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Table of contents
जैव विविधता के प्रकार को जानने से पहले निम्न लेखों को अवश्य पढ़ें:
- जैवविविधता : अवधारणा एवं परिभाषाएं (Biodiversity : Concept and Definitions)
- जैवविविधता के तत्व (Elements of Biodiversity)
जैव विविधता के प्रकार (Types of Biodiversity)
जननिक जैवविविधता (genetic biodiversity)
जननिक विविधता को पौधों एवं जन्तुओं की प्रजातियों के जीन (genes) के स्तरों पर विभिन्नता एवं अन्तर के रूप में देखा जाता है। वास्तव में, जीन की विभिन्नता प्रजातियों में विभिन्नता को तथा प्रजातियों की विभिन्नता की मात्रा जैव विविधता (जैव विविधता की समृद्धि, या निर्धनता) को निर्धारित करती है।
डी० आर० बाटिश (2006) के अनुसार ‘किसी प्रजाति में अधिक जननिक विविधता होने पर उस प्रजाति के एकाकी जीवों में पर्यावरणीय दशाओं के साथ अनुकूलन की क्षमता अधिक होती है, तथा जीवों में विभिन्नता भी अधिक होती है। न्यून जननिक विविधता होने पर प्रजातियों में समरूपता होती है, परिणामस्वरूप प्रजातियों के जीवों में पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति दुर्बलता अधिक हो जाती है।’ अर्थात् यदि प्रजातियों में विविधता के बजाय एकरूपता (uniformity) अधिक होती है तो जीव पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के साथ अपने को अनुकूलित तथा समायोजित नहीं कर पाते हैं, परिणामस्वरूप विनष्ट हो जाते हैं।
प्रजाति जैवविविधता (species biodiversity)
प्रजाति जैवविविधता का सामान्य अर्थ होता है किसी निश्चित पारिस्थितिक तंत्र के जीवीय समुदायों (पौधों तथा जन्तुओं के समुदायों) की प्रजातियों के प्रकार (variety) तथा उनकी परिवर्तनशीलता (variability)। सामान्य रूप में प्रजाति विविधता को जैव विविधता के समानार्थी के रूप में लिया जाता है क्योंकि किसी पारिस्थितिक तंत्र में जीवित जीवों (पौधों एवं जन्तुओं) के विभिन्न प्रकारों की संख्या तथा प्रकार ही को प्रजाति विविधता कहते हैं।
प्रजाति विविधता का आकार ही पारिस्थितिक तंत्र विशेष (जैसे विषुवतरेखीय वर्षा वन पारिस्थितिक तंत्र, मानसूनी पर्णपाती वन पारिस्थितिक तंत्र, सवाना पारिस्थितिक तंत्र आदि) की आहार श्रृंखला (food chains) को दीर्घ या लघु बनाता है, और यही आहार श्रृंखला जैव विविधता के स्वरूप (समृद्ध या निर्धन) को निश्चित करती है।
प्रजाति विविधता जितनी ही अधिक होगी, आहार श्रृंखला उतनी ही दीर्घ होगी, जिस कारण जैव विविधता भी उतनी ही समृद्ध होगी। इसका प्रमुख उदाहरण विषुवतरेखीय वर्षा वन है जो ‘जैवविविधता हाटस्पाट’ कहा जाता है, क्योंकि यह विश्व का सर्वाधिक जैव विविधता वाला पारिस्थिक तंत्र है।
पारिस्थितिक तंत्र जैवविविधता (ecosystem biodiversity)
क्योंकि पारिस्थितिक तंत्र जीवीय समुदायों के आवासों (habitats) तथा निकेतों (niches) के प्रकारों, प्रत्येक पारिस्थितिक तंत्र में क्रियाशील जीवीय प्रक्रियाओं आदि को निर्धारित करता है, तथा ये सभी बदले में विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में प्रजातियों के प्रकारों एवं उनकी संख्या को निर्धारित करते हैं, अत: जैव विविधता का पारिस्थितिक तंत्र के स्तर भी अध्ययन किया जाता है।
उदाहरण के लिए विषुवतरेखीय वर्षा वन पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता, प्रवाल भित्ति पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता, एस्चुअरी पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता, घासप्रदेश पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता आदि। वास्तव में भौतिक पर्यावरणीय दशायें (स्थल, मृदा, वायु-मौसम एवं जलवायु, जल आदि) विभिन्न जीवीय समुदायों के लिए आवासों के स्वरूप तथा प्रकारों का निर्धारण करती हैं।
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