।
राउल ब्लांशार (Raoul Blanchard) की प्रमुख रचनाएं
राउल ब्लांशार की प्रमुख रचनाएं निम्नांकित हैं-
(1) ग्रेनोविल का नगरीय भूगोल (Urban Geography of Grenoville, 1911)
(2) नगरीय भूगोल का विधितंत्र (Methodology of Urban Geography, 1922)
(3) पश्चिमी एशिया (Asia Occidental, 1933)
(4) उत्तरी अमेरिका (L. Amerique du Nord, 1933)
(5) फ्रांसीसी पूर्वी कनाडा क्यूबेक (Est du Canada Francais Quebec 1935)
(6) फ्रांसीसी आल्पस (French Alps, 1956)