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भारत में परमाणु ऊर्जा (Atomic Energy in India)
भारत में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की शुरुआत 10 अगस्त, 1948 को परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) की स्थापना से हुई। इसी आयोग के तहत 1954 में परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और परमाणु ऊर्जा संस्थान, ट्राम्बे (1967 में भाभा परमाणु शोध केन्द्र BARC) अस्तित्व में आए। देश में परमाणु विद्युत गृहों के निर्माण, संचालन और देखरेख के लिए 1987 में भारतीय परमाणु विद्युत निगम (NPCIL) का गठन किया गया।
परमाणु रिएक्टरों के कल-पुर्जो एवं ईंधन की आपूर्ति का उत्तरदायित्व न्यूक्लीयर फुयल कम्प्लेक्स (NFC), हैदराबाद को सौंपा गया है जबकि परमाणु खनिजों के सर्वेक्षण, अन्वेषण और विकास का कार्य परमाणु खनिज प्रभाग (AMD) द्वारा सम्पादित किया जाता है। वर्तमान में NPCIL के अधीन देश के 23 शक्ति गृह हैं जिनकी कुल स्थापित क्षमता 7480 मेगावाट विद्युत उत्पादन की है।
देश में परमाणु ऊर्जा का विकास तीन चरणों में हुआ है
(1) 1948-56 अप्सरा नामक प्रथम शोध रिएक्टर का निर्माण,
(2) 1956-66 विभिन्न प्रौद्योगिक सुविधाओं का विकास, एवं
(3) 1966 से आगे परमाणु विद्युत गृहों का निर्माण एवं संचालन।
देश में प्रथम परमाणु विद्युत गृह का निर्माण तारापुर (मुम्बई के निकट) अक्टूबर, 1969 में पूरा किया गया। वर्तमान में 23 परमाणु रिएक्टरों की क्षमता 7480 मेगावाट विद्युत उत्पादन की है।
भारत परमाणु ऊर्जा के विकास के क्षेत्र में द्वितीय अवस्था में पहुँच चुका है जिसके अन्तर्गत उसने 500 मेगावाट क्षमता वाले थोरियम को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने वाले फास्ट ब्रीडर रिएक्टर बनाने की प्रौद्योगिकी हासिल कर ली है।
तृतीय अवस्था में यूरेनियम 233 एवं थोरियम पर आधारित इन रिएक्टरों से बड़े पैमाने पर बिजली पैदा करने की योजना है। भारत में लगभग 200,000 Gweyr के बराबर थोरियम का भण्डार सुरक्षित है जिससे अगले 100 वर्षों तक पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है।
परमाणु विद्युत वर्तमान वैज्ञानिक युग की देन है। यह यूरेनियम, थोरियम, बेरेलियम, जिरकोनियम तथा रेडियम जैसे रेडियोधर्मी तत्वों के विखण्डन तथा विश्लेषण से प्राप्त की जाती है। इसके अतिरिक्त, मोनोजाइट से यूरेनियम प्राप्त होता है जिसके कारण मोनोजाइट को भी परमाणु खनिजों की श्रेणी में रखा जाता है।
एक किलोग्राम यूरेनियम के विश्लेषण से इतनी विद्युत प्राप्त हो सकती है जितनी 25 लाख किलोग्राम कोयला जलाकर उत्पन्न की जाती है। हालाँकि यूरेनियम एक मूल्यवान खनिज है फिर भी अणुशक्ति सस्ती ही होती है क्योंकि इसके उत्पादन में कोयले की अपेक्षा बहुत कम यूरेनियम का प्रयोग करना पड़ता है।
भारत में परमाणु खनिजों का वितरण परमाणु विद्युत के लिए सबसे महत्वपूर्ण खनिज यूरेनियम है। भारत में इसका खनन झारखण्ड के सिंहभूम जिले में स्थित जादूगुड़ा नामक स्थान पर किया जाता है। मध्यवर्ती राजस्थान की चट्टानों में भी यूरेनियम के भण्डार मिले हैं। केरल तथा तमिलनाडु के तटीय भागों में पाई जाने वाली मोनाजाइट नामक बालू से भी यूरेनियम मिलता है। यहाँ के मोनाजाइट रेत में 10% पोरियम ऑक्साइड तथा 0.3% यूरेनियम ऑक्साइड मिलता है। हाल ही में झारखण्ड में रांची पठार पर मोनाजाइट के विशाल भण्डारों की खोज की गई है। केरल की पर्वतीय चट्टानों में 4% यूरेनियम ऑक्साइड मिलता है।
थोरियम के भण्डार केरल तथा झारखंड में पाए जाते हैं। यहाँ की ग्रेनाइट चट्टानों में लगभग 10% थोरियम का अंग होता है। विश्व के अन्य किसी भाग की चट्टानों में इतना अधिक थोरियम नहीं पाया जाता। भारत में लगभग 3.6 लाख टन थोरियम के भण्डार हैं जो विश्व में सबसे अधिक हैं। इससे इतनी विद्युत प्राप्त हो सकती है जितनी की 60 अरब टन कोयले को जलाने से प्राप्त होती है।
बेरीलियम के उत्पादन में भारत विश्व में सबसे आगे है। यहाँ लगभग एक हजार टन बेरीलियम प्रतिवर्ष पैदा किया जाता है। यह आन्ध्र प्रदेश, झारखंड तथा राजस्थान में मिलता है।
जिरकोनियम के भण्डारों की दृष्टि से केरल सबसे आगे है। यहाँ पर लगभग 5 टन जिरकोनियम के भण्डार हैं।
भारत में परमाणु विद्युत का विकास भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास का श्रेय स्वर्गीय डॉ० होमी जहाँगीर भाभा को है। उनके प्रयत्नों के फलस्वरूप मुम्बई के निकट ट्राम्बे द्वीप पर ट्राम्बे आणविक शक्ति प्रतिष्ठान (Trombay Atomic Energy Establishment) के अन्तर्गत पहला अनुसंधान आणविक (Research Atomic Reactor) सन् 1955 में तैयार हुआ।
भारत के परमाणु विद्युतघर
इस समय देश में सात परमाणु विद्युत गृह कार्य कर रहे हैं। जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न हैं:
1. तारापुर परमाणु विद्युतघर
देश का पहला परमाणु विद्युत गृह तारापुर में है जो मुम्बई से 96 किमी० दूर है। यह अमेरिका की सहायता से स्थापित किया गया है और 1969 से कार्य कर रहा है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता 1400 मेगावाट है।
2. राजस्थान परमाणु विद्युतघर
भारत का दूसरा परमाणु विद्युत गृह राजस्थान में कोटा के निकट राणा प्रताप सागर के पास रावतभाटा में बनाया गया है। इसे कोटा अथवा राणा प्रताप सागर परमाणु विद्युत केन्द्र भी कहते हैं। यह कनाडा के सहयोग से बनाया गया है और अगस्त 1972 से कार्य कर रहा है। वर्तमान में इसकी कुल उत्पादन क्षमता 1180 मेगावाट है।
3. कलपक्कम परमाणु विद्युतघर
यह तमिलनाडु में चेन्नई के निकट कलपक्कम नामक स्थान पर बनाया गया है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता 440 मेगावाट है।
4. नरौरा परमाणु विद्युतघर
यह उत्तर प्रदेश में बुलन्दशहर के निकट नरौरा नामक स्थान पर स्थित है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता 440 मेगावाट है।
5. ककरापुर (Kakrapur) परमाणु विद्युतघर
यह गुजरात में ककरापुर नामक स्थान पर स्थित है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता 1140 मेगावाट है।
6. कैगा परमाणु विद्युतघर
यह कर्नाटक में स्थित है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता 880 मेगावाट है।
7. कुंडाकुलम परमाणु विद्युतघर
यह तमिलनाडु में स्थित है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता 2000 मेगावाट है। पर्यावरण की दृष्टि से यह विवादों में घिरा हुआ है।
उपरोक्त परमाणु विद्युत घरों के अतिरिक्त सरकार ने 2009 में कुछ नए परमाणु विद्युत गृह स्थापित करने का निर्णय लिया है। ये पाँच परमाणु विद्युत गृह जैतपुर (महाराष्ट्र), हरीपुर (पश्चिम बंगाल), विरदी (गुजरात) तथा कोव्वाडा (आन्ध्र प्रदेश) में स्थित होंगे।
तालिका 1
Nuclear Power Plant in India, 2023
S.No. | Plant | Unit | Capacity (MWe) | Date of Commercial Operation |
1 | Tarapur Atomic Power Station (TAPS), Maharashtra | 1 | 160 | October 28, 1969 |
2 | Tarapur Atomic Power Station (TAPS), Maharashtra | 2 | 160 | October 28, 1969 |
3 | Tarapur Atomic Power Station (TAPS), Maharashtra | 3 | 540 | August 18, 2006 |
4 | Tarapur Atomic Power Station (TAPS), Maharashtra | 4 | 540 | September 12, 2005 |
5 | Rajasthan Atomic Power Station (RAPS), Rajasthan | 1 | 100 | December 16, 1973 |
6 | Rajasthan Atomic Power Station (RAPS), Rajasthan | 2 | 200 | April 1, 1981 |
7 | Rajasthan Atomic Power Station (RAPS), Rajasthan | 3 | 220 | June 1, 2000 |
8 | Rajasthan Atomic Power Station (RAPS), Rajasthan | 4 | 220 | December 23, 2000 |
9 | Rajasthan Atomic Power Station (RAPS), Rajasthan | 5 | 220 | February 4, 2010 |
10 | Rajasthan Atomic Power Station (RAPS), Rajasthan | 6 | 220 | March 31, 2010 |
11 | Madras Atomic Power Station (MAPS), Tamilnadu | 1 | 220 | January 27, 1984 |
12 | Madras Atomic Power Station (MAPS), Tamilnadu | 2 | 220 | March 21, 1986 |
13 | Kaiga Generating Station (KGS), Karnataka | 1 | 220 | November 16, 2000 |
14 | Kaiga Generating Station (KGS), Karnataka | 2 | 220 | March 16, 2000 |
15 | Kaiga Generating Station (KGS), Karnataka | 3 | 220 | May 6, 2007 |
16 | Kaiga Generating Station (KGS), Karnataka | 4 | 220 | January 20, 2011 |
17 | Kudankulam Nuclear Power Station (KKNPS), Tamilnadu | 1 | 1000 | December 31, 2014 |
18 | Kudankulam Nuclear Power Station (KKNPS), Tamilnadu | 2 | 1000 | March 31, 2017 |
19 | Narora Atomic Power Station (NAPS), Uttarpradesh | 1 | 220 | January 1, 1991 |
20 | Narora Atomic Power Station (NAPS), Uttarpradesh | 2 | 220 | July 1, 1992 |
21 | Kakrapar Atomic Power Station (KAPS), Gujarat | 1 | 220 | May 6, 1993 |
22 | Kakrapar Atomic Power Station (KAPS), Gujarat | 2 | 220 | September 1, 1995 |
23 | Kakrapar Atomic Power Station (KAPS), Gujarat | 3 | 700 | June 30, 2023 |
FAQs
भारत का प्रथम परमाणु विद्युत ग्रह कौन सा है?
भारत का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत ग्रह कौन सा है?
भारत परमाणु ऊर्जा का जनक कौन है?
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