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विकर्ण मापक (Diagonal Scale) किसे कहते हैं?
जिस आलेखी मापक में विकर्णों की सहायता से गौण भागों को और छोटे भागों में विभाजित कर दिया जाता है, उसे विकर्ण मापक (Diagonal Scale) की संज्ञा दी जाती है। सरल मापक के द्वारा तो केवल दो मात्रकों (units) जैसे, मील-फर्लांग, किलोमीटर-हेक्टोमीटर अथवा हेक्टोमीटर-डेकामीटर आदि में दूरियाँ पढ़ी जाती हैं जबकि विकर्ण मापक (Diagonal Scale) के द्वारा तीन मात्रकों जैसे मील-फर्लांग-गज अथवा किलोमीटर-हेक्टोमीटर-डेकामीटर में दूरियाँ पढ़ी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त विकर्ण मापक (Diagonal Scale) में 1 इन्च का 100 वाँ अथवा 1 सेन्टीमीटर का 10 वाँ भाग दिखलाया जा सकता है, जो सरल मापक के द्वारा सम्भव नहीं है।
विकर्ण मापक की रचना (Construction of a Diagonal Scale)
जैसा ऊपर संकेत किया गया है विकर्ण मापक में तीन मात्रकों में दूरियाँ पढ़ना सम्भव है। प्रथम दो मात्रकों की दूरियों को सरल आलेखी मापक की विधि के अनुसार प्रदर्शित करते हैं तथा तीसरे मात्रक की दूरी को मापक के गौण भागों पर बनाए गए आयतों (rectangles) में विकर्ण खींचकर प्रदर्शित किया जाता है। प्रत्येक विकर्ण सम्बन्धित गौण भाग पर बने आयत में समान अन्तर पर निश्चित संख्या में आयत की क्षैतिज भुजा के समान्तर खींची गई सरल रेखाओं को अलग-अलग अनुपातों में विभाजित करता है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी आयत में क्षैतिज रेखा के अतिरिक्त समान दूरी के अन्तर पर खींची गई समान्तर रेखाओं की संख्या 10 है तो आयत का विकर्ण पहली रेखा को 1 : 9, दूसरी को 2 : 8, तीसरी को 3 : 7, चौथी को 4 : 6, पाँचवी को 5 : 5, छठी को 6 : 4, सातवीं को 7 : 3, आठवीं को 8 : 2, नवीं को 9 : 1 में विभाजित करेगा तथा दसवीं भुजा आयत की क्षैतिज भुजा की लम्बाई प्रदर्शित करेगी।
इस प्रकार यदि आयत की क्षैतिज भुजा अर्थात् गौण भाग की लम्बाई 1 इन्च है तो समान्तर खींची गई इन रेखाओं पर क्रमशः 0.1, 0.2, 0.3, 0.4, 0.5, 0.6, 0.7, 0.8 तथा 0.9 इन्च की दूरियाँ सरलतापूर्वक पढ़ी जा सकती हैं। अन्तिम अर्थात् दसवीं रेखा को विकर्ण विभाजित नहीं करेगा। अतः इसका मान 1 इन्च की दूरी होगा। यहाँ यह समझ लेना आवश्यक है कि गौण भाग द्वारा प्रदर्शित दूरी को जितने भागों में बाँटना होता है उतनी ही संख्या में समान अन्तर पर आयत में उसकी क्षैतिज भुजा के समान्तर रेखाएँ खींची जाती हैं।
उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि विकर्ण मापक में विकर्णों की सहायता से गौण भागों द्वारा प्रदर्शित दूरियों को आवश्यकतानुसार संख्या में समान भागों में विभाजित किया जाता है जिससे मापक में छोटी-छोटी दूरियाँ पढ़ी जा सकें।
विकर्ण मापक (Diagonal Scale) की रचना करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- मापक को प्राथमिक तथा गौण भागों में विभाजित करने वाले प्रत्येक बिन्दु पर समान लम्बाई वाली लम्ब रेखाएँ बनाई जाती हैं। इन लम्ब रेखाओं की लम्बाई प्रायः 3 से 4 सेन्टीमीटर तक रखते हैं। कभी-कभी मापक को गौण भागों में विभाजित करने वाले बिन्दुओं पर रचना-सम्बन्धी सरलता के लिए लम्ब नहीं बनाए जाते।
- मापक के बायें सिरे पर बनाए गए लम्ब को आवश्यकतानुसार संख्या में समान दूरी के अन्तर पर विभाजित करते हैं तथा इन विभाजक-बिन्दुओं के मान नीचे से ऊपर की ओर को लिखे जाते हैं।
- लम्ब रेखा को समान भागों में बाँटने वाले इन बिन्दुओं से मापक की पूरी लम्बाई में समान्तर रेखाएँ खींची जाती हैं जो मापक की प्रत्येक लम्ब रेखा को समान भागों में विभाजित करती हैं।
- मापक के गौण भागों पर इस प्रकार बने आयतों में परस्पर समान्तर विकर्ण बनाए जाते हैं। प्राथमिक भागों पर बने आयतों में विकर्ण बनाने की आवश्यकता नहीं होती। विकर्ण बनाने के लिए सदैव आयत के ऊपरी बायें कोने से निचले दायें कोने को मिलाती हुई सरल रेखा खींची जाती है। यदि मापक के गौण भागों पर आयत नहीं बनाए गए हैं तो जिस प्रकार मापक की निचली रेखा पर शून्य से बायीं ओर को गौण भागों के 1, 2, 3, 4, आदि मान लिखे जाते हैं उसी प्रकार मापक की ऊपरी रेखा पर शून्य से बायीं ओर को गौण भागों के 1, 2, 3, 4, आदि मान लिख देते हैं और तत्पश्चात् निचली रेखा पर अंकित 0, 1, 2, तथा 3 के मान वाले बिन्दुओं की ऊपरी रेखा पर अंकित क्रमशः 1, 2, 3, तथा 4, मान वाले बिन्दुओं से मिलाकर विकर्ण बनाते हैं।
- विकर्ण मापक (Diagonal Scale) पर कोई दूरी पढ़ने के लिए सम्बन्धित समान्तर रेखा पर शून्य के दायीं ओर किसी प्राथमिक भाग के लम्ब पर तथा शून्य के बायीं ओर उस समान्तर रेखा तथा सम्बन्धित विकर्ण के छेदन बिन्दु पर गुणा (x) या तीर के चिह्न लगाए जाते हैं तथा इन चिह्नों के मध्य गहरी स्याही से रेखा खींचकर दूरी लिख देते हैं। उदाहरणार्थ, मान लीजिए विकर्ण मापक पर 5 मील 4 फर्लांग की दूरी पढ़नी है तो 4 मील की दूरी प्रदर्शित करने वाले प्राथमिक भाग एवं शून्य के बायीं ओर दूसरे विकर्ण तथा चौथी समान्तर रेखा के छेदन-बिन्दु पर गुणा के चिह्न अंकित किए जायेंगे। इन दोनों चिह्नों को मिलाने वाली रेखा अभीष्ट दूरी प्रकट करेगी।
- प्राथमिक तथा गौण भागों द्वारा प्रदर्शित दूरियों को लिखने की तथा मापक की लम्बाई आदि ज्ञात करने की विधि वही होती है जो सरल मापक की होती है। गौण भाग की छोटी दूरियों को मापक के बायें सिरे पर बनाए गए लम्ब पर नीचे से ऊपर की ओर को सम्बन्धित समान्तर रेखा के सामने लिखते हैं।
विकर्ण मापक (Diagonal Scale) की रचना विधि: उदाहरण 1
1/50 निरूपक भिन्न पर बने किसी मकान के प्लान के लिए एक विकर्ण मापक (Diagonal Scale) की रचना कीजिए जिसमें 1 सेमी तक की दूरी पढ़ी जा सके।
निरूपक भिन्न के अनुसार,
मानचित्र पर 1 सेमी की दूरी प्रकट करती है = धरातल पर 50 सेमी को
अत: 14 सेमी की दूरी प्रकट करेगी = 50 × 14 सेमी अर्थात् 7 मीटर को
अब 14 सेमी लम्बी कोई सरल रेखा खींचिए जो 7 मीट की दूरी प्रकट करेगी। इस रेखा को 7 समान भागों में बाँटिए तथा विभाजक बिन्दुओं पर लम्ब खींचिए । इस प्रकार बना प्रत्येक भाग 1 मीटर की दूरी प्रदर्शित करेगा। बायीं ओर के भाग को पुनः 10 उपविभागों में बाँटिए जिससे प्रत्येक उपविभागा के द्वारा 1 डेसी (अर्थात् 10 सेमी) की दूरी प्रकट होगी। बाए सिरे पर बनाए गए लम्ब पर कोई दूरी लेकर 10 चिह्न लगाइए तथा इन चिह्नों से मापक की पूरी लम्बाई में समान्तर रेखाएँ खीचिए । इन रेखाओं पर 1 से 10 सेमी तक की संख्याएँ लिखिए। चित्र 4.25 के अनुसार गौण भागों पर विकर्ण बनाइए।
विकर्ण मापक (Diagonal Scale) की रचना विधि: उदाहरण 2
1/63,360 निरूपक भिन्न पर बने मानचित्र के लिए एक विकर्ण मापक (Diagonal Scale) की रचना कीजिए तथा मापक में 3 मील 3 फर्लांग 132 गज की दूरी प्रदर्शित कीजिए।
निरूपक भिन्न के अनुसार,
मानचित्र पर 1 इन्च की दूरी प्रकट करती है = 63,360 इन्च अर्थात् 1 मील
अत: 5 इन्च की दूरी प्रकट करेगी = 5 मील
(यहां इन्च को मील में बदलने के 63,360 से भग किया गया है क्योंकि मील में 63,360 इन्च होते हैं )
अब 5 इन्च लम्बी कोई सरल रेखा खींचिए जो 5 मील की दूरी प्रकट करेगी। इस रेखा के 5 समान भाग कीजिए जिससे प्रत्येक भाग 1 मील की दूरी प्रदर्शित करेगा। विभाजक बिन्दुओं पर लम्ब उठाइए। फर्लांग दिखलाने के लिए बायीं ओर के पहले भाग को आठ समान भागों में विभाजित कीजिए। मापक के बायें सिरे पर बनाए गए लम्ब पर कोई दूरी लेकर समान अन्तर पर 10 चिह्न लगाइये तथा इन चिह्नों से मापक की आधार रेखा के समान्तर रेखाएँ खींचिए।
चित्र के अनुसार गौण भागों पर विकर्ण खीचिए। मापक में 3 मील 3 फर्लांग 132 गज की दूरी प्रदर्शित करने के लिए शून्य से बायीं ओर की चौथी विकर्ण रेखा तथा छठी समान्तर रेखा के छेदन-बिन्दु पर तीर का चिह्न लगाइए तथा दूसरा चिह्न इस समान्तर रेखा तथा 3 मील प्रदर्शित करने वाली लम्ब रेखा के छेदन-बिन्दु पर अंकित किया जाएगा।
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