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सोपानी संचलन मॉडल (Stepwise Movement Model)
सोपानी संचलन मॉडल रैवेन्सटीन की संकल्पना में द्वितीय सामान्यीकरण – अवस्थाओं में प्रवास (Migration in Phases) पर आधारित है। यह मॉडल इस कल्पना पर आधारित है कि किसी तीव्र वृद्धि वाले नगर के लिए उसके समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या ही सर्वप्रथम प्रवास करती है। प्रवास के कारण उत्पन्न रिक्तियों की पूर्ति अपेक्षाकृत् अधिक दूरवर्ती जनपदों के निवासियों से होती है। यह क्रम तब तक चलता रहता है जब तक कि उस नगर की आकर्षण शक्ति (Pull force) का अनुभव कई चरणों से होता हुआ दूरवर्ती कृषि फामों एवं खेतिहर गाँवों में भी न किया जाने लगे।
इस मॉडल के अनुसार जनसंख्या का प्रवास पदानुक्रम या पदसोपान में होता है। चित्र में अधिवासों के पदानुक्रम के अनुसार सोपानी संचलन की प्रक्रिया को प्रदर्शित किया गया है।
चित्र से स्पष्ट है कि नगरीकरण और औद्योगीकरण की मात्रा में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों (एकाकी कृषि फार्मों तथा खेतिहर ग्रामों) के लोग नगरीकृत ग्रामों तथा लघु नगरों के लिए प्रस्थान करते हैं। इसके पश्चात् नगरीकृत ग्रामों तथा लघु नगरों से बड़े औद्योगिक केन्द्रों एवं प्रादेशिक नगरों के लिए और वहाँ से राष्ट्रीय महानगर के लिए जनसंख्या का स्थानान्तरण होता है। इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों से राष्ट्रीय महानगर तक जनसंख्या का प्रवास कई सोपानों (चरणों) से होता हुआ सम्पन्न होता है।
सोपानी संचलन संकल्पना के परीक्षण के लिए प्रवास के व्यक्तिगत उदाहरण सम्बन्धी आंकड़ों की उपलब्धता आवश्यक होती है किन्तु इसकी प्राप्यता कठिन तथा कम होती है। कुछ प्रदेशों में प्राप्त ऐसे आंकड़ों से इस संकल्पना के विपरीत निष्कर्ष निकलता है। किन्तु प्रवास सम्बन्धी सोपानी संचलन प्रवास प्रक्रिया का एक प्रमुख तथ्य है जिसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्र से राष्ट्रीय महानगर तक होने वाला प्रवास कई चरणों में होता हुआ सम्पन्न होता है।