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बहु-नाभिक सिद्धान्त (Multiple Nuclei Theory)

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इस लेख के माध्यम से आप हैरिस तथा उलमैन के बहु-नाभिक सिद्धान्त (Multiple Nuclei Theory) के बारे में विस्तार से जानेंगे

बहु-नाभिक सिद्धान्त (Multiple Nuclei Theory)

नगरीय विकस का यह सिद्धान्त सी० डी० हैरिस तथा उलमैन द्वारा 1945 में प्रकाशित किया गया था। इसके अनुसार किसी नगरीय क्षेत्र के विकास प्रतिरूप में केवल एक केन्द्र ही नहीं वरन् कई भिन्न नगरीय केन्द्रों की वृद्धि होती है अर्थात् एक ही प्रकार के भूमि उपयोग के क्षेत्र नगर में कई मिल सकते हैं। इनकी संख्या कितनी होगी, इसका निश्चय ऐतिहासिक विकास (Historical Development) तथा अवस्थिति की शक्तियाँ (Locational Forces) करती हैं, जो कुछ कार्यों का समूहीकरण कर देती हैं और कुछ कार्यों को इधर-इधर फैला देती हैं।

ऐसा देखने में आता है कि विभिन्न प्रकार के भूमि उपयोग के क्षेत्र अलग-अलग नाभि (Nuclei) के रूप में कुछ नगरों में उनकी उत्पत्ति के समय से ही पाए जाते हैं, जबकि कुछ नगरों में इनका जन्म नगर के विकास के साथ-साथ होता जाता है। प्रथम प्रकार के नगरों में लन्दन नगर आता है। यहाँ पर ‘दी सिटी’ (The city) का भाग वित्त व व्यापारिक केन्द्र के रूप में तथा ‘वेस्टमिन्स्टर’ (Westminster) का भाग राजनीतिक केन्द्र के रूप में लन्दन नगर की उत्पत्ति के समय से ही पाए जाते हैं। 

ये दोनों नाभि प्रारम्भ में एक-दूसरे से खुले क्षेत्र द्वारा अलग-अलग थे। दूसरे प्रकार के नगरों में शिकागो नगर का उदाहरण दिया जा सकता है। यहाँ पर पहले भारी उद्योगों का स्थापना नगर के मध्य भाग में शिकागो नदी के सहारे-सहारे हुई। बाद में यह उद्योग कालूमेट क्षेत्र में स्थापित हो गया जहाँ पर इसने नए नगरीय विकास में मदद की और यहाँ एक नाभि विकसित हो गई।

नगर में अलग-अलग नाभि का बनना निम्न चार बातों के सामूहिक प्रभाव के कारण होता है-

  • कुछ कार्यों को विशेष प्रकार की सुविधाओं की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, नगर का खुदरा बिक्री क्षेत्र नगर के भीतर यातायात की विशेष सविधा से जुड़ा होता है। इसी प्रकार बन्दरगाह के लिए अनुकूल तटीय क्षेत्र, विनिर्माण उद्योगों के विकास के लिए भूमि का बहुत बड़ा भाग तथा पानी की सुविधा व रेल या जल-मार्गों से जुड़ा होना आदि सुविधाओं की आवश्यकता होती है।
  • कुछ कार्यों के नगर में सम्पन्न होने से अनेक सुविधाएँ अपने आप एकत्र हो जाती हैं। जैसे औद्योगिक नगरों के लिए कहा जाता है कि वहाँ पर कुछ विशेष सुविधाएँ पाई जाती है जैसे नगर का खुदरा बिक्री का क्षेत्र, जो लोगों को एक स्थान पर एकत्रित होने को प्रोत्साहित करता है। उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। नगर में वित्तीय संस्थान, दफ्तर आदि यातायात व संचार सुविधा पर निर्भर करते हैं। अतः इनके विकसित होने से ये सुविधाएँ वहाँ पर एकत्र हो जाती हैं।
  • कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जो एक-दूसरे के लिए हानिकारक (detrimental) होते हैं। औद्योगिक क्षेत्र व उच्च श्रेणी रिहाइशी क्षेत्र में हमेशा विरोधाभास ही रहता है। दोनों कार्य एक-दूसरे के विरुद्ध विकसित होने वाले कार्य हैं। जहाँ पर उद्योग कारखाने विकसित होते हैं, वहाँ पर उच्च श्रेणी के रिहाइशी मकान नहीं पाए जाते। पैदल चलने वालों, मोटरगाड़ियों और कारों का भारी जमाव खुदरा बिक्री वाले क्षेत्रों में मिलता है न कि थोक व्यापार वाले क्षेत्रों में।
  • नगर की कुछ भूमि ऐसी होती है जो किसी विशेष कार्य के लिए उपयुक्त होती है। लेकिन यह विशेष कार्य इस उपयुक्त भूमि को इसलिए प्राप्त नहीं कर पाते क्योंकि उसका किराया अधिक होता है। जैसे थोक व्यापार व माल संग्रह के कार्यों के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है। अतः वहाँ पर निम्न श्रेणी के मकानों को भूमि कम दाम पर प्राप्त नहीं हो पाती ।
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जैसा कि पहले बताया जा चुका है नगर में नाभियों की संख्या ऐतिहासिक विकास तथा अवस्थित शक्तियों पर निर्भर करती है। यह संख्या एक नगर से दूसरे नगर में कम या अधिक मिलती है। यदि नगर बड़ा है तो वहाँ पर अनेक व विशिष्ट नाभि मिलेंगी। अमरीका के अधिकांश बड़े-बड़े नगरों में निम्न क्षेत्र नाभि के चारों ओर फैले मिलते हैं-

Multiple Nuclei Theory

केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र (CBD)

यह नगर का केन्द्र होता है जो नगर के विभिन्न भागों से यातायात द्वारा जुड़ा होता है तथा नगर के सभी भागों से सुगम होता है। यहाँ पर भूमि की कीमत सबसे अधिक होती है। यहाँ पर फुटपाथ, प्राईवेट कार, बस, उपमार्ग काफी नजर आते हैं। बहुत से बड़े-बड़े नगरों के अनियमित विकास के कारण यह क्षेत्र मध्य भाग में न विकसित होकर नगर के किसी एक किनारे पर विकसित हो गया है। 

नदी किनारे या झील सम्मुख स्थित नगरों में ऐसा देखने को मिलता है। कभी-कभी भीतरी भागों में स्थित नगरों में ऐसा ही प्रतिरूप देखने में आता है। शिकागो, सेण्ट लुईस और साल्टलेक सिटी इसके उदाहरण हैं, क्योंकि इन नगरों में यातायात मार्ग किनारे पर आकर मिलते हैं तथा यह किनारे का भाग नगर के सभी भागों से सुगम होता है।

थोक व्यापार एवं हल्का विनिर्माण औद्योगिक क्षेत्र (The Wholesale and Light Manufacturing District)

यह भाग भी नगर की आसान पहुँच में होता है तथा नगर के केन्द्र के निकट ही स्थित होता है। थोक व्यापार क्षेत्र, जिसको कुछ आधार नगर से प्राप्त होता है लेकिन प्रमुख रूप से पड़ौसी क्षेत्रों की सेवा करता है जिनसे यह रेल व मोटर, ट्रक मार्गों द्वारा जुड़ा होता है। अतः यह CBD के समीप (उसके चारों ओर नहीं) यातायात मार्गों के सहारे-सहारे फैल जाता है।

भारी उद्योग क्षेत्र (The Heavy Industrial District)

यह क्षेत्र नगर की वर्तमान सीमा अथवा पुरानी बाहरी सीमा पर फैला होता है। भारी उद्योगों को भूमि के बड़े-बड़े प्लाटों की आवश्यकता पड़ती है। इनको अच्छे यातायात साधन, जैसे रेल अथवा जल-मार्ग की आवश्यकता होती है। ये सब सुविधाएँ नगर के केन्द्रीय भाग की अपेक्षा उसके सीमावर्ती भाग में अच्छी तरह मिलती हैं। इसी कारण नगर की बाहरी सीमा पर भारी उद्योगों का क्षेत्र मिलता है जैसे कि शिकागो नगर के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर तीन मील लम्बी पेटी में लगभग सौ उद्योग स्थापित मिलते हैं।

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रिहाइशी क्षेत्र (The Residential District)

आमतौर पर उच्च श्रेणी के रिहाइशी मकान नगर के ऊँचे भागों पर, जो जल-प्रवाह की अच्छी दशा रखते हैं, स्थापित हो जाते हैं तथा ये शोर, धुएँ, दुर्गन्ध, रेल-मार्ग आदि बाधाओं से दूर बनाए जाते हैं। नगर में जहाँ पर भी कारखाने तथा रेल-मार्ग पाए जाते हैं, वहाँ ही निम्न श्रेणी का रिहाइशी क्षेत्र विकसित हो जाता है। उपर्युक्त दोनों के बीच की परिस्थितियाँ रखने वाले क्षेत्र में मध्यम श्रेणी के लोगों का रिहाइशी क्षेत्र बन जाता है।

छोटे-छोटे नाभि क्षेत्र (Minor Nuclei)

इसमें सांस्कृतिक केन्द्र, पार्क, बाहरी व्यापारिक केन्द्र तथा छोटे औद्योगिक केन्द्र शामिल हैं। एक विश्वविद्यालय, भी स्वतन्त्र रूप से नाभि के रूप में कार्य कर सकता है। शिकागो विश्वविद्यालय, कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय और हारवर्ड विश्वविद्यालय इसके उत्तम उदाहरण हैं। बाहरी व्यापारिक केन्द्र समय के साथ प्रमुख व्यापारिक केन्द्र बन जाता है। पार्क व मनोरंजन केन्द्र जो कि पुरानी बेकार पड़ी हुई भूमि को घेरे होते हैं, कभी-कभी नाभि का रूप धारण कर लेते हैं।

यहाँ पर उच्च श्रेणी के रिहाइशी क्षेत्र विकसित हो जाते हैं। वाशिंगटन का रॉक क्रीक पार्क तथा लन्दन का हाइड पार्क इसके उत्तम उदाहरण हैं। अनेक छोटे-छोटे संस्थान तथा हल्के विनिर्माण उद्योग जैसे, बेकरी आदि जो कि नगर में इधर-उधर फैले रहते हैं कभी नाभि का रूप धारण नहीं कर पाते।

उपनगर और अनुषंगी नगर (Suburb and Satellite)

अमरीकी नगरों कोौ प्रमुख विशेषता उनमें उपनगरों का पाया जाना है। ये उपनगर दो प्रकार के होते हैं : 

(क) रिहाइशी उपनगर,

(ख) औद्योगिक उपनगर

मोटर-मार्गों व उपनगरीय रेल-मागों के विकास ने उपनगरों को जन्म दिया है। अनुषंगी नगर उपनगरों से भित्र होते हैं। ये केन्द्रीय नगर से कई किमी० दूर स्थित होते हैं तथा इन नगरों से केन्द्रीय नगर को रोजाना आना-जाना बहुत कम होता है। यद्यपि आर्थिक दृष्टि से यह केन्द्रीय नगर पूर्ण रूप से निर्भर करते हैं। उदाहरण के तौर पर, गारी को शिकागो का उपनगर कहा जा सकता है जबकि एलगिन व जोलियट को अनुषंगी नगर। हमारे देश में ज्वालापुरगुरुकुल कांगड़ी को हरिद्वार का उपनगर कहा जा सकता है, जबकि रानीपुर श्यामनगर को अनुषंगी नगर का पद दिया जा सकता है।

हरिद्वार के उपनगर तथा अनुषंगी नगर

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