Estimated reading time: 3 minutes
Table of contents
इस लेख के माध्यम से हम भ्रंश का अर्थ (Fault meaning in hindi) एवं उससे सम्बंधित शब्दावली को विस्तार से समझेंगे।
भ्रंश क्या है ? (Fault meaning in hindi)
क्षैतिज संचलन के दोनों बलों (तनाव व संपीडन) के कारण जब धरातल में एक तल (plane) के सहारे चट्टानों का स्थानान्तरण या खिसकाव होता है, तो उससे बनने वाली संरचना को ‘भ्रंश’ कहते हैं। भ्रंश के अंतर्गत दरारों (cracks), विभंग (fracture) व भ्रंशन (faulting) को शामिल किया जाता है। जिस तल के सहारे धरातलीय चट्टानों का खिसकाव होता है, उसे विभंग तल या भ्रंश तल (fault plane) कहते हैं।
वास्तव में विभंग तल (fault plane) के सहारे ही धरातलीय चट्टानों के खण्डों के मध्य गति होती है, जिससे भ्रंश का निर्माण होता है। भ्रंश तल (fault plane) के सहारे चट्टानों के खण्डों के मध्य गति लम्बवत्, झुकी हुई, क्षैतिज, वक्राकार या किसी भी दिशा में हो सकती है। क्योंकि भ्रंश उत्पन्न करने वाला संचलन (movement), क्षैतिज, लम्बवत् या किसी भी दिशा में कार्य कर सकता है।
चट्टानों में भ्रंश के समय लम्बवत् दिशा में चट्टानी खण्डों का स्थानान्तरण हजारों मीटर तक तथा क्षैतिज दिशा में कई किलोमीटर तक होता है, परन्तु स्थानान्तरण की क्रिया एक ही बार में पूरी हो यह जरुरी नहीं है । प्राय: यह देखा जाता है कि सामान्य रूप में भ्रंश संचलन एक बार में कुछ मीटर तक ही होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भ्रंश, वास्तव में धरातल के निर्बल क्षेत्र को प्रदर्शित करता है, जिसके सहारे लम्बे समय तक संचलन (movement) होता रहता है।
भ्रंश से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावली (Important terminology related to fault in hindi)
विभंग तल या भ्रंश तल (fault plane)
‘विभंग तल’ वह सतह होती है, जिसके सहारे चट्टानी खण्डों का एक दूसरे के सापेक्ष स्थानान्तरण या खिसकाव होता है। यह खिसकाव लम्बवत्, क्षैतिज, झुका हुआ, वक्राकार या किसी भी प्रकार का हो सकता है।
भ्रंश नति (fault dip)
भ्रंश व क्षैतिज तल (धरातलीय सतह) के बीच बनने वाले के कोण को ‘विभंग तल की नति’ कहते हैं।
उत्क्षेपित खण्ड (upthrown side)
भ्रंश तल के सहारे जब चट्टानी खण्डों का खिसकाव होता है, तब एक खण्ड दूसरे के अपेक्षा या तो ऊपर उठ जाता है या नीचे की ओर खिसक जाता है। इस प्रकार ऊपर की ओर उठे भाग या खण्ड को ‘उत्क्षेपित खण्ड’ (upthrown side) कहा जाता है। इसे ‘उर्ध्वपात पार्श्व’ भी कहा जाता है।
अधः क्षेपित खण्ड (downthrown side)
ऊपर उठे खण्ड की अपेक्षा निचले ‘खण्ड को ‘अधःक्षेपित खण्ड’ (downthrown side) कहते हैं। इसे ‘अवपात पार्श्व’ भी कहते हैं। प्राय: यह पता लगाना मुश्किल होता है कि वास्तव में कौन सा पार्श्व या खण्ड गतिशील हुआ है।
शीर्ष भित्ति (hanging wall)
भ्रंश की ऊपरी दीवार को ‘शीर्ष भित्ति’ या ‘ऊपरी भित्ति’ कहते हैं।
पाद भित्ति (foot wall)
भ्रंश की निचली दीवार को ‘पाद भित्ति’ कहते हैं।
भ्रंश कगार (fault scarp)
इसके अर्थात् भ्रंश के कारण धरातल पर बनने वाले खडे ढाल वाले किनारे को ‘भ्रंश कगार’ कहते हैं। अधिक खडे ढाल के कारण कगार कभी-कभी क्लिफ के समान होते हैं। कगार (scarp) का निर्माण सदैव भ्रंशन (faulting) की क्रिया द्वारा ही नहीं होता है। बल्कि कभी-कभी कगार का निर्माण अपरदन द्वारा भी होता है।
References
- भौतिक भूगोल, डॉ. सविंद्र सिंह
- भूआकृतिक विज्ञान, बी. सी. जाट
आपको भ्रंश का अर्थ (Fault meaning in hindi) एवं उससे सम्बंधित शब्दावली पर लिखा यह लेख कैसा लगा, अपने विचार हमारे साथ comment box में अवश्य साझा करें, ताकि इसमें वांछित सुधार किया जा सके !
You May Also Like
One Response