Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Share

भारत में गेंहूँ का उत्पादन एवं वितरण (Production and Distribution of Wheat in India)

Estimated reading time: 6 minutes

भारत में शीर्ष गेंहू उत्पादक राज्य

चावल के बाद गेहूँ हमारे देश खाई जाने वाली दूसरी प्रमुख फसल है। चीन के बाद भारत का गेहूं के उत्पादन में दूसरा स्थान है। भारत विश्व का लगभग 12.5% गेहूँ उत्पन्न करता हैं। गेहूँ देश के उत्तर-पश्चिमी भागों में रहने वाले लोगों का मुख्य आहार है।

गेहूँ उपज की दशाएं (Growing Conditions for Wheat)

गेहूँ की उपज के लिए निम्नलिखित दशाएं उपयुक्त हैं:

तापमान (Temperature)

गेहूँ शीतोष्ण कटिबंधीय फसल है। इसको उगते समय 10° सेल्सियस तथा पकते समय 15° से 20° सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती हैं।

वर्षा (Rainfall)

गेहूँ की खेती के लिए 100 सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है। 100 सेमी. से अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में गेहूँ की कृषि नही की जाती।लेकिन, सिंचाई की सहायता से यह 25 सेमी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। उगते समय वर्षा की मात्रा अधिक होनी चाहिए। जैसे-जैसे गेहूँ का पौधा बढ़ता है, वैसे-वैसे वर्षा की जरूरत कम होती जाती है। पकते समय वर्षा गेहूं की खेती के लिए हानिकारक है।

मिट्टी (Soil)

गेहूँ की कृषि विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में की जा सकती है। फिर भी हल्की मृतिका मिट्टी, दोमट मिट्टी, भारी दोमट मिट्टी, तथा बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वोत्तम होती है।

भूमि (Land)

गेहूं की कृषि में बड़े पैमाने पर मशीनों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए इसकी खेती के लिए समतल मैदानी भागों  का होना आवश्यक है।

श्रम (Labor)

इसकी खेती के लिए अधिक श्रम की आवश्यकता नही होती। क्योंकि ज्यादातर कार्य जैसे गेहूं को बोना, काटना, निकालना आदि सभी काम मशीनों से किए जाते हैं। 

Also Read  आर्थिक क्रियाओं की अवस्थिति और स्थानिक संगठन (Location and Spatial Organization of Economic Activities)

भारत में गेंहूँ का उत्पादन (Production of Wheat in India)

यह भारत में रबी (शीतकालीन) की फसल है जो शीत ऋतु के आरम्भ होने पर (अक्टूबर – नवंबर) बोई जाती है। भारत में गेहूँ के क्षेत्रफल, उत्पादन तथा उपज प्रति हेक्टेयर सम्बन्धी आंकड़े तालिका 1 में दिए गए हैं। इस तालिका को ध्यान से देखने पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि हमारे देश में गेंहूँ के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। देश में 1967 में हरित क्रांति के प्रभाव से भारत में कृषि उत्पादन बढ़ा, किंतु हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ के उत्पादन पर पड़ा। सन् 1970-71 में 1960-61 की तुलना में गेहूँ का उत्पादन दुगुने से भी अधिक हो गया।

इसी अवधि में गेहूँ के क्षेत्रफल तथा प्रति हेक्टेयर उपज में लगभग डेढ गुना वृद्धि हुई। तब से सन् 2020-21 तक गेहूं के क्षेत्रफल उत्पादन तथा प्रति हेक्टेयर उपज में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इस प्रकार भारत में गेहूं उत्पादन की वृद्धि एक सफल कहानी है। अतः यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि हरित क्रांति वास्तव में गेहूं क्रांति ही है। (Therefore, it would not be an exaggeration to say that the Green Revolution is actually a Wheat Revolution.)

तालिका 1

भारत में वर्षवार गेंहूँ का बोया गया कुल क्षेत्र, उत्पादन एवं उपज

वर्षक्षेत्र(मिलियन हेक्टेयर में)उत्पादन(मिलियन टन में)प्रति हेक्टेयर उपज (किलोग्राम में)
1950-519.756.46663
1955-5612.378.76708
1960-6112.9311.00851
1965-6612.5710.40827
1970-7118.2423.831307
1975-7620.4528.841410
1980-8122.2836.311630
1985-8623.0047.052046
1990-9124.1755.142281
1995-9625.0162.102483
2000-0125.7369.682708
2005-0626.4869.352619
2010-1129.0786.872988
2015-1630.4292.293034
2020-2131.61109.523464
(स्त्रोत: अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, डीए एंड एफडब्ल्यू 2020-21)

वितरण (Distribution)

तालिका 2 से स्पष्ट है कि भारत का 80% से अधिक गेहूँ चार राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तथा हरियाणा  से प्राप्त होता है।

Also Read  उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Location of Industries) 

तालिका 2

भारत में राज्यवार गेंहूँ का बोया गया कुल क्षेत्र, उत्पादन एवं उपज


राज्य
बोया गया क्षेत्र (मिलियन हेक्टेयर में)उत्पादन (मिलियन टन में)कुल उत्पादन का %प्रति हेक्टेयर उपज (किलोग्राम में)
उत्तर प्रदेश9.8535.5032.423604
मध्यप्रदेश6.3917.6216.082758
पंजाब3.5317.1415.654862
हरियाणा2.5612.3611.284836
राजस्थान3.0011.0410.083676
बिहार2.226.345.792855
गुजरात1.023.262.983204
महाराष्ट्र1.312.332.131782
अन्य1.753.943.602250
भारत31.61109.521003464
(स्त्रोत: अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, डीए एंड एफडब्ल्यू 2020-21)

 

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)

अकेले उत्तर प्रदेश भारत का लगभग एक-तिहाई गेहूँ पैदा करता है और गेहूं के उत्पादन की दृष्टि से यह प्रथम स्थान पर है। तालिका 2 से यह भी स्पष्ट है उत्तर प्रदेश में भारत के समस्त गेहूँ क्षेत्र का एक-तिहाई क्षेत्र विस्तृत है। जो इस राज्य की कुल भूमि का लगभग एक-चौथाई भाग है। इस राज्य में गंगा-यमुना दोआब तथा गंगा-घाघरा दोआब गेहूं की खेती के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। ये दोनों क्षेत्र उत्तर प्रदेश का लगभग तीन-चौथाई गेहूँ पैदा करते हैं। यहाँ पर मिट्टी उपजाऊ है और बड़े पैमाने पर सिंचाई से काम लिया जाता है। मुख्य उत्पादक जिले सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, बदायूँ तथा बुलन्दशहर हैं।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)

2020-21 के आंकड़ों के अनुसार यह राज्य भारत में गेहूं का दूसरा बड़ा उत्पादक है और देश का 16 प्रतिशत से अधिक गेहूं उत्पादित करता है। यहां प्रति हेक्टेयर, उत्पादन अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है। इसके मुख्य गेंहूँ उत्पादक जिले उज्जैन, सागर, इन्दौर, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा, जबलपुर, भीलसा, गुना, भिण्ड, ग्वालियर, छतरपुर तथा टीकमगढ़ हैं।

पंजाब (Punjab)

उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की तुलना में यह बहुत छोटा राज्य है। फिर भी यहाँ भारत का 15% से अधिक गेहूँ पैदा किया जाता है। ‘हरित क्रांति’ के प्रभाव से पंजाब में गेहूँ की उपज में अविश्वसनीय उन्नति हुई है। यहाँ कुल कृषीय भूमि के 30% भाग पर गेहूँ की कृषि की जाती है। और कुल कृषि योग्य भूमि के 70% भाग को सिंचाई की सुविधा प्राप्त है।

Also Read  प्राथमिक क्रिया: पशुचारण (Primary Activity: Pastoralism)

मुख्य उत्पादक जिलों में लुधियाना, जालन्धर, अमृतसर, कपूरथला, फिरोजपुर, भटिण्डा, पटियाला तथा संगरूर हैं। गेहूं का प्रति हेक्टेयर उत्पादन पंजाब में भारत के अन्य सभी राज्यों से अधिक है। सन् 2020-21 में पंजाब में 48.62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूँ पैदा किया गया जबकि समस्त भारत में यह उपज केवल 34.64 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ही थी।

Production of wheat in India 2020-21

भारत में गेंहू उत्पादन में राज्यों की हिस्सेदारी

हरियाणा (Haryana)

पंजाब के साथ लगता हरियाणा भी देश का महत्त्वपूर्ण गेहूं का उत्पादक राज्य है। और भारत की कुल उपज का 11% से अधिक गेहूँ का उत्पादन करता है। इस प्रकार हरियाणा भारत में चौथा बड़ा गेहूं का उत्पादक राज्य है। हरियाणा में 25 प्रतिशत क्षेत्र पर अधिक उपज देने वाली गेहूं की जातियां बोई जाती हैं। मुख्य उत्पादक जिले हिसार, सिरसा जीन्द, कैथल, करनाल, रोहतक, फरीदाबाद, मेवात तथा गुड़गाँव इसके दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित हैं।

राजस्थान (Rajasthan)

राजस्थान की कुल कृषित भूमि के लगभग 20% भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है। यहाँ वर्षा कम होती है। जिससे यहाँ गेहूँ की फसल सिंचाई की सहायता से उगाई जाती है। इन्दिरा गांधी नहर से यहाँ पर गेहूँ की उपज में वृद्धि हुई है। 2020-21 में राजस्थान में भारत का लगभग 10% से भी अधिक गेहूँ पैदा किया गया। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भरतपुर, कोटा, अलवर तथा जयपुर, इसके मुख्य उत्पादक जिले हैं।

बिहार (Bihar)

बिहार भारत का लगभग 6% गेहूँ पैदा करता है। इस राज्य की कुल कृषि भूमि के 14% भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है। बिहार का अधिकांश गेहूँ मैदानी भाग में बोया जाता है। चम्पारन, शाहाबाद, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पटना तथा सहरसा इसके मुख्य उत्पादक जिलें हैं।

अन्य (Others)

भारत के अन्य गेहूँ उत्पादक राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा कर्नाटक आदि हैं। इनमें से कोई भी राज्य भारत का 3% से अधिक गेहूँ पैदा नहीं करता।

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Category

Realated Articles

Category

Realated Articles