Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Share

साक्षरता का अर्थ एवं माप (Meaning and Measurement of Literacy) 

Estimated reading time: 6 minutes

इस लेख में आप साक्षरता का अर्थ तथा साक्षरता दर को मापने की विभिन्न विधियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

साक्षरता का अर्थ (Meaning of Literacy)

साक्षरता का शाब्दिक अर्थ है व्यक्ति के साक्षर (अक्षर युक्त) होने का गुण। सामान्य अर्थ में साक्षर व्यक्ति वह है जो किसी भाषा में पढ़ना और लिखना जानता है। अक्षर ज्ञान (Knowledge of Letters) साक्षर होने के लिए अनिवार्य है। विभिन्न देशों में साक्षरता की परिभाषा तथा उसकी माप के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले आधारों में अंतर देखने को मिलता है जिससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता की तुलना करने में मुश्किलें पैदा हो जाती हैं। 

हमारे देश भारत में शिक्षा और साक्षरता में कुछ मूल अन्तर देखने को मिलता है। भारत में उस व्यक्ति को साक्षर मानते हैं जो कम से कम किसी एक भाषा में पढ़ना और लिखना जानता है तथा अपना हस्ताक्षर कर लेता लेता हो। साक्षर होने के लिए किसी कक्षा को पास करना आवश्यक है। सामान्य रूप से साक्षरता और शिक्षित व्यक्तियों दोनों के लिए एक साथ साक्षरता शब्द का प्रयोग किया जाता है। 

कुल जनसंख्या में साक्षर व्यक्तियों के अनुपात (प्रतिशत) को सामान्य रू में साक्षरता दर (Literacy rate) कहा जाता है। विभिन्न क्षेत्रों या देशों में साक्षरता की परिभाषा तथा उसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले मापदंड प्रायः एक समान नहीं होते, जिससे शिक्षा के तुलनात्मक अध्ययन में एक बड़ी बाधा आती है। 

साक्षरता की मापने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले प्रमुख आधार हैं

1. अपने देश में बोली जाने वाली किसी भाषा की वर्णमाला का ज्ञान होने अथवा अपने हस्ताक्षर कर लेने और पढ़ने-लिखने की योग्यता होने पर व्यक्ति को साक्षर माना जाता है। अत: किसी व्यक्ति को साक्षर होने के लिए किसी शिक्षण संस्था (विद्यालय) में पंजीकृत होना आवश्यक नहीं होता है। भारत में साक्षरता का यही मापदंड अपनाया जाता है।

Also Read  थामस डबलडे का आहार सिद्धान्त (Diet Theory of Thomas Doubleday)

2. कुछ लोग साक्षरता की माप के लिए विद्यालयी शिक्षा को आधार मानते हैं किन्तु यह उपयुक्त नहीं लगता,  क्योंकि कोई व्यक्ति बिना विद्यालय जाए भी  किसी भाषा में पढ़ने-लिखने की योग्यता प्राप्त कर सकता है। इसके लिए विद्यालय जाने की किसी न्यूनतम अवधि (दिन, महीना आदि) को मापदण्ड माना जा सकता है। 

3. जो व्यक्ति किसी देश में बोली जाने वाली किसी एक भाषा के वर्णों को पहचान कर सकता हो  और उस भाषा को पढ़ सकताहो उसे साक्षर माना जा सकता है। हांगकांग की जनगणना 1961 में इसी मापदंड के आधार पर साक्षरता का निर्धारण किया गया था। 

4. कुछ देशों में उन व्यक्तियों को साक्षर माना जाता है जो कुछ निर्धारित प्रश्न के सही-सही उत्तर दे सकते हैं। फिनलैंड (1930) में साक्षरता निधारण के लिए इसी मापदंड का प्रयोग किया गया था। 

5. संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या आयोग द्वारा प्रस्तावित मापदंड के अनुसार उन सभी व्यक्तियों को साक्षर माना जाता है जो किसी एक भाषा में साधारण संदेश को पढ़-लिख और समझ सकते हैं। 

साक्षरता की माप के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले उपरोक्त मापदंडों के अलावा भी अन्य मापदंडों का भी मुख्य अथवा गौण आधार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है जो देश या क्षेत्र की स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक दशाओं पर निर्भर हो सकता है। 

साक्षरता की मापने की  विधियाँ (Methods of Measurement of Literacy)

साक्षरता को मापने के लिए कई प्रकार के सूचकांकों तथा विधियों का प्रयोग किया जाता है। विश्व के प्रायः सभी देशों में साक्षरता की गणना किसी न किसी रूप में की जाती है किन्तु साक्षरता की परिभाषा तथा उससे संबंधित आंकड़ों के एकत्रीकरण की विधियों में अन्तर से साक्षरता सूचकांकों में भी भिन्नता देखने को मिलती है जिसके कारण  अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता की तुलना करना कठिन हो जाता है। 

इसके साथ ही जनगणना सभी देशों में नियमित रूप से न होने के कारण तथा जनगणना अन्तराल में असमानता के कारण भी विभिन्न देशों की साक्षरता की तुलना करना कठिन हो जाता है। विश्व के अधिकांश देशों में जनगणनाएँ प्रायः 10 वर्ष के अंतराल पर होती हैं। लेकिन कुछ देशों में यह अन्तराल कम या अधिक भी पाया जाता है। सामान्य तौर पर साक्षरता दर की माप मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है 

Also Read  रोस्टोव का आर्थिक वृद्धि सिद्धान्त (Rostow's Theory of Economic Growth)

(1) अशोधित साक्षरता दर (Crude Literacy Rate)

(2) आयु विशिष्ट साक्षरता दर (Age Specific Literacy Rate) 

(1) अशोधित साक्षरता दर (Crude Literacy Rate)

 किसी देश या प्रदेश के कुल साक्षर व्यक्तियों और कुल जनसंख्या के साधारण प्रतिशत अनुपात को अशोधित साक्षरता दर की संज्ञा दी जाती है। 

Crude Literacy Rate Formula
अशोधित साक्षरता दर

आँकड़ों की उपलब्धता तथा इसकी माप की सरलता के कारण यह विधि साक्षरता मापन का एक लोकप्रिय विधि है। परन्तु इस विधि द्वारा साक्षरता की वास्तविक माप नहीं हो पाती, क्योंकि इसकी गणना में 5 वर्ष से कम आयु बच्चे भी सम्मिलित होते हैं जो प्रायः निरक्षर होते हैं। इतना ही नहीं, देर से विद्यालय जाने के कारण 5 वर्ष से ऊपर (सामान्यतः 7 वर्ष तक) के भी बहुत से बच्चे साक्षर नहीं होते हैं।

अतः साक्षरता माप की इस दर का प्रयोग केवल सामान्य तुलना के लिए ही किया जा सकता है, वास्तविक स्थिति की जानकारी के लिए नहीं । विश्व के अनेक विकासशील देशों में व्यक्ति के आयु के अनुसार साक्षरता के आँकड़े एकत्रित नहीं किए जाते हैं। अतः वहाँ अशोधित साक्षरता दर का ही प्रयोग किया जाता है।

(2) आयु विशिष्ट साक्षरता दर (Age Specific Literacy Rate)

आयु विशिष्ट साक्षरता दर की माप के लिए एक निश्चित आयु (सामान्यतः 5 वर्ष या 7 वर्ष) के बच्चों को शामिल नहीं किया जाता है और यह मान लिया जाता है कि इससे कम आयु के बच्चे निरक्षर होते हैं। 

Age Specific Literacy Rate Formula
आयु विशिष्ट साक्षरता दर

कुछ देशों में कुल जनसंख्या से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को घटाकर साक्षरता की गणना की जाती है। इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि इस आयु केबाद ही बच्चे विद्यालय जाते हैं और अक्षर ज्ञान प्राप्त करते हैं। कई देश ऐसे भी हैं जो साक्षरता की गणना के उद्देश्य से 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को इस तर्क के साथ शामिल नहीं करते हैं कि 5 वर्ष की आयु के पश्चात् 4-5 वर्ष की विद्यालयी शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् ही कोई बच्चा सही अर्थ में साक्षर बन पाता है। 

Also Read  जनसंख्या भूगोल की परिभाषा एवं विषय-क्षेत्र (Definition and Scope of Population Geography)

अतः अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे सार्थक तथा तुलनीय साक्षरता दर वही हो सकती है जिसकी गणना में 7 या 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शामिल न किया गया हो। यदि विश्व के सभी देश इसी आधार पर साक्षरता की गणना करें तो इससे वास्तविक साक्षरता अनुपात प्रकट होगा और विभिन्न देशों की तुलना में सम्भव हो सकेगी। 

References

  1. जनसंख्या भूगोल, डॉ. एस. डी. मौर्या
  2. जनसंख्या भूगोल, आर. सी. चान्दना

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Category

Realated Articles

Category

Realated Articles