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इस लेख को पढ़ने के बाद आप नगरीकरण के चक्र (Cycle of Urbanization) की विभिन्न अवस्थाओं की पहचान कर पाएंगे एवं इस पर नार्थम के विचारों को जान पाएंगे।
नगरीकरण का चक्र (Cycle of Urbanization)
नगरीकरण वह चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें कोई राष्ट्र कृषि-सामाजिक-व्यवस्था से औद्योगिक-सामाजिक-व्यवस्था की ओर बढ़ता है। नगरीकरण प्रक्रिया में एक राष्ट्र की जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत बढ़ता है। यह वृद्धि यदि शुरू भी होती है तो कहीं पर यह स्थिर भी हो जाती है। विश्व के विकसित राष्ट्रों में नगरीकरण की तेजी से शुरुआत पिछले सौ वर्षों से दिखाई दी है।
इंग्लैण्ड में उन्नीसवीं शताब्दी के प्रथम अर्द्ध-भाग में नगरीय विकास की दर काफी अधिक थी। कम विकसित देशों में नगरीय विकास की यह दर बीसवीं शताब्दी में मिलती है। विश्व के कुछ विकसित देशों में नगरीकरण के चक्र का अन्त दिखाई देता है। इन देशों में नगरीय जनसंख्या में तो वृद्धि हो रही है लेकिन कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत स्थिर (static) हो गया है। कुछ देशों में तो यह प्रतिशत कम होता भी दिखाई देता है।
अतः नगरीकरण की वक्र रेखा अंग्रेजी के (S) अक्षर का अनुसरण करती है। डेविस का कहना है कि आमतौर पर नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 50 से ऊपर पहुँच जाने पर इस रेखा की तीव्रता (Steepness) घटती जाती है। 75 प्रतिशत से ऊपर जाने पर तो यह तीव्रता लगभग समाप्त हो जाती है और यह रेखा पूर्ण रूप से आड़ी हो जाती है या नीचे को झुक जाती है। नगरीकरण की यह वक्र रेखा तीन अवस्थाओं का परिचय देती है, जिनका का वर्णन नीचे किया जा रहा है।
नगरीकरण के चक्र की विभिन्न अवस्थाएं (Different Stages in Cycle of Urbanization)
आरम्भिक अवस्था (Initial Stage)
इसकी आरम्भिक अवस्था नगरीकरण की शुरुआत बताती है जिसमें कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ता है। यह दशा कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का 25 प्रतिशत भाग होने का संकेत करती है। रेखा प्रायः कम तीव्र होती है। यह प्रारम्भिक समाज की आर्थिक संरचना का परिचय देती है। यह समाज पूर्णतया कृषि पर निर्भर करता है।
जनसंख्या का बहुत कम भाग नगरों में रहता है। नगरीकरण की आरम्भिक अवस्था (Initial Stage) के अन्तर्गत विश्व के कुछ प्रमुख देशों को रखा जा सकता है: युगाण्डा, तंजानिया, सूडान, इथियोपिया, कीनिया, मौरीतानियाँ, जाम्बिया, मेडागास्कर, नेपाल, बंगलादेश, श्रीलंका, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, मलेशिया, पाकिस्तान आदि ।
त्वरण अवस्था (Acceleration Stage)
नगरीकरण की दूसरी अवस्था-त्वरण अवस्था (Acceleration Stage) कहलाती है। यह नगरीकरण की तीव्रता को दर्शाती है। वक्र रेखा सबसे अधिक खड़ी रेखा होती है। वक्र रेखा की तीव्रता 75 प्रतिशत तक रहती है। इस अवस्था में जनसंख्या का कुछ स्थानों पर जमघट लग जाता है। अकृषित कार्यों का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। उद्योग, व्यापार, यातायात व सेवा कार्यों में लोगों को भारी संख्या में रोजगार मिलने लगता है। इसके विपरीत प्राथमिक कार्यों में रोजगार की सम्भावनाएँ कम होने लगती हैं।
यूरोप, दक्षिण अमरीका तथा दक्षिण-पश्चिम एशिया के अनेक देश नगरीकरण की इस त्वरण अवस्था में पहुँच चुके हैं। यूगोस्लाविया, हंगरी, नार्वे, रूमानिया, आस्ट्रिया, बल्गारिया, पोलैण्ड, स्विट्जरलैण्ड, डेनमार्क, इराक, सीरिया, टर्की, ईरान, जोर्डन, ब्राजील, पीरू, कोलम्बिया आदि इसी प्रकार के देश हैं, जहाँ पर नगरीकरण 30 से 70 प्रतिशत के बीच पाया जाता है। पिछले दशक में जिन देशों ने इस अवस्था के प्रथम चरण पर अपना कदम रखा है, उनमें श्रीलंका, भारत, म्यांमार, चीन आदि देश शामिल हैं।
अन्तिम (संतृप्त) अवस्था (Terminal Stage)
यह अवस्था 75 प्रतिशत या उससे अधिक नगरीय जनसंख्या होने की स्थिति पर आरम्भ होती है। इसमें वक्र रेखा अपनी तीव्रता लगभग समाप्त कर लेती है। कभी-कभी यह रेखा नीचे की ओर भी अपना झुकाव कर लेती है। इंग्लैण्ड में 1861, बेल्जियम में 1910 और स्वीडन में 1920 के बाद से नगरीकरण की दर धीमी होती हुई दिखाई देती है। कनाड़ा, संयुक्त राज्य अमरीका, फ्रांस कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, यूरग्वे, रूस, ब्राजील, क्यूबा नीदरलैण्ड, पश्चिमी जर्मनी, जापान, चिली देश, नगरीकरण की इस अन्तिम अवस्था में पहुँच चुके हैं।
स्वीडन, बेल्जियम, इजराइल, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड देशों में तो नगरीकरण बहुत अधिक हो गया है। यहाँ की जनसंख्या का 80 प्रतिशत से अधिक भाग नगरों में रहता है। सिंगापुर, वेटीकन सिटी तो पूरी तरह नगरीकृत देश हैं। इन देशों में से कुछ देश अपनी नगरीय जनसंख्या में कमी भी अंकित कर रहे हैं।
नगरीकरण चक्र पर नार्थम के विचार (Views of Northam on Cycle of Urbanization)
नार्थम के अनुसार नगरीकरण की यह वक्र रेखा निम्न दो बातों के कारण बदल जाती है-
- निम्न नगरीकरण के समय कभी-कभी यह रेखा ऊपरी भाग पर पहुँचने से पहले सपाट होने लगती है। ऐसा तब सम्भव हो सकता है जब ग्रामीण जनसंख्या में वृद्धि नगरीय जनसंख्या में बढ़ने के स्थान पर स्थिर हो जाए।
- नगरों से जनसंख्या बाहर की ओर स्थानान्तरित होने लगे या फिर ग्रामीण जनसंख्या में वृद्धि की दर तीव्रतर हो जाए, जो यह वक्र रेखा उल्टी हो सकती है या बीच में तेजी से नीचे की ओर झुक सकती है। नगरों में जन-जीवन दूभर हो जाता है, और गामीण क्षेत्रों में लोगों को सभी प्रकार की नगरीय सुविधाएँ मिलने लगती है, तो नगरीय जनसंख्या में कमी होने लगती है, और यह वक्र रेखा अंतिम अवस्था में पहुँचने से पूर्व वापसी अवस्था (Regressive Stage) में पहुँचने लगती है।
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