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एल० डी० स्टाम्प का विभाजन केण्ड्रयू (W.G. Kendrew) के विभाजन का ही संशोधित रूप है। इसमें स्टाम्प महोदय ने जलवायु प्रदेशों के विभाजन को अधिक तर्कसंगत बना दिया है। सबसे पहले स्टाम्प महोदय ने भारत को जनवरी माह की 18° सेल्सियस की समताप रेखा को आधार मानकर दो बृहत् जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया। यह रेखा कर्क रेखा के बिल्कुल निकट स्थित है। इसके नाम व स्थिति इस प्रकार हैं:
शीतोष्ण कटिबन्धीय भारत
इसे ‘महाद्वीपीय भारत’ का नाम भी दिया गया है। यह कर्क रेखा के उत्तर में स्थित है और यहाँ पर जनवरी माह का औसत तापमान 18° सेल्सियस से कम रहता है।
उष्ण कटिबन्धीय भारत
यह कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित है और यहाँ पर जनवरी माह का औसत तापमान 18° से० से अधिक रहता है।
उपरोक्त दोनों बृहत् जलवायु विभागों को वर्षा की मात्रा, तापमान तथा धरातलीय दशा के आधार पर 11 उपविभागों में विभक्त किया गया है।
शीतोष्ण कटिबन्धीय भारत को निम्नलिखित पाँच उपविभागों में बाँटा गया है :
1. हिमालय प्रदेश (अत्यधिक वर्षा का प्रदेश)।
2. उत्तर-पश्चिमी प्रदेश (साधारण वर्षा का प्रदेश)
3. शुष्क मरुस्थलीय प्रदेश।
4. मध्यम वर्षा का प्रदेश।
5. मध्यवर्ती प्रदेश (संक्रमण प्रदेश)
उष्ण कटिबन्धीय भारत को निम्नलिखित छः उपविभागों में बाँटा गया है :
6. अत्यधिक वर्षा का प्रदेश
7. अधिक वर्षा का प्रदेश
8. साधारण वर्षा का प्रदेश
9. पंश्चिमी तटीय प्रदेश का कोंकण तट
10. पश्चिमी तटीय प्रदेश का मालाबार तट
11. तमिलनाडु प्रदेश
उपरोक्त 11 उपभागों का वर्णन नीचे किया गया है:
डॉ० एल० डी० स्टाम्प के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश (Climatic Regions of India by Dr. L. D. Stamp)
हिमालय प्रदेश
- इस जलवायु प्रदेश का विस्तार समस्त हिमालय पर्वतीय क्षेत्र पर है। इसमें पश्चिम से पूर्व की ओर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में स्थित पर्वतीय प्रदेश, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
- यहाँ शीतकाल का तापमान 4° से 7° से० तथा ग्रीष्मकाल का तापमान 13° से 18° तक रहता है।
- उच्च पर्वतीय शिखरों पर वर्षभर तापमान हिमांक से भी कम रहता है।
- वर्षा का वार्षिक औसत 200 सेमी० है।
- पूर्वी भाग में वर्षा बंगाल की खाड़ी की मानसून द्वारा होती है जबकि पश्चिमी भाग में बंगाल की खाड़ी की मानसून के साथ-साथ अरब सागर क मानसून पवनें भी वर्षा करती है।
- शीत ऋतु में शीतोष्ण चक्रवात भी आते हैं।
- पश्चिमी हिमालय में शिमला तथा पूर्वी हिमालय में दार्जिलिंग इस प्रदेश के प्रतिनिधि नगर हैं।
उत्तर-पश्चिमी प्रदेश
- इस प्रदेश में पंजाब का उत्तरी भाग तथा जम्मू-कश्मीर का दक्षिणी भाग शामिल है।
- यह वार्षिक औसत वर्षा 40 सेमी० है और यह साधारण वर्षा वाला प्रदेश कहलाता है।
- यहाँ शीत ऋतु का तापमान 16° से० तथा ग्रीष्म ऋतु का तापमान 24° से० होता है।
- अमृतसर इस जलवायु को प्रतिनिधि नगर है।
शुष्क मरुस्थलीय प्रदेश
- इसमें राजस्थान का थार मरुस्थल, दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा तथा गुजरात का कच्छ प्रदेश शामिल है।
- औसत वार्षिक वर्षा 25 सेमी० से कम ही होती है।
- शीत ऋतु में तापमान 12° से 24° से० होता है। परन् ग्रीष्म ऋतु में यह बढ़कर 43° से० तक पहुँच जाता है।
- जयपुर इस जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है।
मध्यम वर्षा का प्रदेश
- इसमें पंजाब तथा हरियाणा के भाग, उत्तर प्रदेश का पश्चिमी भाग, दिल्ली, मध्य प्रदेश का उत्तर-पश्चिमी पठारी भाग तथा पूर्वी राजस्थान शामिल हैं।
- यहाँ जनवरी का तापमान 15° से 18° तथा जुलाई का तापमा 33° से 35° से० होता है।
- वार्षिक वर्षा 40 से 80 सेमी० के बीच होती है।
- अधिकांश वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है।
- दिल्ली इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर है।
मध्यवर्ती (संक्रमण) प्रदेश
- इसमें उत्तर प्रदेश का पूर्वी भाग तथा बिहार का उत्तरी भाग शामिल है।
- यहाँ जनवरी का तापमान 15° से 19° से० तथा जुलाई का तापमान 32° से 35° से० होता है।
- यहाँ 100 से 150 सेमी० वार्षिक वर्षा होती है।
- पटना नगर इस जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है।
अत्यधिक वर्षा का प्रदेश
- इस प्रदेश में मेघालय, असम, त्रिपुरा, मिजोरम तथा नागालैण्ड शामिल हैं।
- यहाँ 200 सेमी० से अधिक वार्षिक वर्षा होती है।
- मौसिनरम 1221 सेमी० वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है और इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर है।
- यहाँ जनवरी का तापमान 18° से० से अधिक तथा जुलाई का तापमान 32° से 35° से० तक रहता है।
अधिक वर्षा का प्रदेश
- इसमें पूर्वी मध्य प्रदेश, दक्षिणी बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा तथा आन्ध्र प्रदेश का उत्तर-पूर्वी भाग शामिल है।
- यहाँ जनवरी का तापमान 18° से 24° से० तथा जुलाई का तापमान 29 से 35 से० के बीच रहता है।
- यहाँ 100 से 200 सेमी० औसत वार्षिक वर्षा होती है। वर्षा मुख्यतः बंगाल की खाड़ी की मानसून पवनों से होती है। बंगाल की खाड़ी में पैदा होने वाले उष्ण कटिबन्धीय चक्क्रवात भी वर्षा करते हैं।
- कोलकाता इस जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है।
साधारण वर्षा का प्रदेश
- दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र (पश्चिमी घाट का छोड़कर), गुजरात, आन्ध्र प्रदेश का पश्चिमी भाग तथा कर्नाटक का पूर्वी भाग इस प्रदेश के अन्तर्गत आते हैं।
- यहाँ जनवरी का औसत तापमान 18° से 24° से० होता है।
- ग्रीष्मकाल का औसत तापमान 32° से० के आस-पास रहता है।
- पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया में स्थित होने के कारण यहाँ वर्षा अपेक्षाकृत कम होती है।
- यहाँ वार्षिक वर्षा का औसत 50 से 100 सेमी० के बीच रहता है।
- हैदराबाद इस जलवायु प्रदेश का प्रतिनिधि नगर है।
पश्चिमी तटीय प्रदेश का कोंकण तट
- यह प्रदेश नर्मदा नदी से केरल राज्य की उत्तरी सीमा तक विस्तृत है।
- इसमें महाराष्ट्र तथा कर्नाटक राज्यों के पश्चिमी तटीय भाग शामिल हैं।
- वर्षपर्यन्त तापमान 24° से 27° से० के बीच रहता है।
- वार्षिक वर्षा का औसत 200 सेमी० से अधिक रहता है।
- वर्षा अरब सागर की मानसून पवनों द्वारा होती है।
- मुम्बई इस जलवायु प्रदेश का प्रतिनिधि नगर है।
पश्चिमी तटीय प्रदेश का मालाबार तट
- इस प्रदेश के अन्तर्गत केरल तथा तमिलनाडु का कन्याकुमारी जिला आता है।
- यहाँ वार्षिक वर्षा 250 सेमी० से अधिक होती है।
- वर्षा साल के 9 महीने होती है और शुष्क ऋतु केवल 3 महीने ही रहती है।
- औसत तापमान 27° से० के आस-पास होता है।
- तिरुवनंतपुरम इस जलवायु प्रदेश का प्रतिनिधि नगर है।
तमिलनाडु प्रदेश
- इसमें तमिलनाडु के अतिरिक्त पूर्वी आन्ध्र प्रदेश का तटीय भाग भी शामिल हैं।
- यहाँ पर वर्ष भर तापमान 22° से० 30° से० तथा वार्षिक औसत वर्षा 100 से 150 सेमी० होती है।
- इस प्रकार यह मध्यम वर्षा वाला क्षेत्र है।
- अधिकांश वर्षा नवम्बर तथा दिसम्बर में लौटती हुई मानसून पवनों द्वारा होती है।
- चेन्नई इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर है।
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