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जनसंख्या संघटन (Population Composition) भूगोल के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय है, जो किसी भी क्षेत्र की जनसंख्या की संरचना का विश्लेषण करता है। इसमें जनसंख्या के विभिन्न घटकों की मात्रात्मक माप शामिल होती है, जैसे कि लिंग, आयु, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा स्तर, आर्थिक क्रियाएं, और ग्रामीण-नगरीय अनुपात। इन घटकों की जानकारी विभिन्न जनगणनाओं के माध्यम से एकत्रित की जाती है और ये जनसंख्या के मात्रात्मक पक्ष को प्रदर्शित करते हैं।
जनसंख्या संघटन का उद्देश्य क्षेत्रीय भिन्नताओं का विश्लेषण करना होता है, जिससे भूगोलवेत्ताओं को विभिन्न स्थानों की सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं को समझने में मदद मिलती है। यह अध्ययन न केवल जनसंख्या की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करता है, बल्कि विभिन्न जनसांख्यिकीय घटकों के भविष्य के रुझानों का भी पूर्वानुमान लगाता है। इस प्रकार, जनसंख्या संघटन का अध्ययन उन छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो B.A, M.A, UGC NET, UPSC, RPSC, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि यह विषय सामाजिक और आर्थिक भूगोल के अध्ययन में एक ठोस आधार प्रदान करता है।
जनसंख्या संघटन (Population Composition)
जनसंख्या संघटन का अर्थ जनसंख्या की संरचना (structure) से है। जनसंख्या संघटन में जन्संख्या के केवल उन्हीं तत्वों को शामिल किया जाता है जिनकी माप की जा सके अर्थात् वे घटक जिनको विभिन्न जनगणनाओं में एकत्रित किया है जैसे लिंग, वैवाहिक स्थिति, परिवार के आकार, व्यवसाय या आर्थिक क्रिया, ग्रामीण-नगरीय अनुपात (नगरीकरण), शिक्षा का स्तर, राष्ट्रीयता, जाति, भाषा, धर्म आदि से सम्बन्धित आंकड़े। इस प्रकार लिंगानुपात, आयु संरचना, व्यवसाय या आर्थिक क्रिया, ग्रामीण-नगरीय अनुपात (नगरीकरण), शिक्षा का स्तर, राष्ट्रीयता, जाति, भाषा, धर्म आदि जनसंख्या संघटक कहलाते हैं।
क्लार्क (J.I. Clarke) ने भी कहा है “जनसंख्या संघटन या जनसंख्या संरचना जनसंख्या के उन पक्षों को निरूपित करता है जिसकी माप की जा सकती है।” इनका भी यहीं कहना है कि जनसंख्या के जिन अवयवों के आंकड़े एकत्रित किये जाते हैं और जनगणना से प्राप्त होते हैं, उन्हें जनसंख्या का संघटक माना जाए।
इस प्रकार हम देखते हैं कि जनसंख्या संघटको की मात्रात्मक माप (quantitative measurement) की जा सकती है। अतः इन्हें जनसंख्या के मात्रात्मक पक्ष (Quantitative aspect) के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि जनसंख्या के अन्य तथ्य या तत्व या पक्ष भी हैं जैसे सामाजिक परम्पराएं, रीति-रिवाज, मनोवैज्ञानिक तथ्य आदि, लेकिन इनकी मात्रात्मक माप नहीं हो पाती है। अतः ऐसे तथ्यों को जनसंख्या का गुणात्मक पक्ष (Qualitative aspect) माना जाता है।
जनसंख्या भूगोलवेत्ता अपनी रूचि व आवश्यकता के अनुसार जनसंख्या संघटन के इन घटकों में से कुछ का ही अध्ययन करते हैं। जनसंख्या के कुछ महत्वपूर्ण घटक जिनमें जनसंख्या भूगोलवेत्ता रूचि लेता हैं वे हैं – लिंग, आयु, ग्रामीण-नगरीय अनुपात (नगरीकरण), व्यवसाय या आर्थिक सघंटन, साक्षरता, भाषा, जाति और धर्म आदि। जनसंख्या के इन घटकों के वितरण में पाई जाने वाली क्षेत्रीय भिन्नता का विश्लेषण करना भूगोलवेत्ता का प्रमुख उद्देश्य होता है।
इन इन घटकों से सम्बन्धित आंकड़े प्रायः सभी जनगणनाओं द्वारा आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। आंकड़ों की उपलब्धता के कारण ही ये घटक प्रादेशिक स्तर पर तुलनीय होते हैं और क्षेत्रीय भिन्नता के स्पष्ट करने में सहायक होते हैं। हालांकि जनसंख्या संघटन के अनेक तत्व आंकड़ों की अनुपलब्धता के कारण गौण हो जाते हैं।
Reference:
जनसंख्या भूगोल, डॉ. एस. डी. मौर्या
Test Your Knowledge with MCQs
- जनसंख्या संघटन का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
a) जनसंख्या वृद्धि का विश्लेषण करना
b) जनसंख्या की संरचना का विश्लेषण करना
c) जन्म और मृत्यु दर का अध्ययन करना
d) प्रवासन के कारणों का विश्लेषण करना - जनसंख्या संघटन के किस घटक की माप नहीं की जा सकती है?
a) लिंग अनुपात
b) आयु संरचना
c) भाषा
d) सामाजिक परंपराएं - निम्नलिखित में से कौन-सा जनसंख्या संघटन का मात्रात्मक घटक नहीं है?
a) शिक्षा स्तर
b) भाषा
c) रीति-रिवाज
d) व्यवसाय - किस भूगोलवेत्ता ने जनसंख्या संघटन की परिभाषा दी थी?
a) क्लार्क (J.I. Clarke)
b) हार्टशोर्न (R. Hartshorne)
c) स्टैंप (L. Dudley Stamp)
d) जेफ्री (A. Geoffrey) - निम्नलिखित में से कौन-सा घटक जनसंख्या संघटन का हिस्सा नहीं है?
a) लिंग
b) आयु
c) समुद्र तल
d) धर्म - जनसंख्या के गुणात्मक पक्ष के अंतर्गत क्या आता है?
a) लिंग अनुपात
b) आयु संरचना
c) शिक्षा का स्तर
d) सामाजिक परंपराएं - निम्नलिखित में से कौन-सा जनसंख्या संघटन का गुणात्मक घटक नहीं है?
a) जाति
b) भाषा
c) व्यवसाय
d) मनोवैज्ञानिक तथ्य - जनसंख्या संघटन के घटकों के आंकड़े सामान्यतः कहाँ से प्राप्त होते हैं?
a) जनगणना
b) जनसंख्या पिरामिड
c) एटलस
d) जलवायु सर्वेक्षण - जनसंख्या संघटन में ‘नगरीकरण’ से क्या तात्पर्य है?
a) नगरीय जनसंख्या का आकार
b) ग्रामीण-नगरीय अनुपात
c) नगरों की संख्या
d) शहरी क्षेत्रों का विस्तार - किस घटक के आंकड़े जनसंख्या संघटन के अध्ययन में आमतौर पर शामिल नहीं होते हैं?
a) राष्ट्रीयता
b) जलवायु
c) लिंग
d) आयु
उत्तर (Answers):
- b) जनसंख्या की संरचना का विश्लेषण करना
- d) सामाजिक परंपराएं
- c) रीति-रिवाज
- a) क्लार्क (J.I. Clarke)
- c) समुद्र तल
- d) सामाजिक परंपराएं
- c) व्यवसाय
- a) जनगणना
- b) ग्रामीण-नगरीय अनुपात
- b) जलवायु
FAQs
जनसंख्या संघटन का मतलब है जनसंख्या की संरचना का अध्ययन। इसमें जनसंख्या के विभिन्न घटकों जैसे लिंग, आयु, शिक्षा, व्यवसाय, और ग्रामीण-नगरीय अनुपात का विश्लेषण किया जाता है।
जनसंख्या संघटन का अध्ययन यह समझने के लिए किया जाता है कि किसी क्षेत्र की जनसंख्या कैसी है, इसके घटक कैसे वितरित हैं, और इससे संबंधित क्षेत्रीय भिन्नताओं का विश्लेषण किया जाता है।
जनसंख्या संघटन के प्रमुख घटक हैं लिंग अनुपात, आयु संरचना, शिक्षा का स्तर, व्यवसाय या आर्थिक गतिविधियां, ग्रामीण-नगरीय अनुपात, भाषा, जाति, और धर्म।
जनसंख्या संघटन का अध्ययन मात्रात्मक आंकड़ों के माध्यम से किया जाता है, जैसे कि लिंग अनुपात, आयु संरचना, और शिक्षा स्तर, जो आंकड़ों की उपलब्धता के आधार पर विश्लेषित किए जाते हैं।
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