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शनि ग्रह (Saturn)

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शनि ग्रह (Saturn) की विशेषताएँ

  • शनि ग्रह (Saturn) आकार में सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है तथा दूरी के अनुसार सूर्य से छठे स्थान पर है।
  • सूर्य की परिक्रमा शनि ग्रह 29.5 वर्ष में पूरी करता है। 
  • इसकी सबसे बड़ी विशेषता या रहस्य इसके मध्यरेखा के चारों ओर पूर्ण विकसित वलयों (rings) का होना है, जिनकी संख्या 7 है। 
  • शनि ग्रह (Saturn) के वलय अत्यंत छोटे-छोटे कणों से मिलकर बने होते हैं, जो सामूहिक रूप से गुरूत्वाकर्षण के कारण इसकी परिक्रमा करते हैं। 
  • शनि ग्रह (Saturn) के इन विशिष्ट छल्लों को पहली बार 1610 में गैलीलियो गैलीली द्वारा देखा गया था। 
  • शनि को गैसों का गोला (Globe of Gases) एवं गैलेक्सी समान ग्रह (Galaxy Like Planet) भी कहा जाता है। 
  • आकाश में शनि ग्रह पीले तारे के समान दिखाई देता है। 
  • 1970 और 1980 के दशक में पायनियर और वोयाजर मिशनों को शनि ग्रह (Saturn) के बारे में जानकारी इकट्ठा करने हेतु भेजा गया।
  • शनि ग्रह (Saturn) की खोज में सबसे उल्लेखनीय अध्यायों में से एक कैसिनी-ह्यूजेंस मिशन है। 1997 में लॉन्च किए गए कैसिनी अंतरिक्ष यान ने शनि की कक्षा में 13 साल बिताए और अभूतपूर्व विस्तार से इसकी प्रणाली का अध्ययन किया। ह्यूजेन्स यान टाइटन पर भी उतरा, जिससे इसके वातावरण और सतह के बारे में जानकारी मिली।
  • भारतीय ग्रंथो में शनि ग्रह को न्याय का देवता की संज्ञा दी है। 
  • रोमन पौराणिक कथाओं में, शनि ग्रह (Saturn) को कृषि का देवता माना गया है। 
  • इसके वायुमंडल में भी बृहस्पति की तरह हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन और अमोनिया गैसें मिलती हैं। 
  • अब तक इसके 82 उपग्रहों का पता लगाया जा चुका है। 
  • टाइटन शनि ग्रह (Saturn) का सबसे बड़ा उपग्रह है, जो आकार में बुध ग्रह के लगभग बराबर है। मंगल ग्रह की भाँति यह नारंगी रंग का है। 
  • टाइटन पर वायुमंडल और गुरूत्वाकर्षण दोनों का प्रभाव बराबर हैं। 
  • टाइटन घने वातावरण और पृथ्वी जैसी विशेषताओं के कारण ध्यान आकर्षित करता है। 
  • शनि ग्रह के अन्य प्रमुख उपग्रह मीमांसा, एनसीलाडु, टेविस, डीआन, रीया, हाइपेरियन, इपापेटस और फोबे हैं। 
  • शनि ग्रह (Saturn) का उपग्रह फोबे शनि की कक्षा में घूमने के विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है। 
  • शनि अंतिम ग्रह है जिसे आँखों से देखा जा सकता है।

शनि ग्रह से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

सूर्य से दूरी 142.66 करोड़ किमी. 
अक्षीय झुकाव26°73′ 
घूर्णन गति10 घंटा, 34 मिनट 
सूर्य की परिक्रमा करने में लगा समय29.5 वर्ष
घनत्व 0.70 ग्राम/सेमी. 
उपग्रह 62 (टाइटन शनि का सबसे बड़ा उपग्रह)
गुरुत्वाकर्षण 7.2 मीटर/सेकेण्ड
तापमान 178° से.
वलयों की संख्या7
वायुमण्डलहाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन, अमोनिया
शनि ग्रह से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

FAQs

रोमन पौराणिक कथाओं में शनि का नाम क्या रखा गया है?

शनि का नाम कृषि के रोमन देवता के नाम पर रखा गया था।

क्या हम पृथ्वी से शनि के छल्ले देख सकते हैं?

हाँ, शनि के छल्ले पृथ्वी से दूरबीन के माध्यम से दिखाई देते हैं।

क्या शनि एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसके चारों ओर वलय (छल्ले) पाए जाते हैं?

नहीं, बृहस्पति, यूरेनस और नेपच्यून जैसे अन्य ग्रहों में भी वलय (छल्ले) हैं, हालांकि शनि सबसे प्रमुख है।

कैसिनी अंतरिक्ष यान का क्या योगदान था?

कैसिनी अंतरिक्ष यान ने टाइटन पर उतरने सहित शनि की प्रणाली, उसके छल्लों और उसके चंद्रमाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

वैज्ञानिक शनि के छल्लों का अध्ययन कैसे करते हैं?

वैज्ञानिक दूरबीनों से अवलोकन और कैसिनी जैसे अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए डेटा के माध्यम से शनि के छल्लों का अध्ययन करते हैं।

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