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यदि आप भूगोल विषय में बी.ए., एम.ए., यूजीसी-नेट, यूपीएससी, आरपीएससी, केवीएस, एनवीएस, डीएसएसएसबी, एचपीएससी, एचटीईटी, आरटीईटी, यूपीपीसीएस, बीपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। भारत में गन्ने की खेती और इसके भौगोलिक दशाओं के बारे में जानना न केवल आपकी परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि यह भी समझने में मदद करेगा कि कैसे इस प्रमुख फसल का उत्पादन देश की कृषि और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Table of contents
खाने के बाद चीनी मानव के भोजन का एक आवश्यक भाग है। प्रत्येक मानव समुदाय किसी न किसी रूप में चीनी का उपयोग करता रहा है। भारत में तो चीनी का उपयोग मिठाई के रूप में तथा चाय में इसका उपयोग बड़े स्तर पर किया जाता है। चीनी को अलग-अलग देश या प्रदेशों में विभिन्न प्रकार के फलों व वनस्पतियों से प्राप्त किया जाता है।
इनमें गन्ना, चुकन्दर, शकरकंदी, गाजर, खजूर, अंगूर, ताड़ आदि मुख्य हैं। व्यापक स्तर पर चीनी का उत्पादन गन्ने से ही किया जाता है। भारत में तो प्राचीन काल से ही गुड व शक्कर बनाने के लिए गन्ने का उपयोग किया जाता रहा है। वर्तमान में चीनी बनाने के लिए इसका व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाने लगा है।
गन्ने की उपज के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएं
तापमान
गन्ने की उपज के लिए औसत 21 डिग्री से 27 डिग्री तापमान सर्वाधिक अनुकूल रहता है। ऊंचे तापमान पर सिंचाई की सहायता से गन्ने को सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। हालांकि इसको कम तापमान पर भी गन्ने की उपज ली जा सकती है। लेकिन कम तापमान में गन्ने की उत्पादन ऋतु लंबी हो जाती है।
वर्षा
गन्ने को वृद्धि काल में वर्षा की अत्यंत आवश्यकता होती है। केवल पकते समय कम वर्षा तथा शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके लिए औसत वार्षिक वर्षा 75 से लेकर 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए। गन्ने की फसल के लिए ऐसा नम वातावरण उष्ण तथा उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के मैदानी व पठारी भागों में मिलता है।
मिट्टी
गन्ना विभिन्न प्रकार की भूमि तथा मिट्टियों में उगता है। परंतु इसके लिए गहरी उपजाऊ मिट्टी, जिसमें चूने तथा फास्फोरस की मात्रा अधिक हो, उपयुक्त रहती है। लावा की मिट्टी, काँप अथवा दोमट मिट्टी जिसमें चिकनी मिट्टी की भी पर्याप्त मात्रा हो, इसकी खेती के लिए उपयुक्त रहती है। मिट्टी में आर्द्रता रोकने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए तथा उसमें नाइट्रोजन तत्व की प्रधानता भी होनी चाहिए।
धरातल
इसकी खेती के लिए समतल धरातल होना चाहिए और उसमें जल निकासी की सुविधा भी पर्याप्त रूप से होनी आवश्यक है। क्योंकि समतल धरातल पर सिंचाई करना और यातायात के साधन सुलभ हो जाते हैं। जो इसकी खेती के लिए अति आवश्यक है। सागरीय वायु तथा धूप इसके रस में मिठास भरते हैं। इसीलिए समुद्र तटीय मैदान इसकी खेती के लिए आदर्श माने जाते हैं।
सस्ता श्रम
गन्ने की खेती के लिए सस्ते श्रम की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसमें गन्ने को रोपने, निराने, पानी देने, काटने, कारखाने के लिए गन्ना तैयार करने, आदि सभी कार्य हाथों से ही किए जाते हैं। हालांकि विकसित देशों में अब इसकी खेती मशीनों से की जाने लगी है।
यातायात
गन्ना एक भारी तथा जल्दी खराब होने वाली फसल है। इसे 24 से 48 घंटे के बीच मील तक नहीं पहुंचाया जाए तो इसमें रस की मात्रा कम होने लग जाती है। इसीलिए गन्ने को खेत से चीनी मिलों तक पहुंचाने के लिए सस्ते तथा कुशल यातायात का होना अति आवश्यक है।
भारत में गन्ने का उत्पादन
तालिका 1 को देखने से पता चलता है कि 1950-51 से 2020-21 के बीच की अवधि में गन्ने के क्षेत्रफल, उत्पादन तथा उपज प्रति हेक्टेयर में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। इस अवधि में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल लगभग 3 गुना, उत्पादन लगभग 7 गुना तथा उपज प्रति हेक्टेयर लगभग 2.5 गुना हो गई।
तालिका 1
गन्ना: वर्षवार अखिल भारतीय क्षेत्रफल, उत्पादन तथा उपज
वर्ष | क्षेत्र(मिलियन हेक्टेयर में) | उत्पादन(मिलियन टन में) | प्रति हेक्टेयर उपज (किलोग्राम में) |
1950-51 | 1.71 | 57.05 | 33422 |
1955-56 | 1.85 | 60.54 | 32779 |
1960-61 | 2.42 | 110 | 455549 |
1965-66 | 2.84 | 123.99 | 43717 |
1970-71 | 2.62 | 126.37 | 48322 |
1975-76 | 2.76 | 140.6 | 50903 |
1980-81 | 2.67 | 154.25 | 57844 |
1985-86 | 2.85 | 170.65 | 59889 |
1990-91 | 3.69 | 241.05 | 65395 |
1995-96 | 4.15 | 281.1 | 67787 |
2000-01 | 4.32 | 295.96 | 68578 |
2005-06 | 4.2 | 281.17 | 66919 |
2010-11 | 4.88 | 342.38 | 70091 |
2015-16 | 4.93 | 348.45 | 70720 |
2020-21 | 4.86 | 399.25 | 82205 |
भारत में गन्ने का वितरण
भारत का उत्तरी विशाल मैदान गन्ने का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। यहां भारत का लगभग तीन चौथाई गन्ना उत्पादित किया जाता है। गन्ने की खेती पंजाब से पूर्व की ओर बिहार तक तथा दक्षिण की ओर तमिलनाडु तक की जाती है। हालांकि अधिक उत्पादकता वाला गन्ने का क्षेत्र 15 डिग्री उत्तरी अक्षांश के दक्षिण में स्थित है। जहां अधिक उत्पादकता वाले राज्य उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र में गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज क्रमशः 81 व 89 टन है। वहीं तमिलनाडु तथा कर्नाटक में प्रति हेक्टेयर उपज क्रमशः 102 व 95 टन है।
तालिका 2
गन्ना: 2020-21 के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों में क्षेत्र,उत्पादन तथा उपज
राज्य | बोया गया क्षेत्र (मिलियन हेक्टेयर में) | कुल बोये गए क्षेत्र का % | उत्पादन (मिलियन टन में) | कुल उत्पादन का % | प्रति हेक्टेयर उपज (किलोग्राम में) | सिंचाई के तहत क्षेत्र (%) |
उत्तर प्रदेश | 2. 18 | 44.89 | 177.67 | 44.50 | 81500 | 96.2 |
महाराष्ट्र | 1.14 | 23.53 | 101.59 | 25.45 | 88900 | 100.0 |
कर्नाटक | 0.44 | 9.12 | 42.09 | 10.54 | 95000 | 99.9 |
गुजरात | 0.22 | 4.43 | 15.85 | 3.97 | 73687 | 94.5 |
तमिलनाडु | 0.12 | 2.57 | 12.80 | 3.21 | 102730 | 100.0 |
बिहार | 0.22 | 4.51 | 10.71 | 2.68 | 48918 | 85.9 |
हरियाणा | 0.10 | 2.04 | 8.53 | 2. 14 | 86179 | 100.0 |
पंजाब | 0.09 | 1.84 | 7.49 | 1.87 | 83820 | 96.3 |
उत्तराखंड | 0.08 | 1.73 | 6.96 | 1.74 | 82900 | 99. 1 |
मध्यप्रदेश | 0.11 | 2.26 | 5.88 | 1.47 | 53450 | 100.0 |
आंध्रप्रदेश | 0.06 | 1.13 | 4. 12 | 1.03 | 74884 | 93.9 |
अन्य | 0.09 | 1.96 | 5.56 | 1.39 | 58545 | |
भारत | 4.86 | 100.00 | 399.25 | 100.00 | 82205 | 96.6 |
भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश
भारत का यह राज्य कुल उत्पादन का लगभग 45% गन्ना उत्पन्न करके प्रथम स्थान पर है। देश का लगभग 45% गन्ना क्षेत्र भी इसी राज्य में है। इस राज्य के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में सहारनपुर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, फैजाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गोरखपुर, तथा वाराणसी शामिल हैं।
महाराष्ट्र
यह गन्ने के उत्पादन में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा प्रमुख राज्य है। जहां पर भारत के कुल उत्पादन का 25% यहीं पर उगाया जाता है। यहां पर गोदावरी नदी की ऊपरी घाटी गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर उच्च कोटि के गन्ने की खेती की जाती है। इस राज्य के मुख्य उत्पादक जिले अहमदनगर, नासिक, पुणे, सोलापुर, तथा रत्नागिरी हैं।
कर्नाटक
दक्षिणी भारत में गन्ने के उत्पादन में यह महत्वपूर्ण राज्य है। जहां संपूर्ण भारत का लगभग 11% गन्ना उत्पादन किया जाता है। यहां पर गन्ने की खेती नदी घाटियों में की जाती है। इसके प्रमुख उत्पादक जिले शिमोगा, रायचूर, कोलार, पश्चिमी बेलगाम, तथा बेल्लारी हैं।
गुजरात
यह राज्य संपूर्ण भारत का लगभग 4% गन्ना उत्पादित कर के चौथे स्थान पर आता है। इस राज्य में सूरत, भावनगर, जामनगर, राजकोट, तथा जूनागढ़ जिलों में गन्ने की खेती की जाती है।
तमिलनाडु
यह राज्य संपूर्ण भारत का 3.25 प्रतिशत गणना उत्पादित करता है। परंतु इस राज्य में गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज सभी राज्यों में अधिक है। जहां प्रति हेक्टेयर उपज 102 टन है। यहां पर कोयंबटूर में एक गन्ना अनुसंधान प्रतिष्ठान भी स्थित है। इसके मुख्य उत्पादक जिले कोयंबटूर, दक्षिणी अर्काट, तिरुनेलवेली, तथा चेन्नई हैं।
बिहार
यहां भारत का 2.68% गन्ना उत्पादन किया जाता है। इस राज्य में प्रति हेक्टेयर उपज अपेक्षाकृत कम है। यहां पर गन्ना उत्तर प्रदेश की तराई वाली मेखला से संबंधित है। इसके मुख्य गन्ना उत्पादक जिले चंपारण, सारण, शाहबाद, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, तथा भागलपुर है।
हरियाणा
पिछले कुछ वर्षों में इस प्रदेश में गन्ने की खेती के क्षेत्र में बहुत उन्नति हुई है। 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार यह राज्य भारत का 2.14 प्रतिशत गन्ना उत्पादित करता है। अंबाला, रोहतक, सोनीपत, करनाल, तथा फरीदाबाद इसके मुख्य गन्ना उत्पादक जिले हैं।
पंजाब
इस प्रदेश में बड़ी बड़ी नदियां बहती हैं जिससे उपजाऊ भूमि तथा सिंचाई प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। फिर भी यहां पर गन्ने पर की अपेक्षा धान की खेती अधिक की जाती है। यह राज्य भारत का लगभग 1.87% गन्ना उत्पादित करता है। इसके प्रमुख उत्पादक जिले अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, तथा गुरदासपुर है।
अन्य राज्य
गन्ने के उत्पादन में अन्य प्रमुख राज्यों में उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, तथा आंध्र प्रदेश आदि राज्य शामिल हैं।
Test Your Knowledge with MCQs
- भारत में गन्ने का प्रमुख उत्पादक राज्य कौन सा है?
- a) महाराष्ट्र
- b) उत्तर प्रदेश
- c) कर्नाटक
- d) तमिलनाडु
- गन्ने के उत्पादन के लिए किस तापमान की सीमा सबसे अनुकूल मानी जाती है?
- a) 15°C से 20°C
- b) 21°C से 27°C
- c) 30°C से 35°C
- d) 10°C से 15°C
- गन्ने की खेती के लिए कितनी वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है?
- a) 25 से 50 सेंटीमीटर
- b) 50 से 75 सेंटीमीटर
- c) 75 से 150 सेंटीमीटर
- d) 150 से 200 सेंटीमीटर
- गन्ने की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है?
- a) बलुई मिट्टी
- b) काली मिट्टी
- c) दोमट मिट्टी
- d) चिकनी मिट्टी
- गन्ने के उत्पादन में प्रति हेक्टेयर उपज सबसे अधिक किस राज्य में होती है?
- a) उत्तर प्रदेश
- b) महाराष्ट्र
- c) तमिलनाडु
- d) कर्नाटक
- गन्ने की फसल को खेत से चीनी मिलों तक पहुंचाने के लिए किस बात की आवश्यकता होती है?
- a) सस्ते श्रम
- b) कुशल यातायात
- c) अधिक सिंचाई
- d) उच्च तापमान
- भारत में गन्ने का कुल उत्पादन का प्रतिशत उत्तर प्रदेश से आता है?
- a) 25%
- b) 35%
- c) 45%
- d) 55%
- गन्ने के लिए आदर्श भौगोलिक स्थिति कौन सी है?
- a) पर्वतीय क्षेत्र
- b) समुद्र तटीय मैदान
- c) शुष्क रेगिस्तान
- d) उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र
- गन्ने की खेती में किस प्रकार की श्रम की आवश्यकता होती है?
- a) महंगे और कुशल श्रम
- b) सस्ते और कुशल श्रम
- c) केवल मशीनों की आवश्यकता
- d) विशेष प्रकार के प्रशिक्षित श्रम
- गन्ने के लिए उपयुक्त धरातल कौन सा है?
- a) ढलवां धरातल
- b) पहाड़ी धरातल
- c) समतल धरातल
- d) ऊबड़-खाबड़ धरातल
उत्तर:
- b) उत्तर प्रदेश
- b) 21°C से 27°C
- c) 75 से 150 सेंटीमीटर
- c) दोमट मिट्टी
- c) तमिलनाडु
- b) कुशल यातायात
- c) 45%
- b) समुद्र तटीय मैदान
- b) सस्ते और कुशल श्रम
- c) समतल धरातल
FAQs
गन्ने की खेती के लिए औसत तापमान 21 से 27 डिग्री सेल्सियस सबसे अनुकूल होता है। इस तापमान पर गन्ना अच्छी तरह से उगता है और उत्पादन भी अच्छा रहता है। ऊंचे तापमान पर सिंचाई से भी गन्ने की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
भारत में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है, जो देश के कुल गन्ना उत्पादन का लगभग 45% हिस्सा प्रदान करता है।
गन्ने की खेती के लिए समतल धरातल और जल निकासी की सुविधा होना आवश्यक है। समतल जमीन पर सिंचाई और यातायात की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होती हैं।
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