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प्रजननता का अर्थ उस प्रक्रिया से है, जिसमें किसी स्त्री या स्त्रियों के समूह द्वारा एक निश्चित समय अवधि में जीवित शिशुओं को जन्म दिया जाता है। यह प्रजनन क्षमता का मापन है, जो इस बात को दर्शाता है कि किसी समाज या समूह में कितने शिशुओं का जन्म हो रहा है। प्रजननता और प्रजनन क्षमता में अंतर है; जहाँ प्रजननता जीवित जन्मों की वास्तविक संख्या को इंगित करती है, वहीं प्रजनन क्षमता किसी स्त्री की शारीरिक शिशु उत्पत्ति की क्षमता को दर्शाती है। इस विषय का अध्ययन और समझ उन विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो B.A., M.A., UGC NET, UPSC, RPSC, KVS, NVS, DSSSB, HPSC, HTET, RTET, UPPCS, और BPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, खासकर भूगोल विषय में।
Table of contents
- प्रजननता का अर्थ (Meaning of Fertility)
- प्रजननता की परिभाषा (Definition of Fertility)
- प्रजननता की माप (Measurement of Fertility)
- (1) अशोधित जन्म दर (Crude Birth Rate)
- (2) प्रजनन अनुपात या शिशु-स्त्री अनुपात (Fertility Ratio or Child Woman Ratio)
- (3) सामान्य प्रजनन दर (General Fertility Rate)
- (4). आयु विशिष्ट जन्म दर (Age Specific Birth Rate)
- (5) कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate)
- 6) मानक जन्म दर (Standard Birth Rate)
- (7) पुनरुत्पादन दर (Reproductive Rate)
- Test Your Knowledge with MCQs
- FAQs
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प्रजननता का अर्थ (Meaning of Fertility)
प्रजननता किसी निश्चित समय अवधि में किसी स्त्री या स्त्रियों के समूह द्वारा पैदा किए गए जीवित जन्मों (live births) की वास्तविक संख्या को दर्शाती है। प्रजननता की माप किसी निश्चित समय अवधि में जन्में सजीव शिशुओं की आवृत्ति या शिशुओं की संख्या से की जाती है।
प्रजननता की परिभाषा (Definition of Fertility)
थाम्पसन एवं लेविस के शब्दों में “सामान्यतः प्रजननता का प्रयोग किसी स्त्री या स्त्री समूह द्वारा उत्पन्न शिशुओं की वास्तविक संख्या को प्रकट करने के लिए किया जाता है।”
प्रसिद्ध जनसंख्या भूगोलविद् जान० आई० क्लार्क के अनुसार “प्रजनन जीवित जन्मों की घटना है और इसका संदेह प्रजनन क्षमता (fecundity) से नहीं होना चाहिए जिसका सामान्य अर्थ हम पुनरुत्पादक क्षमता या शिशुधारण की क्षमता से लगाते हैं।”
प्रजननता (fertility) और प्रजनन क्षमता (Fecundity) में अन्तर |
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प्रजननता का सम्बन्ध वास्तविक सजीव जन्मों की आवृत्ति (frequency) से होता है जबकि प्रजनन क्षमता किसी स्त्री की उसकी सम्पूर्ण प्रजनन अवधि में प्रजनन की क्षमता से जुड़ी होती है। प्रजननता की माप जीवित जन्मों के आँकड़ों के आधार पर की जा सकती है किन्तु किसी स्त्री में विद्यमान प्रजनन क्षमता का कोई स्पष्ट सूचक नहीं है। वह स्त्री जिसने कभी किसी शिशु को जन्म नहीं दिया हो उसके विषय में यह नहीं कहा जा सकता कि उसमें प्रजनन क्षमता विद्यमान है अथवा नहीं। यह भी हो सकता है कि किसी स्त्री में प्रजनन क्षमता विद्यमान हो किन्तु अन्य कारणों से उसने कभी किसी शिशु को जन्म न दिया हो। इसके साथ ही यह बात पूरी तरह तय है कि जिस स्त्री में प्रजनन क्षमता का अभाव है उसमें प्रजननता हो ही नहीं सकती। इस प्रकार स्पष्ट है कि किसी स्त्री में प्रजननता के अभाव (बच्चा न होने) का कारण प्रजनन क्षमता की कमी के साथ ही पुरुष से समागम का न होना अथवा पति का नपुंसक होना आदि भी हो सकता है। यही कारण है कि प्रजनन क्षमता (Fecundity) की माप अधिक जटिल तथा कठिन होती है किन्तु प्रजननता (Fertility) की माप में अधिक कठिनाई नहीं होती है। |
प्रजननता की माप (Measurement of Fertility)
आँकड़ों की उपलब्धता, उद्देश्य तथा प्रयुक्त तकनीक के अनुसार प्रजननता की माप के लिए कई प्रकार के सूचकांकों का प्रयोग किया जाता है जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं-
(1) अशोधित जन्म दर (Crude Birth Rate)
(2) प्रजनन अनुपात (Fertility Ratio)
(3) सामान्य प्रजनन दर (General Fertility Rate)
(4) आयु विशिष्ट जन्म दर (Age Specific Birth Rate)
(5) कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate)
(6) मानक जन्म दर (Standard Birth Rate)
(7) पुनरुत्पादन दर (Reproductive Rate)
(1) अशोधित जन्म दर (Crude Birth Rate)
प्रजननता की माप की यह सबसे सरल विधि है।अशोधित जन्म दर किसी समय विशेष में प्रति 1000 जनसंख्या पर जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या को दर्शाती है। इसकी गणना के लिए एक वर्ष के दौरान जन्में कुल शिशुओं की संख्या को वर्ष के मध्य की अनुमानित जनसंख्या से भाग किया जाता है और प्राप्त परिणाम में 1000 से गुणा किया जाता है।
इसकी गणना करने के लिए जनसंख्या के संघटन (composition) पर ध्यान नहीं दिया जाता है। देखा जाए तो कुल जनसंख्या में बच्चे, बूढ़े, अविवाहित स्त्री एवं पुरुष आदि भी शामिल होते हैं, जो प्रजनन प्रक्रिया में भाग ही नहीं लेते। अत: अशोधित जन्म दर की गणना करने के लिए जनसंख्या की आयु संरचना, लिंग अनुपात, वैवाहिक स्तर आदि तथ्यों का ध्यान नहीं रखा जाता, जिसके कारण इस दर से प्रजननता की शुद्ध माप नहीं हो पाती है।
किन्तु विश्व के अधिकतर देशों में आँकड़ों की उपलब्धता और गणना की सरलता के कारण इसी का प्रचलन अधिक है। विभिन्न देशों की प्रजननता की तुलना के लिए भी अशोधित जन्म दर का प्रयोग सर्वाधिक लोकप्रिय है।
(2) प्रजनन अनुपात या शिशु-स्त्री अनुपात (Fertility Ratio or Child Woman Ratio)
प्रजनन अनुपात अशोधित जन्मदर की अपेक्षा अधिक उपयोगी माप है। इसको ज्ञात करने के लिए 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं और प्रजनन आयु वर्ग (15-49 वर्ष) की सभी स्त्रियों को शामिल किया जाता है। यह 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं की कुल संख्या और प्रजनन आयु वर्ग की कुल स्त्रियों के अनुपात को दर्शाता है, जो प्रति 1000 स्त्रियों पर शिशुओं की संख्या को व्यक्त करता है।
प्रजनन अनुपात का प्रमुख गुण यह है कि इसमें केवल प्रजनन आयु की स्त्रियों को ही शामिल किया जाता। बच्चे, बूढ़े, अविवाहित स्त्री एवं पुरुष आदि शामिल नहीं किया जाता। जो उचित भी है और तार्किक है। इसके साथ ही एक वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं को शामिल करने से शिशुओं के अंकन न होने की सम्भावना भी कम हो जाती है।
इन गुणों के साथ ही प्रजनन अनुपात में निम्नलिखित त्रुटियाँ भी पायी जाती हैं
(1) आयु वर्गानुसार आँकड़े सामान्यतः जनगणना आयु सारणी से प्राप्त होते हैं। अतः जनगणना वर्ष के अतिरिक्त अन्य वर्षों के लिए इसकी गणना नहीं की जा सकती है।
(2) इसमें प्रजनन आयु वर्ग की सभी स्त्रियों को शामिल किया जाता है और उनके विवाह करने की आयु तथा प्रजनन क्षमता (fecundity) पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इस प्रकार इसकी गणना में प्रजनन के अयोग्य स्त्रियों के भी शामिल होने के कारण यह माप दोषपूर्ण है।
(3) सामान्य प्रजनन दर (General Fertility Rate)
सामान्य प्रजनन दर, अशोधित जन्म दर का संशोधित रूप है। इसकी गणना में कुल स्त्रियों के स्थान पर केवल प्रजनन आयु वर्ग की स्त्रियों को ही शामिल किया जाता है। इसके द्वारा प्रजनन आयु वर्ग की प्रति 1000 स्त्रियों पर जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या ज्ञात की जाती है। सामान्य प्रजनन दर को ज्ञातकरने के लिए एक वर्ष में होने वाले कुल सजीव जन्मों को प्रजनन आयु वर्ग की स्त्रियों की कुल संख्या से विभाजित करके उसमें 1000 से गुणा किया जाता है।
सामान्य प्रजनन दर विधि का उपयोग वहाँ अच्छे से किया जा सकता हैहै, जहाँ जन्मों का पंजीकरण और गणना सही और संतोषप्रद होती है और साथ ही शिशु के जन्म के समय माता की आयु का भी अभिलेख (Record) तैयार किया जाता है। शिशुओं के जन्मों और स्त्रियों की आयु के विषय में सही जानकारी (आँकड़ों) के अभाव में इस माप में अनेक कमियां आ जाती हैं जिससे इसकी उपयोगिता कम हो जाती है।
इस प्रजनन दर का मुख्य दोष यह है कि इसकी गणना में प्रजनन आयु वर्ग की स्त्रियों भी शामिल होती हैं जो सन्तानोत्पत्ति के अयोग्य (अविवाहित, विधवा, बाँझ आदि) होती हैं। जिन देशों में वैध सन्तानोत्पत्ति ही प्रमुख होती है, वहाँ के लिए यह सूचक अधिक उपयोगी है किन्तु जहाँ अवैध जन्मों की संख्या भी अधिक होती है वहाँ के लिए इसकी उपयोगिता कम हो जाती है।
(4). आयु विशिष्ट जन्म दर (Age Specific Birth Rate)
आयु विशिष्ट जन्म दर एक वर्ष में विशिष्ट आयु वर्ग की स्त्रियों द्वारा जीवित जन्में शिशुओं की संख्या और उसी आयु वर्ग की कुल स्त्रियों की संख्या के अनुपात को दर्शाता है, जो प्रति 1000 स्त्रियों पर जन्में शिशुओं की संख्या को प्रकट करता है। सामान्य तौर पर आयु वर्ग का निर्धारण सामान्यतः 5 वर्षीय श्रेणियों के रूप में किया जाता है। किन्तु यह अन्तराल इससे भिन्न भी हो सकता है।
विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों की प्रजनन क्षमता और प्रजननता अलग-अलग होती है। आयु विशिष्ट जन्मदर से प्रजननता के क्रम तथा मात्रा की जानकारी प्राप्त होती है। इस प्रकार आयु विशिष्ट जन्म दर विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों के जन्मदर की प्रवृत्ति को दर्शाती है। इसके आधार पर ही कुल प्रजनन दर की गणना की जाती है।
(5) कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate)
कुल प्रजनन दर को ज्ञात करने हेतु सर्वप्रथम आयु विशिष्ट जन्म दरों की गणना की जाती है। इसके लिए सबसे पहले सभी आयु विशिष्ट जन्मदरों के योग को 1000 से विभाजित किया जाता है और उसके उपरांत प्राप्त भागफल को आयु वर्गान्तर (वर्षों की संख्या) से गुणा किया जाता है। इस प्रकार प्राप्त परिणाम कुल प्रजनन दर को व्यक्त करता है।
इस प्रकार देखा जाए तो कुल प्रजनन दर प्रति स्त्री जन्म लेने वाले शिशुओं की औसत संख्या को दर्शाती है। यदि कुल प्रजनन दर 2.0 आती है, तो इसका अर्थ है कि जनसंख्या में वृद्धि की सम्भावना कम है। यह 2.0 से अधिक होने पर जनसंख्या वृद्धि की, और 2.0 के कम होने पर जनसंख्या ह्रास की प्रवृत्ति की सूचक होती है।
कुल प्रजनन दर की गणना हेतु केवल प्रजनन आयु (15-49) की स्त्रियों को ही शामिल किया जाता है। इस दर पर स्त्रियों के आयु-अन्तरों का प्रभाव नहीं रह जाता। इसकी गणना इस परिकल्पना पर आधारित है कि प्रत्येक स्त्री प्रजनन आयु की समाप्ति (49 वर्ष) तक जीवित रहती है, यद्यपि अनेक स्त्रियां इसके पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं।
सं०रा०अ०, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस आदि विकसित देशों में कुल प्रजनन दर 2.0 या इससे कम है जबकि अनेक अत्यल्प विकसित अफ्रीकी देशों में यह 5.0 से अधिक पायी जाती है। अधिकांश विकासशील देशों में कुल प्रजनन दर सामान्यतः 2 से 5 के मध्य है।
6) मानक जन्म दर (Standard Birth Rate)
विभिन्न प्रादेशिक, सामाजिक, आर्थिक, प्रजातीय, जातीय आदि तत्वों का प्रभाव जनसंख्या के संघटकों पर पड़ता है। इस कारण से प्रत्येक जनसंख्या में विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों की संख्या एक समान नहीं पाई जाती। हम जान चुके हैं कि प्रजनन दर लगभग 15 वर्ष की आयु से शुरु होकर क्रमशः बढ़ती है और सर्वोच्च शिखर पर पहुँच कर पुनः घटने लगती है तथा 45 से 49 वर्ष तक समाप्त (शून्य) हो जाती है। अतः आयु वर्ग के अनुसार स्त्रियों की भिन्न संख्या वाली जनसंख्याओं में सामान्य प्रजनन दर भिन्न-भिन्न हो सकती है।
इन दोषों को कम करने के उलिए ही मानक प्रजनन दर की गणना की जाती है। इसकी गणना के लिए भी आयु विशिष्ट जन्मदर की सहायता ली जाती है। इसके लिए प्रत्येक आयु वर्ग की पृथक्-पृथक् प्रत्याशित जन्मों (expected births) की गणना की जाती है। सभी आयु वर्गों के सम्भावित कुल जन्मों को कुल जनसंख्या से भाग देकर परिणाम में 1000 से गुणा किया जाता है।
(7) पुनरुत्पादन दर (Reproductive Rate)
इसे पुनर्स्थापक दर (replacement rate) भी कहा जाता है। पुनरुत्पादन दर किसी विशिष्ट आयु वर्ग के व्यक्तियों (स्त्री या पुरुष) की संख्या और आगामी पीढ़ी में उसी आयु वर्ग के व्यक्तियों की प्रत्याशित संख्या के अनुपात को दर्शाती है। पुनर्स्थापन के इकाई अनुपात (1:1) के अनुसार प्रत्येक स्त्री एक स्त्री शिशु जन्म देकर मरती है। उत्पन्न होने वाली स्त्री (शिशु) की प्रजनन क्षमता मरने वाली स्त्री के समान होती है और वह पुनरुत्पादन आयु तक जीवित रहती है।
इसकी गणना के लिए किसी एक वर्ष में कुल स्त्री जन्मों को पुनरुत्पादक आयुवर्ग (15- 44 वर्ष) की स्त्रियों की कुल संख्या से विभाजित किया जाता है।
References:
- जनसंख्या भूगोल, डॉ. एस. डी. मौर्या
- जनसंख्या भूगोल, आर. सी. चान्दना
Test Your Knowledge with MCQs
प्रश्न 1: प्रजननता (Fertility) का क्या अर्थ है?
(A) किसी स्त्री के द्वारा पैदा किए गए सजीव शिशुओं की संख्या
(B) किसी स्त्री की शिशुधारण की क्षमता
(C) किसी देश में जन्म दर
(D) किसी व्यक्ति की संतान उत्पत्ति की इच्छा
प्रश्न 2: थाम्पसन एवं लेविस के अनुसार, प्रजननता का प्रयोग किसके लिए किया जाता है?
(A) शिशुधारण की क्षमता
(B) पुनरुत्पादन की क्षमता
(C) जीवित जन्मों की वास्तविक संख्या
(D) गर्भधारण की अवधि
प्रश्न 3: प्रजननता (Fertility) और प्रजनन क्षमता (Fecundity) में मुख्य अंतर क्या है?
(A) प्रजननता सजीव जन्मों की वास्तविक संख्या से जुड़ी होती है
(B) प्रजनन क्षमता का सम्बन्ध किसी स्त्री की शिशुधारण की क्षमता से होता है
(C) प्रजननता और प्रजनन क्षमता एक ही हैं
(D) (A) और (B) दोनों सही हैं
प्रश्न 4: प्रजननता की सबसे सरल माप विधि कौन सी है?
(A) सामान्य प्रजनन दर
(B) अशोधित जन्म दर
(C) प्रजनन अनुपात
(D) आयु विशिष्ट जन्म दर
प्रश्न 5: किस दर का प्रयोग विभिन्न देशों की प्रजननता की तुलना के लिए सर्वाधिक किया जाता है?
(A) कुल प्रजनन दर
(B) सामान्य प्रजनन दर
(C) प्रजनन अनुपात
(D) अशोधित जन्म दर
प्रश्न 6: आयु विशिष्ट जन्म दर (Age Specific Birth Rate) किससे संबंधित होती है?
(A) विशिष्ट आयु वर्ग की स्त्रियों द्वारा जीवित जन्में शिशुओं की संख्या
(B) किसी विशेष देश की जनसंख्या वृद्धि दर
(C) शिशुओं की औसत वजन की गणना
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
प्रश्न 7: कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) क्या दर्शाती है?
(A) प्रति स्त्री जन्म लेने वाले शिशुओं की औसत संख्या
(B) किसी क्षेत्र की जनसंख्या वृद्धि की दर
(C) प्रजनन आयु वर्ग की स्त्रियों की संख्या
(D) कुल जीवित जन्मों की संख्या
प्रश्न 8: पुनरुत्पादन दर (Reproductive Rate) को और किस नाम से जाना जाता है?
(A) मानक जन्म दर
(B) सामान्य प्रजनन दर
(C) पुनर्स्थापक दर
(D) अशोधित जन्म दर
उत्तर (Answers):
- (A) किसी स्त्री के द्वारा पैदा किए गए सजीव शिशुओं की संख्या
- (C) जीवित जन्मों की वास्तविक संख्या
- (D) (A) और (B) दोनों सही हैं
- (B) अशोधित जन्म दर
- (D) अशोधित जन्म दर
- (A) विशिष्ट आयु वर्ग की स्त्रियों द्वारा जीवित जन्में शिशुओं की संख्या
- (A) प्रति स्त्री जन्म लेने वाले शिशुओं की औसत संख्या
- (C) पुनर्स्थापक दर
FAQs
प्रजननता (Fertility) का अर्थ एक स्त्री द्वारा जीवन में पैदा किए गए सजीव शिशुओं की संख्या से है। यह किसी क्षेत्र या समुदाय की जनसंख्या वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कारक होता है।
प्रजननता (Fertility) का संबंध जीवित जन्मों की वास्तविक संख्या से होता है, जबकि प्रजनन क्षमता (Fecundity) एक स्त्री की शिशुधारण की जैविक क्षमता को दर्शाता है।
कुल प्रजनन दर (TFR) वह औसत संख्या है, जो एक स्त्री अपने जीवनकाल में जन्म दे सकती है, यदि वह अपनी पूरी प्रजनन आयु के दौरान वर्तमान जन्म दर पर चलती रहे।
आयु विशिष्ट जन्म दर (ASBR) किसी विशेष आयु वर्ग की स्त्रियों द्वारा जन्म दिए गए शिशुओं की संख्या को दर्शाती है, जिससे पता चलता है कि किस आयु वर्ग में प्रजननता सबसे अधिक है।
पुनरुत्पादन दर (Replacement Rate) वह दर है, जिस पर एक पीढ़ी की आबादी खुद को पूरी तरह बदल देती है। इसे भी पुनर्स्थापक दर (Replacement Rate) कहा जाता है।
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