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संस्कृति (Culture) का अर्थ
‘संस्कृति’ का सामान्य अर्थ है सुन्दर बनाना, परिशुद्ध करना, संस्कार करना, सुधारना, पूर्णता प्रदान करना आदि। ‘संस्कृति’ शब्द का प्रयोग साहित्यकार, इतिहासकार, मानवशास्त्री, नीतिशास्त्री (दार्शनिक), समाजशास्त्री आदि विविध संदर्भों में करते हैं किन्तु प्रायः सभी इसे परिमार्जित, परिष्कृत तथा विशुद्धि का प्रतीक मानते हैं। इतिहासकार इसके अन्तर्गत ज्ञान-विज्ञान, कला, धर्म, दर्शन, साहित्य, संगीत आदि मानवीय उपलब्धियों को सम्मिलित करते हैं।
एक मानवशास्त्री मूलतः मानव के जीवन पद्धति (way of life) को ही संस्कृति मानता है। इसके अन्तर्गत ज्ञान, विश्वास, कला, आचार, नियम तथा अन्य आदतों एवं गुणों को सम्मिलित किया जाता है जो एक मानव समाज को अपने पूर्ववर्ती मानव समाज से प्राप्त होते हैं।
एक समाजशास्त्री की दृष्टि में संस्कृति वह पूर्ण समिश्र है जिसमें वे समस्त वस्तुएं सम्मिलित हैं जिन पर हम विचार करते हैं, कार्य करते हैं और समाज के सदस्य के रूप में अपने पास रखते हैं। इसके अन्तर्गत जीवन जीने, कार्य करने तथा उन समस्त विधियों को सम्मिलित किया जाता है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित होते हैं और समाज के स्वीकृत अंग बन चुके हैं।
संस्कृति (Culture) की सामान्य विशेषताएं
- संस्कृति मानव निर्मित है और केवल मानव समाज में ही पायी जाती है।
- संस्कृति एक समाज से दूसरे समाज को, एक समूह से दूसरे समूह को और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित होती है।
- इसका हस्तान्तरण भाषा, लेखन, संकेत आदि माध्यमों से होता है। प्रत्येक समुदाय या समाज की प्रायः अपनी विशिष्ट संस्कृति होती है।
- संस्कृति (Culture) किसी समाज या समूह के लिए आदर्श होती है और उस समूह के लोग अपनी संस्कृति के अनुसार आचरण करते हैं।
- संस्कृति देश, काल तथा परिस्थिति के अनुसार परिवर्तनशील होती है और अनुकूलन करने में सक्षम होती है।
- संस्कृति मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करती है और भौतिक (material) तथा अभौतिक (non-material) दोनों प्रकार की होती है।
- भौतिक संस्कृति के अन्तर्गत मानव निर्मित समस्त प्रकार की भौतिक तथा मूर्त वस्तुओं को सम्मिलित किया जाता है। इन वस्तुओं को देखा जा सकता है, स्पर्श किया जा सकता है और इन्द्रियों द्वारा अनुभव किया जा सकता है। मूर्त होने के कारण भौतिक संस्कृति की माप की जा सकती है। औजार, परिवहन के साधन, गृह, सड़क, रेलमार्ग, कारखाने आदि भौतिक संस्कृति के उदाहरण हैं।
- अभौतिक संस्कृति के अन्तर्गत मानव जन्य उन समस्त तत्वों को सम्मिलित किया जाता है जो अमूर्त हैं और जिनका केवल इन्द्रियों द्वारा अनुभव किया जा सकता है। यह भावात्मक संस्कृति है जो किसी समाज के सदस्यों के विचारों तथा कार्यों में निहित होती है। सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्राप्त विचार, विश्वास, प्रतिमान, व्यवहार, प्रथा, मूल्य, रीति-रिवाज, ज्ञान-विज्ञान, कला, साहित्य, दर्शन, भाषा नैतिकता, धार्मिक विश्वास आदि अभौतिक संस्कृति के अंग हैं।
भूगोलवेत्ता के अनुसार संस्कृति का अर्थ
भूगोलवेत्ता सामान्यतः संस्कृति को पर्यावरण का मानव निर्मित भाग मानते हैं। इनके अनुसार संस्कृति जीवन यापन की एक महत्त्वपूर्ण विधा है जो मनुष्य की शारीरिक, मानसिक, तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। स्थानिक अध्ययन से सम्बद्ध होने के कारण भूगोलवेत्ता अधिकांशतः मानव निर्मित मूर्त (दृश्य) तत्वों को ही संस्कृति का अंग मानते हैं और संस्कृति को मूर्त तत्वों से सम्बद्ध करते हैं।
FAQs
संस्कृति मानव निर्मित है और केवल मानव समाज में ही पायी जाती है। यह एक समाज से दूसरे समाज को, एक समूह से दूसरे समूह को और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित होती है।
संस्कृति का हस्तान्तरण भाषा, लेखन, संकेत आदि माध्यमों से होता है।
भौतिक संस्कृति के अन्तर्गत मानव निर्मित समस्त प्रकार की भौतिक तथा मूर्त वस्तुओं को सम्मिलित किया जाता है, जैसे औजार, परिवहन के साधन, गृह, सड़क, रेलमार्ग, कारखाने आदि।
भूगोलवेत्ता सामान्यतः संस्कृति को पर्यावरण का मानव निर्मित भाग मानते हैं। उनके अनुसार, संस्कृति जीवन यापन की एक महत्त्वपूर्ण विधा है जो मनुष्य की शारीरिक, मानसिक, तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।
मानवशास्त्री के अनुसार, संस्कृति मानव के जीवन पद्धति (way of life) को ही माना जाता है, जिसमें ज्ञान, विश्वास, कला, आचार, नियम तथा अन्य आदतें और गुण सम्मिलित होते हैं।
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