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पर्वत एवं उनका वर्गीकरण (Mountains and their Classification)

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पर्वत पृथ्वी की सतह पर द्वितीयक क्रम (Second order) के उच्चावच हैं। ये वैसे ऊँचे स्थलभाग हैं, जिनका पार्श्व ढाल तीव्र व शिखर-क्षेत्र संकुचित होता है। ये निकटवर्ती क्षेत्रों की तुलना में सामान्यतः 1,000 मी. से अधिक ऊँचे होते हैं। ऐसे पर्वत जो 1,000 मी. से कम होते हैं, पहाड़ी कहलाते हैं। किसी पहाड़ या पहाड़ी की चोटी को पर्वत शिखर (Peak) कहते हैं। 

पर्वत श्रेणी (Mountain range)

एक ही काल में निर्मित तथा एक सँकरी पेटी में विस्तृत पर्वत एवं पहाड़ियों के क्रम को पर्वत श्रेणी (Mountain range) कहते हैं। इसमें अनेक पर्वत शिखर व घाटियाँ मिलती हैं। 

पर्वत श्रृंखला (Mountain chain)

भिन्न-भिन्न कालों में बनी समानान्तर श्रेणियाँ व एकाकी पर्वत मिलकर पर्वत श्रृंखला (Mountain chain) बनाते हैं। 

पर्वत समूह (Mountain group) 

एक पर्वत तंत्रों का ऐसा समू, जिसमें कई युगों में बने पर्वत व पहाड़ियाँ पायी जाती हैं पर्वत समूह (Mountain group) कहलाता है। 

कार्डिलेरा (Cordillera)

कार्डिलेरा (Cordillera) के अंतर्गत कई पर्वत समूह व पर्वत तंत्र शामिल किए जाते हैं। उत्तरी अमेरिका का प्रशांत तटीय पर्वतीय भाग रॉकी कार्डिलेरा इसका प्रमुख उदाहरण है।

पर्वतों का वर्गीकरण (Classification of Mountains)

संरचना के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण (Classification of Mountains on the Basis of Structure)

1. मोड़दार या वलित पर्वत (Folded mountains)

ये संपीडनात्मक शक्तियों (compressive forces) द्वारा निर्मित पर्वत हैं। जब चट्टानों में पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों द्वारा मोड़ या वलन (fold) पड़ जाता है तो उसे मोड़दार पर्वत कहा जाता है। मोड़दार पर्वत विश्व के सबसे ऊँचे तथा सर्वाधिक विस्तृत पर्वत हैं। ये पर्वत लहरदार होते हैं तथा इनमें अनेक अभिनतियाँ (Anticlines) व अपनतियाँ (synclines) पाई जाती हैं। हिमालय, आल्प्स, यूराल, एंडीज, एटलस आदि प्रमुख मोड़दार पर्वत हैं। 

2.अवरोधी या ब्लॉक पर्वत (Block mountains)

इनका निर्माण तनाव या खिंचाव की शक्तियों (Tensional forces) द्वारा होता है। इनसे भ्रंश (faults) या दरारें (cracks) बनती हैं, जिससे धरातल का कुछ भाग धँस जाता है तथा कुछ भाग ऊपर उठ जाता है। दरारों के समीप के ऊँचे उठे भाग ब्लॉक पर्वत (Block mountains) कहलाते हैं। भ्रंशों के निर्माण से संबद्ध होने के कारण इसे भ्रंशोत्थ पर्वत भी कहते हैं।

कैलिफोर्निया का सियेरा नेवादा पर्वत विश्व का सबसे अधिक विस्तृत ब्लॉक पर्वत है। संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊटा प्रांत का वासाच रेंज इसका उदाहरण है। यूरोप में वॉसजेस तथा ब्लैक फॉरेस्ट पर्वत ब्लॉक पर्वत के प्रमुख उदाहरण हैं। इनके मध्य भाग के धँसाव के कारण राइन भू-भ्रंश घाटी का निर्माण हुआ है। पाकिस्तान का साल्ट रेंज भी ब्लॉक पर्वत का उदाहरण हैं।

3. गुम्बदाकार पर्वत (Dome mountain)

गुम्बदाकार पर्वत की उत्पत्ति ज्वालामुखी क्रिया एवं स्थल में उभार के कारण होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका का ब्लैक हिल्स, सिनसिनाती उभार व बिगहार्न्स इसके उदाहरण हैं।

संग्रहित पर्वत या ज्वालामुखी पर्वत 

ज्वालामुखी के उद्गार से निस्सृत लावा, विखंडित पदार्थ तथा राखचूर्ण आदि के क्रमबद्ध अथवा असंबद्ध एकत्रीकरण के फलस्वरूप इन पर्वतों का निर्माण होता है। अतः इन्हें ज्वालामुखी पर्वत भी कहा जाता है। जापान का फ्यूजीयामा और इक्वेडोर का कोटोपैक्सी इसके प्रमुख उदाहरण हैं।

4. मिश्रित पर्वत या जटिल पर्वत (Compound Mountain)

जब किसी पर्वत में चट्टानों के मिश्रित रूप पाए जाते हैं तथा बनावट संबंधी जटिलताएँ विद्यमान होती हैं तो मिश्रित  पर्वत का निर्माण होता है। यू. एस. ए. का एनाकोंडा श्रेणी व सियेरा नेवादा मिश्रित पर्वत के प्रमुख उदाहरण हैं। 

5. अवशिष्ट पर्वत (Relic mountain)

ये मौलिक पर्वत नहीं हैं। अपरदन की शक्तियों द्वारा जब प्रारंभिक पर्वत घर्षित हो जाते हैं तो घर्षित पर्वत या अवशिष्ट पर्वतों का निर्माण होता है। भारत के  महादेव, अरावली, विंध्याचल, सतपुड़ा, पश्चिमी घाट, पारसनाथ, पूर्वी घाट, आदि अवशिष्ट पर्वतों के उदाहरण हैं।

पर्वत निर्माणकारी घटनाओं (आयु) के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण (Classification of Mountains on the Basis of Mountain Building Events (Age))

1. प्री-कैम्ब्रियन के पर्वत (Pre-Cambrian Mountains)

ये प्राचीनतम पर्वत हैं, परन्तु अत्यधिक अनाच्छादन के कारण ये आंशिक रूप में ही मिलते हैं। इस काल के दौरान उत्तरी अमेरिका में लॉरेंशियन पर्वत, एलगोमन पर्वत, किलानियन पर्वतों का निर्माण हुआ था। यूरोप महाद्वीप में भी फेनोस्कैंडिया व स्कॉटलैंड में प्री-कैम्ब्रियन पर्वतीकरण के उदाहरण पाए गए हैं। भारत में अरावली पर्वत इसी युग के पर्वत के उदाहरण हैं।

2. कैलिडोनियन पर्वत (Caledonian Mountains)

स्कॉटलैंड के प्राचीन पर्वत कैलिडोनिया के नाम पर इस युग के पर्वतों को कैलिडोनियन क्रम के पर्वत कहा गया है। कैलिडोनियन पर्वतीकरण की क्रिया पैल्योजोइक महाकल्प के विभिन्न युगों विशेषकर सिलूरियन व डिवोनियन युगों में सम्पन्न हुई। इस समय निर्मित पर्वतों में यूरोप में स्कॉटलैंड व आयरलैंड के पर्वत, स्कैंडिनेवियन पर्वत, दक्षिण अमेरिका के ब्राजीलाइड्स तथा भारत के विंध्याचल, महादेव व सतपुड़ा पर्वत प्रमुख हैं।

3. हर्सीनियन पर्वत (Hercynian Mountains)

कैलिडोनियन पर्वतीकरण के बाद एक ऐसे काल आरंभ हुआ जिसमें पर्वत निर्माण की क्रिया नही हुई। ऐसा समय कार्बोनिफेरस युग तक रहा। उसके पश्चात् पैल्योजोइक कल्प के अंतिम चरण में पर्मियन व कार्बोनिफेरस युगों में इन पर्वतों का उद्गम हुआ। जर्मनी के हॉर्ज पर्वत को आधार बनाकर इस काल के पर्वतों का यह नामकरण किया गया। यूरोप में फ्रांस का ब्रिटेनी पर्वत, वासजेस, ब्लैक फॉरेस्ट, फ्रेंकेनवाल्ड पर्वत एवं एशिया में अल्ताई, तिएनशान, नानशान, अलाई व ट्रांस अलाई, अमूर व गोबी के पर्वत इस युग के पर्वतों में प्रमुख हैं। उत्तरी अमेरिका में अप्लेशियन पर्वत हर्सीनियन हलचल के प्रमुख पर्वत हैं।

4. अल्पाइन पर्वत (Alpine Mountains)

 हर्सीनियन पर्वतीकरण के बाद फिर एक ऐसे काल आरंभ हुआ जिसमें पर्वत निर्माण की क्रिया नही हुई। जो मेसोजोइक महाकल्प के अन्त तक रहा। इस महाकल्प के अंतिम समय में पर्वतीकरण की प्रक्रिया पुनः प्रारम्भ हो गई। परन्तु अधिकतम पर्वत इसके बाद के सेनोजोइक महाकल्प यानि टर्शियरी युग के विभिन्न युगों इयोसिन, ओलिगोसिन, मायोसिन व प्लायोसिन में ही निर्मित हो सके। अतः अल्पाइन पर्वतों को टर्शियरी पर्वत भी कहा जाता है। इस समय के पर्वतों को अल्पाइन क्रम के पर्वत का नाम यूरोप के आल्प्स पर्वत के नाम पर दिया गया है। 

अल्पाइन पर्वतीकरण के फलस्वरूप प्रायः हर महाद्वीप में विस्तृत तथा उच्च मोड़दार पर्वतों का निर्माण हुआ है तथा कुछ प्राचीन पर्वतों का उत्थान भी हुआ है। उत्तरी अमेरिका में रॉकी पर्वत, दक्षिण अमेरिका में एंडीज पर्वत, यूरोप अल्पाइन पर्वत क्रम (मुख्यतः आल्प्स, डिनॉरिक आल्प्स, कारपेथियन, पिरेनिज, बाल्कन, काकेशस, कैंटेब्रियन, एपिनाइन आदि), अफ्रीका के एटलस पर्वत, एशिया में हिमालय व पामीर की गाँठ से निकलने वाले नवीन मोड़दार पर्वत (जाग्रोस, एलबुर्ज, क्युनलुन, काराकोरम आदि), म्यांमार का अराकानयोमा, पूर्वी एशिया के मोड़दार पर्वत, आस्ट्रेलिया का ग्रेट डिवाइडिंग रेंज आदि इसी युग के पर्वत हैं। अल्पाइन पर्वत अभी भी संतुलन की दृष्टि से अव्यवस्थित भू-भाग क्योंकि यहाँ अभी भी उत्थान जारी हैं।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)

कार्डिलेरा डि लॉस एंडीज विश्व की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला है। उसके बाद क्रमशः रॉकी, हिमालय व ग्रेट डिवाइडिंग रेंज का स्थान आता है। हिमालय विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी है। विश्व की सर्वोच्च पर्वत चोटी एवरेस्ट (ऊँचाई 8,848 मी.) इसी श्रेणी में स्थित है। माउंट मैकिन्ले उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है। काकेशस श्रेणी में स्थित एलब्रुश यूरोप की एवं माउंट ब्लैंक आल्प्स पर्वत श्रेणी की सर्वोच्च चोटी है।

Mountain ranges of world
विश्व की प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ

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