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प्रवास का सूक्ष्म विश्लेषणात्मक मॉडल (Micro Analytical Model of Migration) 

प्रवास का सूक्ष्म विश्लेषणात्मक मॉडल (Micro Analytical Model of Migration) 

जनसंख्या के अधिकांश सिद्धान्त या मॉडल संरचनात्मक प्रकृति के हैं। उनमें विश्लेषण के लिए सामान्यतः उन्हीं तथ्यों तथा इकाइयों का प्रयोग किया गया है जिनकी माप सुगमता पूर्वक की जा सकती है और उनके प्रत्यक्ष सम्बन्धों को गणितीय विधियों द्वारा प्रदर्शित किया गया है। ऐसे माडलों में समुच्चय आंकड़ों (Aggregate data) का प्रयोग किया जाता है जिसके फलस्वरूप वे स्थानान्तरण के प्रवाह का समुच्चयात्मक विश्लेषण करते हैं। इस प्रकार प्रवास के उद्देश्य या कारणों का अनुमान उनमें प्रयोग किए गए संरचनात्मक नियंत्रकों के आधार पर लगाया जाता है। 

सन् 1967 में हैगरस्टैन्ड (T. Hagerstrand) ने अपने ‘स्थानिक अंतक्रिया सिद्धान्त’ (Theory of Spatial Interaction) के विश्लेषण में आवासीय संचलन (Residential movement) का एक सरल मॉडल प्रस्तुत किया। इस मॉडल के अनुसार किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या का वितरण सतत रूप में नहीं पाया जाता है बल्कि यह विभिन्न केन्द्रों (nodes) के रूप में वितरित होती है जो परस्पर सम्बन्धित होते हैं और उनके मध्य पारस्परिक संचलन पाया जाता है। 

यह मॉडल मूलतः व्यक्ति विशेष के संचलन पर आधारित है। हैगरस्ट्रैन्ड के मतानुसार व्यक्ति विशेष का संचलन विशिष्ट प्रकार का होता है और इसका आधार उसको प्राप्त होने वाली सूचना होती है। इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति का सूचना क्षेत्र अलग-अलग हो सकता है क्योंकि वह अपने संचलन (movement) का निर्धारण प्राय: सम्भाविता के अनुसार करता है जिसका भिन्न-भिन्न होना स्वाभाविक है। 

इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति का सूचना क्षेत्र (व्यक्तिगत सूचना क्षेत्र) उद्देश्य और समय के अनुसार प्रायः भिन्न-भिन्न होता है। उनके अनुसार व्यक्तिगत सूचना क्षेत्रों में भिन्नता होते हुए भी कुछ जनसंख्या समुदायों के संचलन में नियमितता पाई जाती है। अतः एक नियत अवधि में कुछ लोगों के व्यक्तिगत सूचना क्षेत्रों के विश्लेषण द्वारा ‘औसत सूचना क्षेत्र’ का निर्धारण या सीमांकन किया जा सकता है। 

इस प्रकार से निर्धारित औसत सूचना क्षेत्र नियमित क्षेत्र के रूप में होता है जो कुछ व्यक्तियों के संचलन अनुभवों पर आधारित होता है। इससे स्पष्ट है कि औसत सूचना क्षेत्र के निर्धारण में प्रत्येक व्यक्ति के निजी सूचना क्षेत्रों का योगदान होता है। हैगरस्ट्रेन्ड की संकल्पना का निष्कर्ष यह है कि भौतिक या स्थानिक रूप से निकट रहने वाले व्यक्तियों में सम्बन्ध की आवृत्ति (frequency) अधिक होती है। अतः इस पर प्रकारान्तर से दूरी क्षय (दूरी ह्रास) का नियम लागू होता है। 

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स्टीफन गेल (Stephen Gale) ने हैगरस्ट्रेन्ड के नए सूचकांक के रूप में सूचना क्षेत्र के प्रस्ताव की प्रशंसा की है किन्तु उनका मानना है कि प्रवास प्रवाह (Migration flow) ज्ञात करने की यह विधि अधिक बोझिल है और इतनी बोझिल विधि से प्राप्त परिणाम दूरी क्षय प्रतिफल से विशेष भिन्न नहीं होता है। 

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