Search
Close this search box.

Share

जनसंख्या परिवर्तन (Population Change)

Estimated reading time: 7 minutes

जनसंख्या परिवर्तन (Population Change) भूगोल विषय में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका अध्ययन B.A, M.A, UGC NET, UPSC, RPSC, KVS, NVS, DSSSB, HPSC, HTET, RTET, UPPCS, और BPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अत्यंत आवश्यक है। यह अवधारणा किसी विशेष समय अवधि में किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या में होने वाले परिवर्तनों को समझने में सहायक होती है। जनसंख्या परिवर्तन के विश्लेषण से हमें क्षेत्रीय विकास, संसाधनों की उपलब्धता और नीतिगत योजनाओं के प्रभाव का आकलन करने में सहायता मिलती है। परीक्षार्थियों के लिए जनसंख्या परिवर्तन की परिभाषा, इसके मापन के तरीके, निरपेक्ष और सापेक्ष परिवर्तन के बीच के अंतर को समझना आवश्यक है, ताकि वे इस विषय के विभिन्न पहलुओं को भली-भांति समझ सकें और उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिल सके।

जनसंख्या परिवर्तन (Population Change) का अर्थ

जनसंख्या परिवर्तन किसी निश्चित समय अवधि में किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या में होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है। जनसंख्या परिवर्तन धनात्मक या सकारात्मक (Positive) और ऋणात्मक या नकारात्मक (Negative) दोनों प्रकार का हो सकता है। 

जनसंख्या परिवर्तन की गणना के लिए जनगणना अवधि के प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या को आधार जनसंख्या माना जाता है और उसे अन्तिम वर्ष की जनसंख्या से घटाकर अन्तर ज्ञात किया जाता है। 

जनसंख्या परिवर्तन = प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या (आधार जनसंख्या) – अन्तिम वर्ष की जनसंख्या 

उदाहरण के लिए भारत की 2001 में कुल जनसंख्या 102 करोड़ तथा 2011 में 121 करोड़ थी। यहां आधार जनसंख्या 102 करोड़ तथा अन्तिम वर्ष की जनसंख्या 121 करोड़ है। इस प्रकार 10 वर्षों की समयावधि में भारत की जनसंख्या में 19 करोड़ (121(अन्तिम वर्ष की जनसंख्या) – 102 (आधार जनसंख्या) ) का जनसंख्या परिवर्तन देखने को मिला।

जैसा कि ऊपर बताया गया है,जनसंख्या परिवर्तन धनात्मक या सकारात्मक (Positive) और ऋणात्मक या नकारात्मक (Negative) दोनों प्रकार का हो सकता है। यदि प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या अन्तिम वर्ष की जनसंख्या से कम है। तब परिवर्तन धनात्मक कहलाता है क्योंकि इस दशा में जनसंख्या में वृद्धि होती है। इसके विपरीत अन्तिम वर्ष की जनसंख्या प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या से कम होने पर वह जनसंख्या ह्रास की सूचक होती है, अतः इसे जनसंख्या का ऋणात्मक परिवर्तन कहते हैं। 

जनसंख्या परिवर्तन की माप

जनसंख्या में परिवर्तन की माप निरपेक्ष अर्थात् संख्यात्मक रूप में और सापेक्ष.अर्थात् प्रतिशत रूप दोनों प्रकार से की जाती है। जनसंख्या परिवर्तन की अवधि ( 1 वर्ष, 5 वर्ष, 10 वर्ष आदि ) कुछ भी हो सकती है किन्तु भारत में सामान्यतः जनसंख्या परिवर्तनों का अध्ययन 10 वर्षीय अवधि (decadal or decennial period) के लिए किया जाता है। 

जनसंख्या के निरपेक्ष और सापेक्ष परिवर्तन में अन्तर

निरपेक्ष परिवर्तन (Absolute Change)

निरपेक्ष परिवर्तन (Absolute Change) या कुल संख्या में परिवर्तन की माप सरल है। इसकी गणना किसी क्षेत्र या प्रदेश में रहने वाले व्यक्तियों की पूर्ववर्ती संख्या (आधार जनसंख्या) को उसी क्षेत्र के व्यक्तियों की परवतीं संख्या (अन्तिम वर्ष की जनसंख्या) से घटाकर की जाती है। इस प्रकार जनसंख्या का निरपेक्ष परिवर्तन किसी निश्चित अवधि के अन्तिम और प्रारम्भिक वर्षों की जनसंख्या के संख्यात्मक अन्तर को प्रकट करता है जो धनात्मक या ऋणात्मक किसी भी प्रकार का हो सकता है।

उदाहरण के लिए किसी जिले की जनसंख्या यदि सन् 2011 में 50,640 और 12021 में 60,230 थी तो 10 वर्षीय परिवर्तन 9,590 होगा। दूसरे जिले की जनसंख्या सन् 2011 में 80,300 और सन् 2021 में 75,200 होने पर जनसंख्या परिवर्तन 5,100 होगा। इस प्रकार प्रथम जिले में जनसंख्या परिवर्तन धनात्मक (वृद्धि) और दूसरे जनपद में ऋणात्मक (ह्रास) है। 

सापेक्ष परिवर्तन (Relative Change)

सापेक्ष परिवर्तन (Relative Change) या प्रतिशत परिवर्तन की माप के लिए आरम्भिक वर्ष की जनसंख्या को आधार माना जाता है। किसी निश्चित समय अवधि में अन्तिम वर्ष और प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्याओं के अन्तर को प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या से विभाजित किया जाता है और पुनः उसमें 100 से गुणा किया जाता है। इस प्रकार जनसंख्या परिवर्तन की माप प्रतिशत में प्राप्त होती है। 

जनसंख्या के सापेक्ष परिवर्तन की गणना का सूत्र इस प्रकार है 

Relative Population Change Formula

जनसंख्या के निरपेक्ष परिवर्तन की भाँति सापेक्ष परिवर्तन भी धनात्मक अथवा ऋणात्मक हो सकता है। क्योंकि वर्तमान समय में विश्व के अधिकांश देशों में जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि सार्वभौमिक और कुछ गिने-चुने अपवाद देश ही हो सकते हैं जहाँ जनसंख्या के ह्रास या ऋणात्मक  वृद्धि की प्रवृत्ति हो। यही कारण है कि वर्तमान सन्दर्भ में जनसंख्या परिवर्तन का सामान्य अर्थ जनसंख्या वृद्धि (Population increase) से लगाया जाता है और इसका प्रयोग जनसंख्या वृद्धि के पर्यायवाची के रूप में भी किया जाने लगा है।

नोट: भारतीय जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के लिए आप https://censusindia.gov.in/ पर जा सकते हैं।

Test Your Knowledge with MCQs

1. जनसंख्या परिवर्तन का क्या अर्थ है?

A) किसी क्षेत्र की जनसंख्या में वृद्धि

B) किसी क्षेत्र की जनसंख्या में कमी

C) किसी क्षेत्र की जनसंख्या में समय के साथ होने वाला परिवर्तन

D) किसी क्षेत्र की जनसंख्या का स्थायित्व

2. जनसंख्या परिवर्तन की गणना के लिए आधार जनसंख्या कौन सी होती है?

A) अन्तिम वर्ष की जनसंख्या

B) प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या

C) मध्य वर्ष की जनसंख्या

D) औसत जनसंख्या

3. यदि किसी क्षेत्र की प्रारम्भिक जनसंख्या 50,000 थी और अन्तिम वर्ष की जनसंख्या 60,000 है, तो जनसंख्या परिवर्तन क्या होगा?

A) 10,000 का धनात्मक परिवर्तन

B) 10,000 का ऋणात्मक परिवर्तन

C) 5,000 का धनात्मक परिवर्तन

D) 5,000 का ऋणात्मक परिवर्तन

4. जनसंख्या परिवर्तन की माप किस रूप में की जा सकती है?

A) निरपेक्ष रूप में

B) सापेक्ष रूप में

C) प्रतिशत रूप में

D) उपरोक्त सभी

5. निरपेक्ष परिवर्तन का क्या अर्थ है?

A) जनसंख्या के संख्यात्मक अन्तर

B) जनसंख्या के प्रतिशत अन्तर

C) जनसंख्या के औसत अन्तर

D) जनसंख्या के गुणात्मक अन्तर

6. सापेक्ष परिवर्तन की गणना में किसे आधार माना जाता है?

A) अन्तिम वर्ष की जनसंख्या

B) प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या

C) मध्य वर्ष की जनसंख्या

D) वर्तमान वर्ष की जनसंख्या

7. भारत में जनसंख्या परिवर्तन का अध्ययन सामान्यतः कितनी समयावधि के लिए किया जाता है?

A) 1 वर्ष

B) 5 वर्ष

C) 10 वर्ष

D) 20 वर्ष

8. जनसंख्या परिवर्तन का सामान्य अर्थ किससे लगाया जाता है?

A) जनसंख्या वृद्धि

B) जनसंख्या ह्रास

C) जनसंख्या स्थायित्व

D) जनसंख्या प्रतिकूलता

9. निम्नलिखित में से कौन सा देश जनसंख्या के ऋणात्मक परिवर्तन का उदाहरण हो सकता है?

A) भारत

B) जापान

C) चीन

D) अमेरिका

10. सापेक्ष परिवर्तन की गणना का सूत्र क्या है?

A) [(अन्तिम वर्ष की जनसंख्या – प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या) ÷ प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या] × 100

B) [(प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या – अन्तिम वर्ष की जनसंख्या) ÷ अन्तिम वर्ष की जनसंख्या] × 100

C) [(अन्तिम वर्ष की जनसंख्या × प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या) ÷ 100]

D) [(अन्तिम वर्ष की जनसंख्या + प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या) ÷ 2] × 100


उत्तर:

  1. C) किसी क्षेत्र की जनसंख्या में समय के साथ होने वाला परिवर्तन
  2. B) प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या
  3. A) 10,000 का धनात्मक परिवर्तन
  4. D) उपरोक्त सभी
  5. A) जनसंख्या के संख्यात्मक अन्तर
  6. B) प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या
  7. C) 10 वर्ष
  8. A) जनसंख्या वृद्धि
  9. B) जापान
  10. A) [(अन्तिम वर्ष की जनसंख्या – प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या) ÷ प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या] × 100

FAQs

जनसंख्या परिवर्तन क्या है?

जनसंख्या परिवर्तन किसी विशेष क्षेत्र में एक निश्चित समय अवधि में जनसंख्या में होने वाले वृद्धि या कमी को दर्शाता है। यह परिवर्तन धनात्मक (सकारात्मक) या ऋणात्मक (नकारात्मक) हो सकता है।

निरपेक्ष जनसंख्या परिवर्तन क्या है?

निरपेक्ष जनसंख्या परिवर्तन किसी निश्चित समय अवधि के प्रारम्भिक और अन्तिम वर्षों की जनसंख्या के संख्यात्मक अन्तर को दर्शाता है। यह माप सरल और सीधे संख्याओं के रूप में होती है।

सापेक्ष जनसंख्या परिवर्तन क्या है?

सापेक्ष जनसंख्या परिवर्तन प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या के आधार पर प्रतिशत के रूप में मापा जाता है। इसे जानने के लिए, जनसंख्या परिवर्तन को प्रारम्भिक वर्ष की जनसंख्या से विभाजित कर 100 से गुणा किया जाता है।

क्या जनसंख्या परिवर्तन केवल वृद्धि को दर्शाता है?

नहीं, जनसंख्या परिवर्तन केवल वृद्धि को ही नहीं, बल्कि जनसंख्या में कमी को भी दर्शा सकता है। इसे जनसंख्या वृद्धि और जनसंख्या ह्रास दोनों के रूप में देखा जा सकता है।

जनसंख्या परिवर्तन के अध्ययन का क्या महत्व है?

जनसंख्या परिवर्तन के अध्ययन से जनसंख्या के विकास, आर्थिक योजनाओं, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक नीतियों के निर्माण में मदद मिलती है। यह भविष्य की योजनाओं को प्रभावी बनाने में भी सहायक होता है।

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Category

Realated Articles