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प्रवास के परिणाम (Consequences of Migration)

Estimated reading time: 7 minutes

इस लेख में हम प्रवास के परिणामों पर विस्तृत चर्चा करेंगे, जो उन छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो B.A, M.A, UGC NET, UPSC, RPSC, KVS, NVS, DSSSB, HPSC, HTET, RTET, UPPCS, और BPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। प्रवास का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर होता है, बल्कि इसका व्यापक प्रभाव सामाजिक, आर्थिक, जनांकिकीय, और पर्यावरणीय स्तर पर भी देखा जाता है। इस लेख में, हम इन सभी पहलुओं का विश्लेषण करेंगे और यह समझने का प्रयास करेंगे कि प्रवास से जुड़े विभिन्न परिणामों का अध्ययन कैसे किया जा सकता है, जो छात्रों को उनके परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषयों पर बेहतर समझ विकसित करने में सहायक होगा।

प्रवास के परिणाम (Consequences of Migration)

आर्थिक परिणाम (Economic Consequences)

बहुत से लोग रोजगार या कहें अर्थिक लाभ के लिए प्रवास करते हैं और आर्थिक लाभ प्रवास का सबसे बड़ा परिणाम है। देश से बाहर जाने वाले प्रवासी अधिक धन कमाते हैं और अपने परिवारों की आर्थिक सहायता हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों द्वारा भेजी गई हुडियाँ विदेशी विनिमय के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है। 

विश्व बैंक के अनुसार 2020 में विभिन्न देशों को 702 बिलियन अमेरिकी डॉलर हुडियाँ के रूप में प्राप्त हुए। विदेशों से हुडी प्राप्तकर्ता के रूप में भारत का पहला स्थान है। सन् 2020 में भारत ने हुडियाँ के रूप में 83.2 बिलियनअमेरिकी डॉलर प्राप्त किए। इसके बाद क्रमशः चीन (59.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर), मैक्सिको (42.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर), फिलिपिन्स (34.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर), मिस्र (29.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर), का स्थान है। 

पंजाब, केरल और तमिलनाडु अपने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों से सबसे अधिक राशि प्राप्त करते हैं। आंतरिक प्रवासियों (देश के भीतर होने वाला प्रवास) द्वारा भेजी गई हुडियाँ भी महत्त्वपूर्ण हैं। इन हुडियों का प्रयोग मुख्य रूप से  भोजन हेतु, कर्ज चुकने के लिए, बीमारी का ईलाज कराने के लिए , विवाह, बच्चों की शिक्षा, कृषि में निवेश के लिए, घर बनवाने इत्यादि के लिए किया जाता है। बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश इत्यादि के हजारों निर्धन गाँवों की अर्थव्यवस्था के लिए ये हुडियाँ जीवनदायक रक्त का काम करती हैं। 

पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हरित क्रांति के आने से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश तथा उड़ीसा से बड़ी संख्या में कृषि मजदूरों ने प्रवास किया। परंतु महानगरों की ओर अनियमित प्रवास से भीड़-भाड़ तथा मलिन बस्तियों (Slums) की समस्या पैदा हो गई है। 

जनांकिकीय परिणाम (Demographic Consequences)

प्रवास से देश के अंदर जनसंख्या के वितरण में जनांकिकीय असंतुलन भी पैदा हो जाता है।गाँवों से युवा आयु वाले पढ़े लिखे एवं कुशल लोगों द्वारा नगरों की ओर प्रवास करने से गाँव के जनांकिकीय संघटन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पूर्वी महाराष्ट्र से होने वाले बाह्य प्रवास ने इन राज्यों की आयु एवं लिंग संरचना में गंभीर असंतुलन पैदा कर दिया है। ऐसे ही असंतुलन उन राज्यों में भी उत्पन्न हो गए हैं, जिनमें ये प्रवासी जाते हैं। 

सामाजिक परिणाम (Social Consequences)

प्रवासी लोग सामाजिक परिवर्तन के अच्छे माध्यम होते हैं, क्योंकि वे नवीन प्रौद्योगिकी, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि के संबंध में नए विचारों का प्रसार करते हैं। प्रवास से विविध संस्कृतियों का अंतर्मिश्रण होता है जिससे संकीर्ण विचारों में कमी तथा लोगों के मानसिक विकास में सहायता मिलती हैं। परंतु इसके कुछ नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। इसके कारण कुछ व्यक्तियों में सामाजिक निर्वात और खिन्नता की भावना भर जाती है और  खिन्नता की सतत् भावना लोगों को अपराध और ड्रग दुरुपयोग (Drug Abuse) जैसी सामाजिक क्रियाओं के जाल  में फँसने के लिए अभिप्रेरित कर सकती है। 

पर्यावरणीय परिणाम (Environmental Consequences)

बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण से नगरीय इलाकों की ओर प्रवास करते हैं, जिससे नगरों में भीड़-भाड़ बढ़ जाती है और आधारभूत ढाँचे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे मलिन बस्तियों एवं बिना अधिकार के सार्वजनिक भूमि पर अधिकार करने वाली कॉलोनियों (Slums and Squatter Settlements) का विस्तार होता है और नगरीय पर्यावरण का प्रदूषण होता है। भीड़-भाड़ से प्राकृतिक संसाधनों का भी अतिशोषण होता है और जल की कमी व उसका प्रदूषण, वायु प्रदूषण, वाहित मल के निपटान तथा ठोस कचरे के प्रबंधन जैसी अनेकों गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

अन्य परिणाम (Other Consequences)

एक तरफ तो प्रवास महिलाओं के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। गाँवों से पुरुष अपनी पत्नियों को छोड़कर रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रवास करते हैं, जिससे उनपर अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक दबाव पड़ता है। दूसरी ओर स्त्रियों द्वारा शिक्षा एवं रोजगार के लिए किए जाने वाले प्रवास से स्त्रियों की स्वायत्तता और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका बढ़ाती है, परंतु उन्हें सुभेद्य (Vulnerable) भी बना देता है। 

स्रोत प्रदेश (जहाँ से प्रवास होता है) को प्रवास का सबसे बड़ा लाभ यह है कि प्रवासियों के परिवार को हुडियाँ प्राप्त होती हैं। परंतु इसका सबसे बड़ा दोष यह है कि स्रोत प्रदेश में कुशल व्यक्तियों का अभाव हो जाता है। विश्व स्तर पर कुशलता का महत्व बढ़ गया है। और वास्तव में कुशलता का बाजार वैश्विक बाजार बन गया है। औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएँ गरीब प्रदेशों से उच्च प्रशिक्षित व्यावसायिकों को सार्थक अनुपातों में प्रवेश दे रही है ओर भर्ती कर रही हैं। परिणामस्वरूप स्रोत प्रदेश का विकास बाधित होने लगता है।

References:

  1. भारत का भूगोल, डी. आर. खुल्लर
  2. विश्व बैंक की वेबसाइट

Test Your Knowledge with MCQs

  1. प्रवास के कारण कौन सा आर्थिक परिणाम अधिक सामान्य है?
    • (A) सामाजिक निर्वात
    • (B) धन का ह्रास
    • (C) आर्थिक लाभ
    • (D) जनांकिकीय असंतुलन
  2. किस राज्य को अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों से सबसे अधिक हुडियाँ प्राप्त होती हैं?
    • (A) उत्तर प्रदेश
    • (B) पंजाब
    • (C) बिहार
    • (D) उड़ीसा
  3. किस प्रकार का प्रवास नगरीय क्षेत्रों में भीड़-भाड़ और मलिन बस्तियों की समस्या उत्पन्न करता है?
    • (A) अंतर्राष्ट्रीय प्रवास
    • (B) ग्रामीण से नगरीय प्रवास
    • (C) नगरीय से ग्रामीण प्रवास
    • (D) आंतरिक प्रवास
  4. जनांकिकीय असंतुलन किसके कारण उत्पन्न होता है?
    • (A) केवल आंतरिक प्रवास
    • (B) केवल अंतर्राष्ट्रीय प्रवास
    • (C) बाह्य प्रवास
    • (D) आर्थिक प्रवास
  5. प्रवास के कारण महिलाओं पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है?
    • (A) केवल शारीरिक दबाव
    • (B) केवल मानसिक दबाव
    • (C) शारीरिक एवं मानसिक दोनों दबाव
    • (D) कोई प्रभाव नहीं
  6. प्रवास का सबसे बड़ा पर्यावरणीय परिणाम कौन सा है?
    • (A) कृषि में सुधार
    • (B) जलवायु परिवर्तन
    • (C) नगरीय क्षेत्रों में प्रदूषण
    • (D) वनों की कटाई
  7. प्रवास के कौन से परिणाम सामाजिक परिवर्तन के माध्यम माने जाते हैं?
    • (A) आर्थिक परिणाम
    • (B) पर्यावरणीय परिणाम
    • (C) जनांकिकीय परिणाम
    • (D) सामाजिक परिणाम
  8. भारत में 2020 में कितनी हुडियाँ प्राप्त हुई थीं?
    • (A) 83.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर
    • (B) 59.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर
    • (C) 42.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर
    • (D) 34.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर
  9. प्रवास का स्रोत प्रदेश पर सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव क्या है?
    • (A) जनसंख्या में वृद्धि
    • (B) कुशल व्यक्तियों का अभाव
    • (C) शहरीकरण में वृद्धि
    • (D) कृषि भूमि का अभाव
  10. प्रवास के कारण निम्नलिखित में से किस पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है?
    • (A) नगरीय आधारभूत ढाँचा
    • (B) ग्रामीण अर्थव्यवस्था
    • (C) वन संसाधन
    • (D) जल संसाधन

उत्तर:

  1. (C) आर्थिक लाभ
  2. (B) पंजाब
  3. (B) ग्रामीण से नगरीय प्रवास
  4. (C) बाह्य प्रवास
  5. (C) शारीरिक एवं मानसिक दोनों दबाव
  6. (C) नगरीय क्षेत्रों में प्रदूषण
  7. (D) सामाजिक परिणाम
  8. (A) 83.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर
  9. (B) कुशल व्यक्तियों का अभाव
  10. (A) नगरीय आधारभूत ढाँचा

FAQs

प्रवास क्या है?

प्रवास वह प्रक्रिया है जिसमें लोग किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसने के लिए जाते हैं। यह स्थानांतरण आंतरिक (देश के भीतर) या अंतर्राष्ट्रीय (देश के बाहर) हो सकता है। प्रवास के कई कारण होते हैं, जैसे बेहतर रोजगार की खोज, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, प्राकृतिक आपदाएं या सामाजिक असंतोष। प्रवास के परिणामस्वरूप जनसंख्या का वितरण बदलता है, और यह आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय प्रभाव उत्पन्न करता है। यह प्रक्रिया किसी क्षेत्र विशेष की जनसंख्या संरचना और संसाधनों पर भी प्रभाव डालती है।

प्रवास के सामाजिक परिणाम क्या हैं?

प्रवास के सामाजिक परिणाम समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। प्रवासी नए विचारों और प्रौद्योगिकियों का प्रसार करते हैं, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक जागरूकता में सुधार होता है। हालांकि, यह सामाजिक निर्वात और खिन्नता का कारण भी बन सकता है, खासकर जब परिवार के सदस्य अलग हो जाते हैं। यह सामाजिक असंतोष और अपराध की दर में वृद्धि कर सकता है। कुल मिलाकर, प्रवास सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जो समाज के लिए सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है।

प्रवास से जनांकिकीय असंतुलन कैसे उत्पन्न होता है?

प्रवास से जनांकिकीय असंतुलन तब उत्पन्न होता है जब लोग बड़े पैमाने पर किसी क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाते हैं। उदाहरण के लिए, जब युवा और कुशल लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में प्रवास करते हैं, तो यह ग्रामीण क्षेत्रों की आयु और लिंग संरचना में असंतुलन पैदा करता है। यह असंतुलन शहरी क्षेत्रों में भी उत्पन्न हो सकता है, जहाँ इन प्रवासियों का जाना होता है। परिणामस्वरूप, दोनों क्षेत्रों की जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन होता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक असंतुलन भी हो सकता है।

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