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नगरों के वर्गीकरण की आनुभविक व सांख्यिकीय विधि (Empirical-cum-Statistical Method of Towns’ Classification)
यह विधि गुणात्मक तथा मात्रात्मक दोनों विधियों का मिश्रण है। नगरों के कुछ कार्य ऐसे होते हैं, जिनके बारे में सही आँकड़े उपलब्ध नहीं होते । इनमें मनोरंजन, स्वास्थ्य, भ्रमण, संस्कृति आदि प्रमुख हैं। अतः इन कार्यों का मात्रात्मक विश्लेषण आसान नहीं होता। परन्तु जनगणना सम्बन्धी आँकड़े आसानी से मिल जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में दोनों विधियों का समावेश किया जाता है।
सी०डी० हैरिस (C.D. Harris) द्वारा नगरों का वर्गीकरण
सन् 1943 में संयुक्त राज्य अमेरिका के 948 नगरों की जनसंख्या के व्यावसायिक आँकड़े इक्कठा किए। उन्होंने इन नगरों में विभिन्न व्यवसायों में काम करने वाली जनसंख्या का अलग-अलग प्रतिशत निकाला तथा इस प्रकार प्राप्त प्रतिशत मूल्यों के आधार पर नगरों का कार्यात्मक वर्गीकरण प्रस्तुत किया। हैरिस ने अपने वर्गीकरण को कार्यिक वर्गीकरण की परिणात्मक विधि (Quantitative Method of Functional Analysis) कहा है। उन्होंने 948 नगरों को 9 वर्गों में रखा, जिनका संक्षिप्त वर्णन नीचे किया गया है:
- औद्योगिक नगर: कुल श्रमिकों का 74% भाग औद्योगिक क्रियाकलापों में कार्यरत होगा।
- थोक व्यापार वाले नगर: कुल श्रमिकों का 20% से अधिक भाग थोक व्यापार में संलग्न होगा।
- खुदरा व फुटकर व्यापार वाले नगर: कार्यशील जनसंख्या का कम-से-कम 50% भाग फुटकर व्यापार में लगा होना चाहिए। लेकिन फुटकर व्यापार में संलग्न व्यक्तियों की संख्या थोक व्यापार में संलग्न व्यक्तियों की संख्या का दुगुने से अधिक अवश्य होनी चाहिए।
- विभिन्न कार्यों वाले नगर: कार्यरत जनसंख्या का 70% से कम उद्योगों में, 20% से कम थोक व्यापार में तथा 50% से कम खुदरा व्यापार में संलग्न होना चाहिए।
- परिवहन नगर: कार्यशील जनसंख्या का 11 या इससे अधिक प्रतिशत परिवहन एवं संचार सेवाओं में संलग्न होना चाहिए। लेकिन यह भी जरूरी है कि परिवहन एवं संचार सेवाओं में लगे व्यक्तियों की संख्या उद्योगों में लगे व्यक्तियों का 33% या अधिक तथा व्यापार सेवाओं में लगे व्यक्तियों का 67% अधिक जरूर संलग्न हो।
- खनन नगर: कुल कार्यशील जनसंख्या का 15% भाग खनन कार्यों में लगा हो।
- विश्वविद्यालय नगर: नगर की शिक्षण संस्थाओं में नगर की कुल जनसख्या का 25% भाग पंजीकृत (Enrolled) होना चाहिए।
- मनोरंजन एवं स्वास्थ्यवर्द्धक नगर: इन नगरों के लिए किसी सांख्यिकीय विधि का प्रयोग नहीं किया जाता। ये वे नगर हैं जिनमें व्यवसायों में संलग्न जनसंख्या का प्रतिशत बहुत कम होता है। इनमें वे नगर भी शामिल किए जाते हैं जिन्हें अन्य नगरों से आने वाले लोग पूरा साल या कुछ महीनों के लिए अवकाश नगर के रूप में प्रयोग करते हैं।
- अन्य प्रकार के नगर: राजनीतिक केन्द्र, सैन्य नगर, मत्स्य उत्पादन या कृषि से जुड़े व्यवसाय वाले केन्द्र या वित्तीय केन्द्र इत्यादि।
सी०डी० हैरिस (C.D. Harris) के वर्गीकरण की आलोचना
- हैरिस ने विभिन्न व्यवसाय के नगरों के निर्धारण के लिए अलग-अलग प्रतिशत मूल्यों का चयन किस आधार पर किया।
- इस कार्यात्मक वर्गीकरण में नगरों के समस्त संभव प्रकारों को प्रदर्शित नहीं किया गया है।
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