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भारत की सीमाएँ (Indian Borders)

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भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत तथा दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित होने के कारण इसकी सीमाएँ स्थलीय तथा जलीय दोनों प्रकार की हैं। 

भारत की अन्य देशों के साथ लगती सीमाओं की लम्बाई
भारत की अन्य देशों के साथ लगती सीमाओं की लम्बाई

भारत की स्थलीय सीमाएँ

भारत के उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान की सीमाएं, उत्तर में चीन, नेपाल तथा भूटान की सीमाएंऔर पूर्व में म्यांमार तथा बंगलादेश की सीमाएं लगती हैं। इन सभी देशों की सीमाओं को मिलाकर भारत की कुल स्थलीय सीमा की लम्बाई 15,200 किमी० है। नीचे दी गई तालिका से स्पष्ट है कि भारत की सबसे लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश के साथ तथा सबसे छोटी सीमा अफगानिस्तान के साथ लगती है।

भारत की उत्तरी सीमाएं

भारत-चीन सीमा (India-China border)

भारत की उत्तरी सीमाएँ विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला, हिमालय पर्वत द्वारा निर्धारित की गई है। हिमालय पर्वत श्रृंखला के अधिकतर भाग बर्फ से ढका रहता है। यह पर्वत श्रृंखला भारत तथा चीन के बीच लम्बी सीमा बनाती है। जहां भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों व जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेशों की सीमाएँ चीन से लगती हैं। वहीं नेपाल की सीमा भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल के पर्वतीय क्षेत्र तथा सिक्किम के साथ लगती है।

भूटान के पूर्व में मैक मोहन रेखा (McMahon line) हिमालय की शीर्ष रेखा (Crest Line) बनाती है। यह भारत तथा चीन के बीच सीमा रेखा का कार्य करती है। इसे 1914 में हेनरी मैक माहोन ने सीमांकित किया था। हिमालय सदियों से ही उत्तर में भारत का रक्षक रहा है परन्तु अक्टूबर 1961 में भारत पर चीनी आक्रमण ने इसके सुरक्षात्मक पहलू पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है।

भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan border)

भारत की पाकिस्तान के साथ सीमा का अधिकांश भाग मानवकृत तथा अनिश्चित है जिस कारण दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक सम्बन्ध रहते हैं। रेडक्लिफ अवार्ड के तहत 1947 में भारत के विभाजन के समय भारत-पाक सीमा को रेडक्लिफ (Redcliffe) ने निर्धारित किया था जिस कारण से यह रेडक्लिफ सीमा (Redcliffe Line)के नाम से जानी जाती है। यह सीमा विभिन्न भौगोलिक विशेषताओं वाले क्षेत्रों से होकर गुजरती है।

गुजरात में ‘रन ऑफ़ कच्छ’ से शुरू होकर, राजस्थान के रेतीले रेगिस्तान, पंजाब के उपजाऊ मैदान, जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों और पहाड़ों, और हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं और काराकोरम श्रृंखला से होकर गुजरती है। इस प्रकार, भारत के तीन राज्य, (गुजरात, राजस्थान, पंजाब) और दो केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू और कश्मीर और लद्दाख) पाकिस्तान की सीमा को छूते हैं।

भारत-म्यांमार सीमा (India-Myanmar border)

म्यांमार का अराकान योमा पर्वत भारत तथा म्यांमार के बीच लम्बी सीमा रेखा बनाता है। भारत और म्यांमार के बीच की सीमा 1643 कि.मी. लम्बी है। यह सीमा उत्तर में उस बिंदु से शुरू होती है जहां भारत, चीन और म्यांमार की सीमाएं मिलती हैं और मिजोरम के दक्षिणी छोर तक फैली हुई हैं। यह सीमा दक्षिण से उत्तर की ओर मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं के साथ-साथ पूर्वांचल पहाड़ियों वाले घने जंगलों से गुजरती है।

उत्तर से दक्षिण की ओर इन पहाड़ियों को क्रमशः मिश्मी, पटकाई, नागा, बरेल और मिजो के नाम से जाना जाता है। मिज़ो पहाड़ियाँ दक्षिण में अराकान योमा पर्वतमाला से जुड़ती हैं। भारत-म्यांमार सीमा का निर्धारण 10 मार्च 1967 को हस्ताक्षरित एक द्विपक्षीय समझौते के तहत हुआ था। भारत, म्यांमार और चीन की सीमाओं के मिलन केंद्र दिफू दर्रे को लेकर कुछ समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। भारत का दावा है कि दिफू दर्रा तीनों देशों की सीमाओं का मिलन केंद्र नहीं है, बल्कि यह स्थान दक्षिण की ओर कुछ किलोमीटर की दूरी पर है।

मुख्य समस्याएं भारत-म्यांमार सीमा के पास उग्रवाद और तस्करी व्यापार हैं। म्यांमार में कम्युनिस्टों के समर्थन से कार्नेस, काचिन और शान विद्रोह में सामने आ गए, और वे म्यांमार से आजादी की मांग कर रहे हैं। इसी तरह इस सीमावर्ती इलाके में नागा भारत की तरफ हैं। मिज़ो आदि को चीन और म्यांमार के कम्युनिस्टों का समर्थन और मदद मिल रही है। इस सीमावर्ती इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी का धंधा भी तेजी से चल रहा है। कुछ घटनाओं को छोड़कर, भारत-म्यांमार सीमा एक शांतिपूर्ण क्षेत्र है।

भारत-बंगलादेश सीमा (India-Bangladesh border)

बांग्लादेश भारत के पूर्वोत्तर राज्यों – असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल के बीच स्थित है। भारत तथा बांग्लादेश की सीमा गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा को विभाजित करती है। यह पूर्ण रूप मानवकृत सीमा है जो कि समतल डेल्टाई मैदान में है। परिणामस्वरूप यह कोई प्रभावशाली सीमा नहीं है और बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों की समस्या निरन्तर बनी रहती है। बांग्लादेश और त्रिपुरा राज्य के बीच की सीमा को जीरो लाइन (Zero Line) कहा जाता है।

भारत-अफगानिस्तान सीमा (India-Afghanistan border)

अफगानिस्तान भारत के साथ सबसे छोटी सीमा साझा करता है, जिसकी लंबाई 106 किमी है। लद्दाख एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश/राज्य है जो अफगानिस्तान की सीमा को छूता है। भारत और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को सर मोर्टिमर डूरंड द्वारा सीमांकित किया गया और वर्ष 1896 में डूरंड रेखा (Durand Line)के रूप में मान्यता दी गई।

इस सीमा ने अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत को अलग किया। 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान को यह रेखा विरासत में मिली। हालांकि, अफ़ग़ानिस्तान सीमा का एक छोटा हिस्सा भारत के केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के साथ साझा किया गया।

भारत-नेपाल सीमा (India-Nepal border)

नेपाल से भारत की सीमा 1752 किमी. लम्बी है और भारत के पाँच राज्य (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम) इस सीमा को छूते हैं। भारत-नेपाल सीमा पश्चिम-पूर्व दिशा में शिवालिक श्रेणी की तलहटी के समानांतर है। 1814-15 में भारत और नेपाल के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और मार्च 1916 में इसे मंजूरी दी गई। इस समझौते के तहत, हिमालयी जिलों- नैनीताल, अल्मोड़ा, गढ़वाल, देहरादून और शिमला पर खुद अंग्रेजों का कब्जा माना गया और पूर्वी क्षेत्र सिक्किम को दे दिया गया। 

ब्रिटिश भारत-नेपाल सीमा के दोनों ओर 10 गज चौड़ी पट्टी को संरक्षित क्षेत्र के रूप में रखा गया। जून 1882 के प्रस्ताव में दिए गए सिद्धांत पर ब्रिटिश भारत और नेपाल की सीमा निर्धारित की गई। वर्तमान भारत-नेपाल सीमा एक शांतिपूर्ण क्षेत्र है और दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर कोई विवाद नहीं है।

भारत-भूटान सीमा (India-Bhutan border)

भारत और म्यांमार के बीच की सीमा 699 कि.मी. लम्बी है। 1775 से, अंग्रेजों और भूटानियों के बीच सीमा पर संघर्ष होते रहे। यह सीमा इन संघर्षों के लंबे इतिहास का ही परिणाम है। 1865 में सांतुला में भूटान और ब्रिटेन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। ब्रिटिश सरकार ने बंगाल, कूचबिहार और असम की सीमा के पास भूटान के क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। इसके बदले ब्रिटिश सरकार द्वारा भूटान को प्रति वर्ष 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता निर्धारित की गई और जून 1911 में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया।

भूटान के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध 1949 के समझौते पर आधारित हैं, जो दोनों देशों के बीच निरंतर शांति और मित्रता सुनिश्चित करता है। इस समझौते के जरिए भारत को भूटान की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने का अधिकार है। भारतीय सेना की इकाइयाँ स्थायी रूप से भूटान-तिब्बत सीमा के पास तैनात हैं।

जलीय सीमाएँ (Water Frontiers)

भारत की मुख्य भूमि की तट रेखा की लम्बाई 6,100 किमी0 है। यदि बंगाल की खाड़ी के अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह तथा अरब सागर के लक्षद्वीपों की तट रेखा को भी जोड़ लिया जाए तो भारतीय तट रेखा की कुल लम्बाई 7516.6 किमी० हो जाती है। हिमालय पर्वत के बाद हिन्द महासागर ही ऐसा भौगोलिक तत्व है जो भारत के भाग्य का निर्धारण करता है।

सभ्यता के आरम्भ से लेकर आज तक भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ हिन्द महासागर के माध्यम से सम्बन्ध स्थापित किए। आधुनिक युग के तकनीकी विकास ने समुद्री युद्ध को प्रोत्साहित किया है। अतः स्थलीय सीमाओं की भाँति हमारी जलीय सीमाओं के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। इसके लिए सुरक्षात्मक उपाय करना अनिवार्य हो गया है।

क्रम संख्यादेशलम्बाई (कि.मी.)सीमा रेखा सीमा के साथ लगते राज्य
1बांग्लादेश4096.7 जीरो लाइन (बांग्लादेश और त्रिपुरा के बीच)5(असम, मेघालय, त्रिपुर,मिजोरम और पश्चिम बंगाल )
2चीन3488मैक मोहन4 राज्य(हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) 2 केन्द्रशासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) केन्द्रशासित प्रदेश
3पाकिस्तान3323रेडक्लिफ सीमा 3 राज्य (गुजरात, राजस्थान, पंजाब) और 2 केन्द्रशासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख)
4नेपाल17515(उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल,सिक्किम)
5म्यांमार16434(अरुणाचल प्रदेश,मणिपुर, नागालैंड,अरुणाचल प्रदेश)
6भूटान6994 (पश्चिम बंगाल,सिक्किम,अरुणाचल प्रदेश,असम)
7अफगानिस्तान106डूरंड रेखा1 (लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेश)
कुल15106.7
भारत की अन्य देशों के साथ सीमाओं की लम्बाई तथा साथ लगते राज्य

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