Search
Close this search box.

Share

प्रवास का प्रतियोगी प्रवासी मॉडल (Competing Migrants Model of Migration) 

Estimated reading time: 3 minutes

प्रवास का प्रतियोगी प्रवासी मॉडल (Competing Migrants Model of Migration)

स्टोफर (S. Stouffer) ने अपने मध्यवर्ती अवसर माडल में संशोधन करके सन् 1960 में प्रतियोगी प्रवासी मॉडल प्रस्तुत किया और इसमें प्रतियोगी प्रवासी तत्वों को भी समाहित किया। अपने इस संशोधित मॉडल में स्टोफर ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि मूल स्थान A और गन्तव्य स्थान B के मध्य प्रवास की मात्रा केवल B स्थान पर उपलब्ध अवसरों और A तथा B के मध्य उपस्थित मध्यवतों अवसरों का ही परिणाम नहीं होती है बल्कि अन्य स्थानों के प्रतियोगी प्रवासियों की मात्रा का भी उस पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। इस प्रकार इस मॉडल में अतिरिक्त चर के रूप में प्रतियोगी प्रवासी को सम्मिलित किया गया है। 

इस मॉडल के अनुसार एक नगर A से दूसरे नगर B के लिए प्रवासियों की मात्रा नगर B में उपलब्ध अवसरों की समानुपाती तथा A और B के मध्य उपलब्ध होने वाले मध्यवर्ती अवसरों और उन स्थानों से नगर B में आने वाले प्रतियोगी प्रवासियों की विलोमानुपाती होती है। 

नगर A के प्रवासियों को B स्थान पर अन्य स्थानों से आने वाले प्रवासियों से भी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। अतः उन्हें प्रतियोगी प्रवासी कहा गया है। नगर B से एक निश्चित दूरी की त्रिज्या वाले वृत्त के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र के कुल बाह्य प्रवासी ही प्रतियोगी प्रवासी होते हैं। प्रतियोगी प्रवासी माडल को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है – 

Y = k Xo X1 / Xb X

जहां 

Y = नगर A से नगर B के लिए जाने वाले प्रवासियों की संख्या

Xo = नगर A से बाह्य प्रवासियों नगर (Out migrants) की कुल संख्या

X1 = नगर B में उपलब्ध कुल अवसर जिसकी माप उसके कुल अंतः प्रवासियों के रूप में की जाती है

Xb = नगर A से नगर B के मध्य उपलब्ध मध्यवर्ती सुविधाएँ जिसकी माप दोनों नगरों के मध्य स्थित क्षेत्र से आने वाले प्रवासियों की संख्या के रूप में की जाती है

Xc = एक नगर A से नगर B को जाने वाले प्रवासियों से प्रतिस्पर्धा करने वाले प्रतियोगियों की संख्या। इसकी माप दोनों नगरों के मध्य की दूरी को त्रिज्या मानकर नगर B के केन्द्र से खींचे गये वृत्त के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र से बाहर जाने वाले प्रवासियों (Out migrants) के आधार पर की जाती है। 

K = आनुपातिक स्थिरांक

प्रवास के प्रतियोगी प्रवासी मॉडल की समीक्षा

यह माडल जी०के० जिफ के ‘न्यूनतम प्रयास माडल’ और स्टोफर के ‘मध्यवर्ती अवसर माडल’ की तुलना में अधिक सार्थक और श्रेष्ठ है। परीक्षण के लिए किए गए विभिन्न अध्ययनों के आधार पर इसे लगभग 90 प्रतिशत तक सही पाया गया है। इस मॉडल को और अधिक सार्थक बनाने के उद्देश्य से रीस और जान्सन ने सुझाव दिया है कि इसके विश्लेषण में प्रवासियों के सामाजिक स्तर आदि को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए।

You Might Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Category

Realated Articles