चीन एक प्राचीन सभ्यता है, जहाँ हजारों वर्षों से विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक परंपराएँ विकसित हुई हैं। यहाँ के धर्म किसी एक ईश्वर की पूजा पर केंद्रित न होकर नैतिकता, समाज में संतुलन और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने पर आधारित हैं। चीनी धर्मों (Chinese Religion) में परलोक या मोक्ष की अवधारणा की तुलना में वर्तमान जीवन को संतुलित, सदाचारी और आनंदमय बनाने पर अधिक बल दिया गया है।
चीन में प्रमुख रूप से चीनी लोक धर्म (Chinese Folk Religion), कन्फूसियस धर्म (Confucianism), ताओ धर्म (Taoism) और बौद्ध धर्म (Buddhism) प्रचलित हैं। इन धर्मों का प्रभाव न केवल चीन बल्कि कोरिया, जापान, वियतनाम और ताइवान जैसे देशों में भी देखा जा सकता है।
चीनी धर्म (Chinese Religion) की उत्पत्ति और प्रसार
चीनी धर्मों की उत्पत्ति हजारों वर्षों पूर्व शांग (Shang) और झोउ (Zhou) राजवंशों के दौरान हुई। प्रारंभिक चीनी सभ्यता में लोग प्राकृतिक शक्तियों, पूर्वजों और विभिन्न देवताओं की पूजा करते थे। धीरे-धीरे इन धार्मिक मान्यताओं का विकास हुआ और ये व्यवस्थित दार्शनिक और धार्मिक प्रणालियों में परिवर्तित हो गईं।
- चीनी लोक धर्म की जड़ें प्राचीन काल से जुड़ी हैं और इसमें पूर्वजों की पूजा एवं प्रकृति के विभिन्न तत्वों की आराधना शामिल है।
- कन्फूसियस धर्म का प्रसार चीन के शासकों द्वारा किया गया, विशेष रूप से हैन राजवंश (206 ई.पू. – 220 ई.) के दौरान इसे राजधर्म का दर्जा प्राप्त हुआ।
- ताओ धर्म का विकास भी हान राजवंश के समय हुआ और बाद में यह चीन से कोरिया, जापान और वियतनाम तक फैल गया।
- बौद्ध धर्म भारत से चीन पहुँचा और धीरे-धीरे स्थानीय मान्यताओं के साथ मिश्रित हो गया।
आज ये सभी धर्म चीन की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना का अभिन्न अंग बन चुके हैं और इनका प्रभाव चीनी समाज की सोच, कला, वास्तुकला और नीति-निर्माण में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
चीनी लोक धर्म (Chinese Folk Religion)
चीनी लोक धर्म को “चीनी पारंपरिक धर्म” भी कहा जाता है। यह किसी एक संस्थापक पर आधारित नहीं है, बल्कि विभिन्न पारंपरिक मान्यताओं, रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों का एक समुच्चय है।
मुख्य विशेषताएँ
- यह धर्म मुख्य रूप से नैतिकता, प्रकृति पूजा और पूर्वजों की पूजा पर केंद्रित है।
- इसमें देवताओं, आत्माओं और ब्रह्मांडीय शक्तियों का विश्वास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- चीन की कुल जनसंख्या का 35% भाग इस धर्म को मानता है, जबकि विश्व स्तर पर इसके अनुयायियों की संख्या 40 करोड़ से अधिक है।
- इसमें कोई एक पवित्र ग्रंथ या संस्थापक नहीं है, बल्कि यह परंपराओं और रीति-रिवाजों से संचालित होता है।
- इसके अनुयायी मुख्य रूप से चीन, ताइवान, हांगकांग, कोरिया और वियतनाम में पाए जाते हैं।
चीनी लोक धर्म में मंदिरों और देवताओं की पूजा के साथ-साथ फेंगशुई (Feng Shui), यिन-यांग (Yin-Yang) और ज्योतिषीय मान्यताएँ भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कन्फूसियस धर्म (Confucianism)
कन्फूसियस धर्म की स्थापना कन्फूसियस (Confucius) ने 551 ईसा पूर्व में की थी। यह धर्म नैतिकता, अनुशासन, समाज में सद्भाव और उचित आचरण पर बल देता है।
मुख्य शिक्षाएँ
- समाज में शासक और प्रजा के बीच उचित आचरण, पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक संतुलन की शिक्षा देता है।
- यह धर्म पाँच प्रमुख संबंधों (Five Relationships) पर आधारित है:
1️ शासक और प्रजा
2️ पिता और पुत्र
3️ पति और पत्नी
4️ बड़े और छोटे भाई
5️ मित्रों के बीच संबंध - पूर्वजों की पूजा और उनका सम्मान इस धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- इसमें कोई औपचारिक धार्मिक संस्था या पुरोहित वर्ग नहीं होता है।
- हान राजवंश के दौरान यह राजधर्म बना और आज भी चीनी समाज पर इसका गहरा प्रभाव है।
कन्फूसियस धर्म केवल धार्मिक प्रणाली नहीं, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक व्यवस्था भी है, जिसने चीन की राजनीति, शिक्षा और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है।
ताओ धर्म (Taoism)
ताओ धर्म की स्थापना लाओत्से (Laozi) ने की थी, जो कन्फूसियस के समकालीन थे। इस धर्म की मूल अवधारणा “ताओ” (Dao) या “मार्ग” पर आधारित है, जो ब्रह्मांड की मूल शक्ति है।
मुख्य सिद्धांत
- यह धर्म जीवन के रहस्यमयी पहलुओं और प्राकृतिक सामंजस्य पर केंद्रित है।
- इसके अनुसार, प्रकृति के नियमों को अपनाकर और संघर्ष से बचकर व्यक्ति पूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है।
- ताओ धर्म के प्रमुख ग्रंथ “ताओ ते चिंग” (Tao Te Ching) और “झुआंगज़ी” (Zhuangzi) हैं।
- इसमें ध्यान, योग, साधना और जड़ी-बूटी चिकित्सा जैसी प्रथाओं को महत्त्व दिया जाता है।
ताओ धर्म का प्रभाव चीनी चिकित्सा, मार्शल आर्ट्स (Tai Chi), ध्यान और दर्शन में भी देखा जाता है।
बौद्ध धर्म और चीनी समाज
बौद्ध धर्म भारत से चीन पहुँचा और चीनी लोक धर्म, कन्फूसियस धर्म और ताओ धर्म के साथ घुलमिल गया। हैन राजवंश (206 ईसा पूर्व – 220 ईस्वी) के दौरान इसे राजकीय संरक्षण मिला और यह चीन में एक प्रमुख धर्म बन गया।
- बौद्ध धर्म ने चीनी समाज में करुणा, अहिंसा और मोक्ष प्राप्ति की धारणा को मजबूत किया।
चीन में बौद्ध धर्म के तीन प्रमुख संप्रदाय हैं: - महायान बौद्ध धर्म (Mahayana Buddhism)
- तंत्र बौद्ध धर्म (Tantric Buddhism)
- चान (Zen) बौद्ध धर्म
चीनी धर्मों के बीच संबंध
चीन में विभिन्न धर्मों के बीच कोई कठोर प्रतिस्पर्धा नहीं है। अधिकांश चीनी लोग कन्फूसियस धर्म, ताओ धर्म और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को एक साथ मानते हैं। यहाँ धार्मिक सहिष्णुता और एकता का भाव देखने को मिलता है।
निष्कर्ष
चीनी धर्म (Chinese Religion) केवल आध्यात्मिक आस्था नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। यह व्यक्ति को संतुलित, नैतिक और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है। चीनी लोक धर्म, कन्फूसियस धर्म, ताओ धर्म और बौद्ध धर्म ने मिलकर चीन की संस्कृति, समाज और शासन प्रणाली को गहराई से प्रभावित किया है।