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अक्षांश एवं देशान्तर (Latitude and Longitude): परिचय
अक्षांश और देशांतर दो ऐसी मूलभूत अवधारणाएँ हैं जिनका उपयोग पृथ्वी की सतह पर किसी भी बिंदु या स्थान का पता लगाने के लिए किया जाता है। अक्षांश भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में किसी बिंदु या स्थान की कोणीय दूरी को मापता है, जबकि देशांतर प्राइम मेरिडियन के पूर्व या पश्चिम में किसी बिंदु या स्थान की कोणीय दूरी को मापता है। नेविगेशन, मानचित्रण और समय-क्षेत्र निर्धारित करने के लिए अक्षांश और देशांतर का उपयोग महत्वपूर्ण है।
अक्षांश (Latitude)
- भू-पृष्ठ पर विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा (Equator) से उत्तर या दक्षिण में स्थित किसी भी स्थान या बिन्दु की पृथ्वी के केन्द्र से मापी गई कोणीय दूरी, अक्षांश कहलाती है।
- अक्षांश को अंशों (degree), मिनटों (minutus) व सेकेंडों (seconds) में दर्शाया जाता है।
- विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा 0° का अक्षांश प्रदर्शित करती है। यह पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटता है।
- पृथ्वी के चारों ओर धरातल पर विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा (Equator) से उत्तर या दक्षिण में एक ही अक्षांश पर स्थित स्थानों को मिलाने से बनने वाले वृत्त या काल्पनिक रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है।
- भूमध्यरेखा से समानान्तर ध्रुव तक दोनों गोलार्द्ध में ऐसे अनेक अक्षांशीय वृत्तों का निर्माण होता है।
- उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्धां में 0° से 90° तक, 1° अन्तराल पर बनाए गए ऐसे वृतों की संख्या 180(90 उत्तरी गोलार्द्ध + 90 दक्षिणी गोलार्द्ध) होगी।
- यदि इनमें विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा (0° अक्षांश) को शामिल किया जाए तो अक्षांश रेखाएँ 181 होंगी।
- उत्तरी गोलार्द्ध में 23.5 ° उत्तरी अक्षांश कर्क रेखा (Tropic of Cancer) और 66.5° उत्तरी अक्षांश उत्तरी उप-आर्कटिक (North Sub Arctic) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में 23.5 ° दक्षिणी अक्षांश मकर रेखा (Tropic of Capricorn) और 66.5° दक्षिणी अक्षांश दक्षिणी उपध्रुव वृत्त (South Sub-Antarctic) कहलाते हैं।
- प्रत्येक 1° की अक्षांशीय दूरी लगभग 111 किमी. है, जो पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक भिन्न-भिन्न मिलती है।
देशान्तर (Longitude)
- किसी स्थान की प्रधान याम्योत्तर (Meridian) से पूर्व या पश्चिम की ओर कोणीय दूरी, देशान्तर कहलाती है।
- प्रधान याम्योत्तर रेखा 0° देशांतर को माना गया है। यह लंदन के ग्रीनविच से होकर गुजरती है।
- 0° देशान्तर के दोनों ओर 180° तक देशान्तर रेखाएँ होती हैं, जो कुल मिलाकर 360° हैं।
- जहाँ केवल 0° अक्षांश रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटती है, वहीं सभी देशान्तर रेखाएँ पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटती है।
- इसीलिए इन सभी देशान्तरों को महान वृत (great circle) कहा जाता है।
- 1° देशान्तर की भूमध्य रेखा पर दूरी 111.32 किमी. है, जो ध्रुवों की ओर क्रमश: कम होती जाती है।
- ग्रीनविच रेखा के पूर्व में स्थित 180° तक सभी देशान्तर पूर्वी देशान्तर एवं पश्चिम की ओर स्थित सभी देशान्तर पश्चिमी देशान्तर कहे जाते हैं। ये क्रमश: पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिमी गोलार्द्ध कहलाते हैं।
- गोलाकार होने के कारण पृथ्वी 24 घंटे में 360° घूम जाती है, अतः 15° देशान्तर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 1 घंटे या 60 मिनट तथा 1° देशान्तर की दूरी तय करने में 4 मिनट का समय लगता है।
- पृथ्वी पश्चिम से पूर्व अपनी धुरी पर घूम रही है। अतः पूर्व का समय आगे की ओर तथा पश्चिम का समय पीछे रहता है। इसी कारण पृथ्वी के सभी स्थानों पर समय की भिन्नता देखने को मिलती है।
- प्रत्येक 15° देशांतर पर एक घंटे का अंतर होता है। इस प्रकार 0° से 180° पूर्व की ओर जाने पर 12 घंटे की अवधि लगती है तथा यह ग्रीनविच समय से 12 घंटे आगे होता है।
- इसी प्रकार 0° से 180° पश्चिम की ओर जाने पर ग्रीनविच समय से 12 घंटे पीछे का समय मिलता है। यही कारण है कि 180° पूर्व व पश्चिम देशान्तर में कुल 24 घंटे अर्थात् एक दिन और रात का अंतर पाया जाता है।
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Namaste