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हैकेटियस: भूगोल का पिता (Hecataeus: Father of Geography) 

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Hecataeus World Map
हैकेटियस द्वारा बनाया गया विश्व मानचित्र (Source: pinterest.es)

हैकेटियस: भूगोल का पिता (Hecataeus: Father of Geography)

हैकेटियस का जीवनकाल 500 BC. के आसपास माना जाता है। मिलेटस (Miletus) के निवासी हैकेटियस को दूरदर्शी, कूटनीतिज्ञ एवं इतिहासवेत्ता माना जाता है। भूगोल लेखन की साहित्यिक परंपरा की शुरुआत भी हैकेटियस महोदय ने की और उनकी पुस्तक जेस पीरियड्स (पृथ्वी का विवरण) को इस क्षेत्र में पहला ज्ञात प्रयास माना जाता है। उन्होंने विश्व के बारे में उपलब्ध ज्ञान को उपयोगी रूप में इस पुस्तक में संश्लेषित किया। 

जेस पीरियड्स में पहली बार विश्व का व्यवस्थित वर्णन है, अतः हैकेटियस को ‘भूगोल का पिता’ (Father of Geography) कहते हैं। इसमें भूमध्यसागर, द्वीपों, अंतरीपों और विश्व के सभी देशों की सामान्य रूपरेखा वर्णित है। परन्तु दुर्भाग्यवश अब इसकी अधिकांश सामग्री मौजूद नहीं है। हैकेटियस को यूनानी-गद्य (Greek Prose) का प्रथम-लेखक भी माना जाता है।

उस समय के ज्ञात विश्व की हैकेटियस ने बहुत यात्राएं की। हेरोडोटस (Herodotus) के अनुसार हैकेटियस ने मिस्त्र में थेब्स (Thebes) की यात्रा भी की थी। परन्तु इस बात के कोई साक्ष्य नहीं मिलते कि उसने दूर-दूराज़ के स्पेन, इस्तर (डेन्यूब), कोलाचिस (आर्मीनिया) और यूगज़ियन (Black Sea) के तटीय देशों की यात्रा की। उसने अपने लेखों में इटली व सिसली के बारे में भी कुछ नहीं लिखा। संभवतः वह पश्चिम की ओर गया ही नहीं। 

लेकिन हैकेटियस दूर-दराज़ से आने-जाने वाले व्यापारियों से मिलता-जुलता रहता था। उसके मूल नगर मिलेटस के साथ व्यापारियों के विस्तृत संबंध बने हुए थे, और इसका लाभ हैकेटियस ने भी उठाया । उसने अपने कार्यों में विश्व के बारे में सामान्य वर्णन दिया, और उसके कार्यों में भूमध्य सागर के आसपास के स्थानों व क्षेत्रों का वर्णन, विशेषत: एजियन सागर के समीप के देशों के बारे में विवरण है। उसका यह कार्य पेरीप्लस’ अर्थात् तटीय-सर्वेक्षण कहलाता है।

हैकेटियस अपने ने जेस पीरियड्स (पृथ्वी का विवरण) में अपने अनुभवों का विवरण दो खण्डों (Volumes) में प्रकाशित किया। पहले खण्ड में यूरोप की भौगोलिक सूचनाएँ, और दूसरे  में लीबिया (अफ्रीका) सहित एशिया का वर्णन किया। 

यूरोप वाले खण्ड में उसने यूनान व एजियन सागर के तटों का विस्तृत विवरण दिया और एड्रियाटिक सागर, इटली व स्पेन के बाद थ्रेस (Thrace), सीथिया (काला- सागर का उत्तरी भाग) का वर्णन किया। उसने इस खण्ड में यूनानी बस्तियों के साथ-2 उन जन-जातियों का भी वर्णन किया है, जो यूनानी बस्तियों से सम्बन्ध रखती थीं। इस्त्री जनजाति (Istri tribe) को वह एड्रियाटिक के शीर्ष पर स्थित मानता था। उसने पो नदी को भी इस्त्री कहा, जिसका मैदान अत्यन्त उपजाऊ है। उसने यूरोप को सबसे बड़ा महाद्वीप भी माना। 

अपने दूसरे खण्ड में हैकेटियस ने हेलेसपोण्ट, यूगज़ियन के दक्षिण के तट व कॉकेशिया, एशिया माइनर, सीरिया, मिश्र व लीबिया का वर्णन किया। उसने मेडिज़, पार्थियनों, फारसियों और भारतीयों का भी वर्णन किया, परन्तु इनकी सूचनाओं के स्रोत नहीं दिए हैं तथा इनका विवरण भी अस्पष्ट है। उसने इस खण्ड में फासिस नदी (Phasis River) व पड़ोसी क्षेत्रों जहाँ कोलची (Colchis) बसे थे, वर्णन किया है। 

आर्मीनिया की मातिनी (Matieni) जनजाति के बारे में हिकेटियस को अच्छी जानकारी थी। उसके समय कैस्पियन सागर ‘हरसेन्यन’ (Hyrcanian) कहलाता था।  फारस की खाड़ी और कैस्पियन सागर के बीच फैली भूमि को उसने मानचित्र में ‘मेदिया’ (Media) दर्शाया। 

हैकेटियस ने भारत के बारे में भी सूचनाएँ एकत्रित कीं। मानचित्र में सिन्धु नदी भारत को उसने दर्शाया था और भारत के नगरों व अनेक जनजातियों को इंगित किया है। काबुल की घाटी और ऊपरी सिन्धु के बीच में विशेषतः गांधारी लोग बसे थे। इनकी राजधानी कस्पातिरस (Caspatyrus) सिन्धु के तट पर स्थित थी, जिसका हैकेटियस को ज्ञान था। भारत के विषय में उसकी सूचनाएँ केवल पश्चिमी भागों अर्थात् सिन्धु नदी के पश्चिम में फैले क्षेत्र तक सीमित थीं। 

इसके अतिरिक्त हैकेटियस ने मिश्र की नील नदी घाटी का दौरा किया था। उसके द्वारा प्रस्तुत फोनिक्स, हिप्पोपोटामस व मगरमच्छों का विवरण ज्यों का त्यों हेरोडोटस ने अनुकरण कर प्रस्तुत किया था। हैकेटियस नील नदी के स्रोत को दक्षिण महासागर में मानता था। उसके ऊपरी प्रवाह क्षेत्रों में नीग्रो व पिगमी आदिवासियों का वर्णन किया तथा लीबिया के उत्तरी तट के अनेक द्वीपों सहित उसका विवरणअपने दूसरे खण्ड में दिया।

हैकेटियस, पृथ्वी को वृत्ताकार तल मानता था और यूनान को विश्व के केन्द्र में स्थित ही समझता था। वह विश्व को महासागर, नदी से घिरा, और दो बराबर भागों में बटा हुआ मानता था। उसने अपने द्वारा बनाए गए मानचित्र में, उत्तर में यूरोप महाद्वीप और दक्षिण में लीबिया, अफ्रीका व एशिया को दर्शाया। कैस्पियन को वह आंतरिक सागर अथवा पूर्वी महासागर की खाड़ी समझता था। हैकेटियस का विश्व एनाक्जमेण्डर के मानचित्र पर ही आधारित था।

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