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जनसंख्या वृद्धि, एक निश्चित समय अवधि में जनसंख्या में होने वाले वाले धनात्मक (Positive) या ऋणात्मक (Negative) परिवर्तन को दर्शाती है। यदि जनसंख्या वृद्धि को व्यक्तियों की संख्या के प्रतिशत (प्रति 100 व्यक्तियों के पीछे होने वाले परिवर्तन) के रूप में व्यक्त किया जाए तो वह जनसंख्या वृद्धि दर कहलाएग। किसी स्थान के जनसंख्या परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारकों जन्म, मृत्यु तथा स्थानांतरण के योगदान के अनुसार जनसंख्या वृद्धि दो प्रकार की होती है –
(1) प्राकृतिक वृद्धि (Natural Growth)
(2) वास्तविक वृद्धि (Actual Growth)
जनसंख्या वृद्धि के प्रकार
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि किसी स्थान या क्षेत्र की कुल जनसंख्या में किसी निश्चित समयावधि के पश्चात् कुल जन्मों और कुल मृत्युओं के कारण आने वाले अन्तर को प्राकृतिक या नैसर्गिक वृद्धि माना जाता है। प्राकृतिक वृद्धि दर की गणना के लिए किसी निश्चित समयावधि में कुल जन्मों और कुल मृत्युओं की संख्या में अन्तर ज्ञात करके उसमें आरम्भ वर्ष की जनसंख्या से भाग देकर परिणाम में 100 से गुणा किया जाता है। इसकी गणना का सूत्र इस प्रकार है-
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि की गणना दशकीय (Decadal) अथवा वार्षिक आधार पर की जा सकती है। जनांकिकीय विश्लेषण में प्राकृतिक वृद्धि दर का व्यापक प्रयोग होता है किन्तु इससे वास्तविक जनसंख्या वृद्धि को नहीं दर्शाया जा सकता, क्योंकि जनसंख्या परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण कारक जनसंख्या स्थानांतरण (प्रवास) को इसमें शामिल नहीं किया जाता है।
इसकी गणना में व्यक्तियों के आयु वर्ग पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है। इस प्रकार दो स्थानों या क्षेत्रों की जनसंख्या संरचना में अन्तर होते हुए भी प्राकृतिक वृद्धि की समानता पायी जा सकती है। इसके विपरीत दो क्षेत्रों की समान संरचना वाली जनसंख्या में जन्मदर और मृत्युदर में अन्तर के कारण प्राकृतिक वृद्धि दर में भिन्नता भी हो सकती है।
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि
किसी क्षेत्र में एक निश्चित समयावधि में अन्तिम वर्ष की कुल जनसंख्या और प्रारम्भिक वर्ष की कुल जनसंख्या में अन्तर को प्रारम्भिक वर्ष की कुल जनसंख्या से विभाजित करके उसमें 100 से गुणा किया जाता है। इस प्रकार जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि दर प्राप्त होती है। यह एक नियत समय अंतराल (सामान्यतः प्रति दशक या प्रति वर्ष ) में प्राकृतिक वृद्धि के प्रतिशत अन्तर (वृद्धि या ह्रास) को प्रकट करती है। इसकी गणना का सूत्र इस प्रकार है।
इस प्रकार वास्तवकि वृद्धि दर के निर्धारण में जन्मदर, मृत्युदर और स्थानान्तरण का योगदान होता है। किसी नियत समयावधि में जनसंख्या अन्तर ज्ञात करने के लिए स्थान या क्षेत्र विशेष के (कुल जन्मों + आप्रवास) में से कुल (मृत्युओं + उत्प्रवास) को घटा दिया जाता है। इसके लिए अन्तिम वर्ष की कुल जनसंख्या में से प्रारम्भिक वर्ष की कुल जनसंख्या को घटाया जाता है।
यह अन्तर धनात्मक अथवा ऋणात्मक दोनों में से किसी एक प्रकार का हो सकता है। वास्तविक वृद्धि को आयु वर्गानुसार भी ज्ञात किया जा सकता है। इसके लिए किसी विशिष्ट आयु वर्ग में जनसंख्या के अन्तर की गणना की जाती है।
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