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प्रवास का मध्यवर्ती अवसर मॉडल (Intervening Opportunity Model of Migration) 

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प्रवास का मध्यवर्ती अवसर मॉडल (Intervening Opportunity Model of Migration)

गुरुत्व मॉडल और न्यूनतम प्रयास सिद्धान्त में संशोधन करके सन् 1940 में स्टोफर (S. Stouffer) ने मध्यवर्ती अवसर मॉडल प्रस्तुत किया। यह सिद्धान्त प्रतिपादित करता है कि प्रवास की मात्रा वास्तविक (भौगोलिक) दूरी की अपेक्षा सामाजिक तथा आर्थिक दूरी से अधिक प्रभावित होती है। 

दो स्थानों के मध्य में पाई जाने वाली सुविधाएँ प्रवास की मात्रा को कम करती हैं और प्रवास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। अत: इन्हें मध्यवर्ती बाधा (Intervening Obstacles) की संज्ञा दी जाती है। एक नियत दूरी के लिए होने वाले प्रवास की मात्रा का गन्तव्य स्थान पर उपलब्ध सुअवसरों से सीधा सम्बन्ध होता है किन्तु मध्यवतीं अवसरों (बाधाओं) से विपरीत सम्बन्ध होता है। मध्यवर्ती अवसर जितने ही अधिक होंगे प्रवास की मात्रा उतनी ही कम होगी। 

अवसरों के अन्तर्गत मुख्यतः रोजगार के अवसर, सम्पत्ति की प्राप्ति, सामाजिक-सांस्कृतिक आक्रर्षण आदि सम्मिलित होते हैं। मध्यवर्ती अवसर माडल को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है –

 Y =  k 𝚫x / x

जहां

Y = एक स्थान से गन्तव्य स्थान के लिए प्रवासियों की मात्रा

𝚫x = गन्तव्य स्थान पर उपलब्ध अवसरों की मात्रा

x = मूल स्थान और गन्तव्य के मध्य उपलब्ध अवसरों की मात्रा

k = आनुपातिक स्थिरांक 

प्रवास के मध्यवर्ती अवसर मॉडल की समीक्षा

स्टोफर का मध्यवर्ती अवसर माडल पाश्चात्य विकसित देशों के लिए अधिक उपयुक्त है क्योंकि वहाँ उच्च शैक्षिक स्तर तथा संचार माध्यमों के व्यापक प्रसार से लोगों को विभिन्न नगरों या स्थानों पर उपलब्ध अवसरों तथा अपने निवास और गन्तव्य स्थान के मध्य में पाए जाने वाले अवसरों के विषय में ज्ञान होता है। 

गाले और ट्यूबर (Galle and Taueber) ने सन् 1961 की जनगणना के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका के एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों पर इस माडल का प्रयोग किया और इसे उपयुक्त पाया। किन्तु भारत जैसे विकासशील देशों में जहाँ प्रच्छन्न बेरोजगारी, अशिक्षा, अज्ञानता आदि अधिक व्यापक है, लोगों को अन्य नगरों तथा मध्यवर्ती अवसरों के विषय में कम जानकारी होती है। अतः विकासशील देशों के लिए यह माडल कम उपयोगी है। 

FAQs

मध्यवर्ती अवसर मॉडल किसने प्रस्तुत किया?

मध्यवर्ती अवसर मॉडल सन् 1940 में स्टोफर (S. Stouffer) ने प्रस्तुत किया।

मध्यवर्ती अवसर मॉडल किस सिद्धांत को संशोधित करके बनाया गया था?

यह मॉडल गुरुत्व मॉडल और न्यूनतम प्रयास सिद्धांत को संशोधित करके बनाया गया था।

मध्यवर्ती अवसर मॉडल में प्रवास की मात्रा किन कारकों से प्रभावित होती है?

प्रवास की मात्रा वास्तविक (भौगोलिक) दूरी की अपेक्षा सामाजिक तथा आर्थिक दूरी से अधिक प्रभावित होती है।

मध्यवर्ती बाधा क्या होती है?

दो स्थानों के मध्य में पाई जाने वाली सुविधाएँ प्रवास की मात्रा को कम करती हैं और प्रवास में अवरोध उत्पन्न करती हैं, इन्हें मध्यवर्ती बाधा (Intervening Obstacles) कहते हैं।

मध्यवर्ती अवसर मॉडल में अवसरों के अन्तर्गत क्या शामिल होता है?

अवसरों के अन्तर्गत मुख्यतः रोजगार के अवसर, सम्पत्ति की प्राप्ति, सामाजिक-सांस्कृतिक आक्रर्षण आदि शामिल होते हैं।

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