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क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph)

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क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) क्या होता है?

क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) के द्वारा किसी स्थान के मासिक तापमान व मासिक वर्षा दोनों की दशाएँ प्रकट की जाती हैं। यह एक प्रकार का वृत्ताकार आलेख है, जिसे इरविन रेज़ (Erwin Raisz) ने अर-आरेख (spoke graph), इ. एन. मुन्स (E.N.Munns)आर. हार्टशोर्न (R. Hartshorne) ने जलवायु-आरेख (climatograph) तथा टी. डब्ल्यू. बर्च (T.W.Birch) ने ध्रुवीय चार्ट (polar chart) व घड़ी आलेख (clock graph) नाम से पुकारा है। इन विद्वानों के द्वारा निर्मित क्लाइमेटोग्राफों की रचना-विधियों में थोड़ा-थोड़ा सा अन्तर है। यहाँ इरविन रेज़ के द्वारा बतलायी गई विधि को समझाया गया है।

इरविन रेज़ के अर-आरेख या क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) में औसत मासिक तापमानऔसत मासिक वर्षा के दो वक्र बनाकर किसी एक वक्र (सामान्यतः वर्षा के वक्र) से घिरे भाग में कोई छाया भर देते हैं, जिससे दोनों वक्र अलग-अलग स्पष्ट दिखलायी दें। इन वक्रों को खींचने के लिये वृत्त में प्रत्येक महीने के अर्द्धव्यास अर्थात् अरीय अक्ष (radial coordinate) पर तापमान व वर्षा के दिए हुए मूल्यों को ओगिलवी के अग्रोग्राफ में बतलायी गई विधि के अनुसार केन्द्र से दूरी ज्ञात करके अंकित किया जाता है। 

आलेख में तापमान व वर्षा की मापनियों को संकेन्द्र वृत्तों के द्वारा प्रकट करते हैं। ये वृत्त जिस अनुपात में तापमान के मूल्यों को प्रदर्शित करते हैं उसी अनुपात में उन पर वर्षा के मूल्य लिख देते हैं। इस प्रकार इन वृत्तों से तापमान व वर्षा दोनों की मापनियाँ प्रदर्शित हो जाती हैं।

क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) की रचना विधि

उदाहरण  निम्नलिखित आँकड़ों की सहायता से कलकत्ता का क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) बनाइए :

MonthJFMAMJJASOND
Average Temperature (in °C )182121293029282728262218
Average Rainfall (in cm)12.83.5512.728.430.729.222.3111.30.5
कलकत्ता के क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) से सम्बंधी आंकड़े

क्लाइमेटोग्राफ( Climatograph) बनाने के लिए किसी सुविधानुसार चुने गए अर्द्धव्यास (मान लीजिए 4 सेमी) का वृत्त बनाकर उसके केन्द्र पर 30-30 अंश के अन्तराल पर 12 अर्द्धव्यास या अरीय अक्ष खींचिए तथा ओगिलवी के अर्गोग्राफ की भाँति 12 बजे की स्थिति से प्रारम्भ करते हुए इन अर्द्धव्यासों पर घड़ी की सुईं की दिशा में जनवरी, फरवरी, मार्च आदि महीनों के नाम लिखिए (देखिए चित्र)। 

अब मान लीजिए, वृत्त के अर्द्धव्यास की पूरी लम्बाई (अर्थात् 4 सेमी) तापमान के अधिकतम मूल्य (अर्थात् 30° सेन्टीग्रेड) को प्रकट करती है तो वलय आरेख के सूत्रानुसार अर्द्धव्यास पर केन्द्र से √18 / √30 × 4 = 3.1 सेमी की दूरी पर अंकित किया गया चिह्न जनवरी के तापमान को प्रकट करेगा। इसी प्रकार फरवरी के चिह्न की केन्द्र से दूरी  √21 / √30 x 4 = 3.3 सेमी होगी। 

इसी सूत्र का प्रयोग करते हुए प्रत्येक महीने के तापमान के चिह्न की केन्द्र से दूरी ज्ञात कीजिए तथा उसे वृत्त के सम्बन्धित अर्द्धव्यास पर अंकित कीजिए। इस प्रकार अंकित किए गए चिह्नों को मिलाते हुए तापमान के वक्र को पूर्ण कीजिए। जिस प्रकार अर्द्धव्यासों पर तापमानों की दूरियों को अंकित किया गया है उसी प्रकार उन पर वर्षा की दूरियों के चिह्न अंकित किए जायेंगे। 

इसके लिए वृत्त के अर्द्धव्यास की पूरी लम्बाई (अर्थात् 4 सेमी) को 30 सेमी वर्षा के बराबर मानकर निम्न प्रकार गणना की जाएगी :

जनवरी की वर्षा के चिह्न की केन्द्र से दूरी, 

= √1.0 / √30 × 4 = 0.7 सेमी 

इसी प्रकार, फरवरी की वर्षा के चिह्न की केन्द्र से दूरी, 

=√2.8 / √30 × 4 = 1.2 सेमी

इस प्रकार ज्ञात की गई दूरियों को सम्बन्धित महीनों के अर्द्धव्यासों पर अंकित करके वर्षा का वक्र बनाइए तथा इस वक्त के द्वारा घेरे गएभाग को छायांकित कीजिए। उपरोक्त विधि के अनुसार ज्ञात की गई तापमान व वर्षा के चिह्नों की दूरियों को नीचे दिया गया है :

MonthJFMAMJJASOND
Temperature3.13.33.33.943.93.83.73.83.73.43.1
Rainfall0.71.21.41.62.63.84.13.93.52.40.80.5
क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) में वृत के केन्द्र से दूरी

क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) में वर्षा व तापमान की मापनियों को प्रकट करने के लिए 2.3 व 3.3 सेमी अर्द्धव्यास वाले दो संकेन्द्र वृत्त खींचकर छोटे वृत्त पर 10° सेग्रे तापमान व 10 सेमी वर्षा तथा बड़े वृत्त पर 20° सेग्रे तापमान व 20 सेमी वर्षा लिखिए। इन अर्द्धव्यासों की लम्बाइयों को ऊपर बतलाए गये सूत्र के अनुसार ही ज्ञात किया जाता है।

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