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जनसंख्या संघटन (Population Composition)

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जनसंख्या संघटन (Population Composition)

जनसंख्या संघटन का अर्थ जनसंख्या की संरचना (structure) से है। जनसंख्या संघटन में जन्संख्या के केवल उन्हीं तत्वों को शामिल किया जाता है जिनकी माप की जा सके अर्थात् वे घटक जिनको विभिन्न जनगणनाओं में एकत्रित किया है जैसे लिंग, वैवाहिक स्थिति, परिवार के आकार, व्यवसाय या आर्थिक क्रिया, ग्रामीण-नगरीय अनुपात (नगरीकरण), शिक्षा का स्तर, राष्ट्रीयता, जाति, भाषा, धर्म आदि से सम्बन्धित आंकड़े। इस प्रकार लिंगानुपात, आयु संरचना, व्यवसाय या आर्थिक क्रिया, ग्रामीण-नगरीय अनुपात (नगरीकरण), शिक्षा का स्तर, राष्ट्रीयता, जाति, भाषा, धर्म आदि जनसंख्या संघटक कहलाते हैं।

क्लार्क (J.I. Clarke) ने भी कहा है “जनसंख्या संघटन या जनसंख्या संरचना जनसंख्या के उन पक्षों को निरूपित करता है जिसकी माप की जा सकती है।”  इनका भी यहीं कहना है कि जनसंख्या के जिन अवयवों के आंकड़े एकत्रित किये जाते हैं और जनगणना से प्राप्त होते हैं, उन्हें जनसंख्या का संघटक माना जाए। 

इस प्रकार हम देखते हैं कि जनसंख्या संघटको की मात्रात्मक माप (quantitative measurement) की जा सकती है। अतः इन्हें जनसंख्या के मात्रात्मक पक्ष (Quantitative aspect) के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि जनसंख्या के अन्य तथ्य या तत्व या पक्ष भी हैं जैसे सामाजिक परम्पराएं, रीति-रिवाज, मनोवैज्ञानिक तथ्य आदि, लेकिन इनकी मात्रात्मक माप नहीं हो पाती है। अतः ऐसे तथ्यों को जनसंख्या का गुणात्मक पक्ष (Qualitative aspect) माना जाता है। 

जनसंख्या भूगोलवेत्ता अपनी रूचि व आवश्यकता के अनुसार जनसंख्या संघटन के इन घटकों में से कुछ का ही अध्ययन करते हैं। जनसंख्या के कुछ महत्वपूर्ण घटक जिनमें जनसंख्या भूगोलवेत्ता रूचि लेता हैं वे हैं – लिंग, आयु, ग्रामीण-नगरीय अनुपात (नगरीकरण), व्यवसाय या आर्थिक सघंटन, साक्षरता, भाषा, जाति और धर्म आदि। जनसंख्या के इन घटकों के वितरण में पाई जाने वाली क्षेत्रीय भिन्नता का विश्लेषण करना भूगोलवेत्ता का प्रमुख उद्देश्य होता है। 

इन इन घटकों से सम्बन्धित आंकड़े प्रायः सभी जनगणनाओं द्वारा आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। आंकड़ों की उपलब्धता के कारण ही ये घटक प्रादेशिक स्तर पर तुलनीय होते हैं और क्षेत्रीय भिन्नता के स्पष्ट करने में सहायक होते हैं। हालांकि जनसंख्या संघटन के अनेक तत्व आंकड़ों की अनुपलब्धता के कारण गौण हो जाते हैं।

Also Read  विश्व में जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population in the World) 

Reference:

जनसंख्या भूगोल, डॉ. एस. डी. मौर्या

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