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विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum)
ऐसा वृहत स्पैक्ट्रम जिसके अन्तर्गत कॉसमिक (Cosmic) किरणों से लेकर रेडियो तरंगों (Radio Waves) के सभी तरंग दैर्ध्य शामिल होते हैं उसे विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) कहते हैं। इसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं। यदि हम सूर्य के प्रकाश की किसी किरण को किसी प्रिज्म की सहायता से अँधेरे में किसी सफेद परदे पर प्रक्षेपित करें तो उस परदे पर-रंगीन पट्टी बन जाती है।
यह एक प्रकाश स्पैक्ट्रम (Light Spectrum) है जो विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम का अबहुत छोटा-सा रूप है। इस पर बैंगनी (Violet), जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी व लाल रंग (Vibgyor) दिखाई देते हैं। यही कारण है कि इसे दृश्य स्पैक्ट्रम (Visible Spectrum) भी कहते हैं। दृश्य स्पैक्ट्रम के लाल रंग में सबसे लम्बी तरंग दैर्ध्य (Wavelength) व बैगनी रंग की सबसे छोटी तरंग दैर्ध्य होती है।
सूर्य के प्रकाश का स्पैक्ट्रम केवल लाल रंग से लेकर बैगनी रंग तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह लाल रंग से ऊपर तथा बैंगनी रंग से नीचे भी काफी विस्तार में फैला हुआ होता है। ये भाग आँखों से नहीं दिखाई देते हैं जिन्हें अदृश्य स्पैक्ट्रम (Invisible Spectrum) कहते हैं। लाल रंग के ऊपर बड़ी तरंग दैर्ध्य वाले भाग को अवरक्त स्पैक्ट्रम (Infrared Spectrum) तथा बैंगनी रंग से नीचे छोटी तरंग दैर्ध्य वाले भाग को पराबैंगनी स्पैक्ट्रम (Ultra-Violet Spectrum) कहते हैं।
बाद में हुई खोजों से X किरणों, गामा किरणों तथा रेडियो तरंगों का आविष्कार हुआ। ये सभी विकिरण (दृश्य स्पेक्ट्रमों सहित) विद्युत-चुम्बकीय तरंगें है। तरंग दैर्ध्य के मूल्यों के आधार पर विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) का वर्गीकरण किया गया। विद्युत- चुम्बकीय स्पैक्ट्रम के विभिन्न बड़े-बड़े प्रदेश निम्न हैं।
चुम्बकीय स्पैक्ट्रल प्रदेश
तरंग दैर्ध्य (Wavelength) | स्पैक्ट्रल प्रदेश (Spectral Region) | लक्षण (Characteristics) |
---|---|---|
गामा किरण प्रदेश (Gama-Ray Region) | <0.03nm | वायुमण्डल के ऊपरी भाग द्वारा विकिरण ऊर्जा का पूर्णतः अवशोषण हो जाता है जिससे सुदूरसंवेदन के लिये विकीकरण की प्राप्ति नहीं हो पाती है। |
एक्स रे-किरण प्रदेश (X-Ray Region) | 0.03 से 30.0 nm | वायुमण्डल में पूर्णतः अवशोषित (Absorbed) ऊर्जा-सुदूर संवेदन में इसका कोई उपयोग नहीं है। |
पराबैंगनी प्रदेश (Ultraviolet Region) | 0.03 से 0.4 nm | 03 um से कम तरंग दैर्ध्य के विकिरण का ऊपरी वायुमण्डल की ओजोन (Ozone) गैस में पूर्णतः अवशोषण। पराबैंगनी प्रदेश, दृश्य तरंग दैर्ध्य के बैंगनी सम्भाग कें बाद पड़ता है। पृथ्वी के धरातल के पदार्थ मुख्यतः चट्टानें तथा खनिज दृश्य पराबैंगनी विकीरण को छोड़ते हैं जबकि पराबैंगनी विकीरण अधिकतर पृथ्वी के वायुमण्डल द्वारा प्रकीर्ण कर दिया जाता है। इसका भी सुदूर संवेदन में उपयोग नहीं किया जाता है। |
फोटोग्राफिक पराबैंगनी बैन्ड (Photographic Ultraviolet) | 0.03 से 0.4 µm | वायुमण्डल में विकिरण का पारगमन (Transmission) सम्भव है परन्तु अत्यधिक प्रकीर्णन (Scattering) फिल्म तथा फोटो संसूचकों (Photo Detectors) के द्वारा संवेदन सम्भव होता है। |
दृश्य प्रदेश (Visible Region Band) | 0.4 से 0.7 µm | फिल्म व फोटो संसूचकों से संवेदन के योग्य प्रदेश, जिसके ऊर्जा का सबसे अधिकतम परावर्तनशील हरा बैंड (0.5 um तरंग दैर्ध्य) स्थित है। विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम का यह वह प्रकाश है जिसे हमारी आँखें संसूचन कर सकती हैं तथा का वह भाग है जो रंगीन अवधारणा से सम्बन्धित है। नीला, हरा तथा लाल तीन दृश्य स्पैक्ट्रम के प्रमुख रंग हैं। इनकी व्याख्या इसी रूप में की जाती है क्योंकि कोई भी प्रारम्भिक रंग अन्य रंगों से निर्मित नहीं किये जा सकते हैं, लेकिन अन्य सभी रंग इन तीन रंगों के अलग-अलग मात्रा के मिश्रण से तैयार किये जा सकते हैं। किसी वस्तु के रंगों को उसके प्रकाश के परावर्तन रंगों द्वारा स्पष्ट किया जाता है। |
अवरक्त प्रदेश (Infrared Region) | 0.7 से 100 µm | तरंग दैर्ध्य के अनुसर ऊर्जा व पदार्थ की अन्तर क्रिया में भिन्नता; अवशोषण बैन्डों (Absorption Bands) के द्वारा वायुमण्डलीय पारगमन खिड़कियों (Atmospheric Windows) का पृथक्करण । |
परावर्तित अवरक्त बैन्ड (Reflected IR Band या निकट-अवरक्त बैन्ड (Near IR Band) | 0.7 से 3.0 µm | परावर्तित सौर्य विकिरण में पदार्थों के तापीय लक्षणों की सूचना का पूर्णतः अभाव। 0.7 से 0.9m तक का अन्तराल (अर्थात् फोटोग्राफीय अवरक्त बैन्ड) फिल्म से संवेदन योग्य होता है। |
तापीय अवरक्त बैन्ड (Thermal IR Band) या मध्य अवरक्त बैन्ड (Mid IR Band) | 3.0 से 5 µm तथा 8.0 से 14.0 | तापीय प्रदेश की प्रमुख वायुमण्डलीय खिड़कियां; प्रकाशिक यान्त्रिक क्रमवीक्षकों व विशिष्ट विडियोकोनप्रणाली (Vedicone System) से प्रतिबम्बों की प्राप्ति; फिल्म से असंवेदनशील है। |
लघु तरंग प्रदेश (Microwave Region) | 0.1 से 30 cm | मेघ, कुहरा (Fog) व वर्षा में प्रवेश करने की क्षमता वाले अपेक्षाकृत लम्बे तरंग दैर्ध्य सक्रिय (Active) व निष्क्रिय (Passive) दोनों विधियों से प्रतिबिम्बों की प्राप्ति सम्भव; राडार के द्वारा सक्रिय फोटोग्राफ। |
रेडियो प्रदेश (Radio Region) | > 30 Cm | विद्युत चुम्बकीय स्पैक्ट्रम में सबसे लम्बे तरंग दैघ्यों का प्रदेश जिसका उपयोग वाणिज्य प्रसारण तथा जलवायु सम्बन्धी सूचनाओं के लिये किया जाता है। |
विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम का संदूर संवदेन के लिए उपयुक्त प्रदेश
विद्युत-चुम्बकीय स्पैक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) के कुछ ही प्रदेश हैं जो कि सुदूर संवेदन के लिये उपयुक्त हैं। तरंग दैर्ध्य के अनुसार इन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –
प्राकृतिक तरंग दैर्ध्य (Optical Wavelength)
0.3 से 16 µm तक का प्रदेश जिसके अन्तर्गत
(i) दृश्य प्रदेश एवं
(ii) अवरक्त प्रदेश – (a) निकट अवरक्त बैन्ड (Near IR Band) तथा (b) मध्य अवरक्त बैन्ड (Middle IR Band) शामिल किए जाते हैं। इनमें प्रयोग किए जाने वाले संवेदक, वायु कैमरे, तापीय क्रमवीक्षक, बहुस्पैक्ट्रल क्रमवीक्षक तथा विडियोकोन प्रमुख हैं।
लघु तरंग दैर्ध्य (Microwave Wavelength)
इसका तरंग दैर्ध्य प्रदेश 1 मिमी 0 से 1 मीटर तक है। इसमें प्रयोग किया जाने वाला संवेदक रडार हैं।
सारणी से स्पष्ट है कि कुछ प्रदेशों की ऊर्जा वायुमण्डल द्वारा बीच में ही अवशोषित की जाती है जिससे ये प्रदेश सुदूर संवेदन के लिये अनुपयुक्त होते हैं। इनमें गामा किरण, ऐक्स किरण तथा पराबैंगनी प्रदेश प्रमुख हैं। सारणी में अवरक्त प्रदेशों के उपभागों को बैन्ड की संज्ञा दी जाती है। इसी प्रकार दृश्य प्रकाश के उपभागों के लिए नीला, हरा तथा लाल बैन्ड का उपयोग किया गया है।
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