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अर्गोग्राफ (Ogilvie’s ergograph) क्या होता है?
1938 में ए. जी. ओगिलवी (A. G. Ogilvie) ने तत्कालीन मद्रास भौगोलिक संस्था (Madras Geographical Society) की शोध-पत्रिका में प्रादेशिक भूगोल की तकनीक विषय पर प्रकाशित अपने लेख में एक भिन्न प्रकार का अर्गोग्राफ (ergograph) बनाया था, जिसमें महीनों के अनुसार दैनिक कार्यों की प्रकृति एवं उनकी घण्टों में अवधियों को वृत्ताकार वक्रों के द्वारा प्रदर्शित किया गया था।
इस प्रकार के अर्गोग्राफ (ergograph) या मिश्रित वृत्ताकार आलेख (circular compound graph) से मौसमी क्रिया-कलापों के लगातार क्रम को प्रकट करते हैं। इस अर्गोग्राफ (ergograph) की रचना करने के लिए किसी वृत्त के केन्द्र पर 30-30 अंश के अन्तराल पर 12 अर्द्धव्यास खींचकर उनके बाहरी सिरों (अर्थात् परिधि) पर घड़ी की सुई की दिशा में जनवरी, फरवरी, मार्च आदि महीनों के नाम लिख दिए जाते हैं।
प्रत्येक अर्द्धव्यास की कुल लम्बाई 24 घण्टे की अवधि के बराबर मान ली जाती है तथा किन्हीं दो आमने-सामने के अर्द्धव्यासों पर केन्द्र से बाहर की ओर को सुविधानुसार 2-2 या 4-4 घण्टे के अन्तराल पर समय के चिह्न अंकित कर देते हैं, जिससे किसी वक्र को देखकर उसके द्वारा प्रकट अवधि का एक ही दृष्टि में करीब-करीब शुद्ध ज्ञान हो जाए। अर्द्धव्यासों पर घण्टों में समय प्रकट करने वाले चिह्नों को वलय आरेख में बतलायी गई विधि के अनुसार दूरी ज्ञात करके अंकित करना चाहिए न कि समान दूरी के अन्तराल पर जैसा कि प्रायोगिक भूगोल की कुछ पुस्तकों में दिया गया है।
उदाहरणार्थ, मान लीजिए किसी वृत्त का अर्द्धव्यास 6 सेमी है तथा इस अर्द्धव्यास पर 4, 8, 12, 16, व 20 घण्टों की अवधियों को दिखलाना है तो इस अर्द्धव्यास को 6 समान भागों में बाँटने के बजाय केन्द्र से क्रमशः 2.45, 3.46, 4.24, 4.9 व 5.48 सेमी की दूरियों पर इन अवधियों के चिह्न लगाए जायेंगे। इस प्रकार चिह्न अंकित करने का उद्देश्य वृत्त के क्षेत्रफल को दी गई अवधियों के अनुपात में बाँटना होता है।
उपरोक्त रचना-कार्य पूर्ण करने के पश्चात् प्रत्येक महीने के अर्द्धव्यास पर उस महीने में किए गए कार्यों की घण्टों में संचयी अवधियों के चिह्न अंकित किए जाते हैं। संचयी अवधियों के चिह्नों को अंकित करने की वही विधि है जो पट्टिका-ग्राफ में होती है। अन्त में समान कार्यों की अवधियाँ प्रकट करने वाले चिह्नों को मिलाते हुए आलेख में वृत्ताकार वक्र बना देते हैं तथा संकेत के अनुसार उत्तरोत्तर वक्रों के मध्य अलग-अलग प्रकार की छायाएँ भर दी जाती हैं।
ओगिलवी के अर्गोग्राफ (Ogilvie’s ergograph) की रचना विधि
उदाहरण निम्न सारणी में पश्चिमी हिमालय के गद्दी पशुचारकों की दिनचर्या का विभाजन दिया गया है। इन आँकड़ों की सहायता से मिश्रित वृत्ताकार आलेख या ओगिलवी का अर्गोग्राफ (ergograph)बनाइए।
कार्य | J | F | M | A | M | J | J | A | S | O | N | D |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
घरेलू कार्य | 3 | 3 | 3 | 2 | 2 | 3 | 2 | 3 | 2 | 2 | 2 | 2 |
भेड़ पालन | 8 | 8 | 8 | 12 | 12 | 2 | 2 | 2 | 3 | 4 | 12 | 12 |
कृषि | 2 | 2 | 2 | 2 | 2 | 9 | 9 | 9 | 5 | 4 | 2 | 2 |
अन्य कार्य | 3 | 3 | 3 | 2 | 2 | 2 | 2 | 2 | 6 | 6 | 2 | 2 |
निद्रा | 8 | 8 | 8 | 6 | 6 | 8 | 8 | 8 | 8 | 8 | 6 | 6 |
योग | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 | 24 |
ओगिलवी का अगोंग्राफ बनाने के लिए पहले दिनचर्या के समय को जोड़ते हुए प्रत्येक कार्य को संचयी घण्टों में लिखिए। इसके पश्चात् अर्गोग्राफ (ergograph) के वृत्त का कोई उचित अर्द्धव्यास (मान लीजिये 4 सेमी) चुनिए तथा जिस प्रकार वलय-आरेख में भिन्न-भिन्न वृत्तों के अर्द्धव्यास ज्ञात करते हैं ठीक उसी प्रकार प्रत्येक महीने में प्रत्येक कार्य के संचयी घण्टों की वृत्त के केन्द्र से सेन्टीमीटरों में दूरी ज्ञात कीजिए।
उदाहरणा के लिए
अधिकतम मूल्य (अर्थात् 24 घण्टे) की केन्द्र से दूरी = 4 सेमी
3 घन्टे के चिह्न की केन्द्र से दूरी = √3 / √24 × 4 = 1.4 सेमी
इसी प्रकार 11 घन्टे के चिह्न की केन्द्र से दूरी = √11 / √24 × 4 = 2.7 सेमी
ऊपर सारणी में दिए गए कार्यों के लिए वृत्त के केन्द्र से दूरियों को नीचे सारणी में दिया गया है।
अब चित्र की भाँति 4 सेमी अर्द्धव्यास का वृत्त बनाइए तथा उसके केन्द्र पर 30-30 अंश के अन्तराल पर 12 अर्द्धव्यास खींचिए। इन अर्द्धव्यासों पर 12 बजे की स्थिति से प्रारम्भ करते हुए घड़ी की सुई की दिशा में जनवरी, फरवरी, मार्च आदि महीनों के नाम लिखिए। इसके पश्चात् प्रत्येक महीने के अर्द्धव्यास पर उपरोक्त दूरियों के चिह्न अंकित कीजिए तथा समान कार्य वाले चिह्नों को मिलाते हुए वक्र बनाइए।
अब उत्तरोत्तर वक्रों के द्वारा घिरे भागों में भिन्न-भिन्न प्रकार की छायाएँ भरकर दैनिक कार्यों की अवधि प्रकट कीजिए। अर्गोग्राफ (ergograph) के नीचे छायाओं का संकेत बनाइए तथा वृत्त के किन्ही दो आमने-सामने के अर्द्धव्यासों पर समय की मापक प्रदर्शित कीजिए।
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