पृथ्वी का ऊष्मा बजट (Heat Budget of Earth)
पृथ्वी तथा उसके वायुमंडल को लगातार सौर ऊर्जा की प्राप्ति हो रही है। सौर ऊर्जा का अधिकांश भाग पृथ्वी के तल पर लघु तरंगों (short waves) के रूप में पहुंचता है। पृथ्वी इसका अवशोषण करके इसे ऊष्मा में परिवर्तित कर देती है। पृथ्वी अपने विशेष तापमान के कारण दीर्घ तरंगों (long waves) के माध्यम से पार्थिव विकिरण (terrestrial radiation) के द्वारा अवशोषित ऊष्मा को अंतरिक्ष की ओर वापिस भेज देती है।
इस प्रकार पृथ्वी सौर ऊर्जा को संचित नहीं करती बल्कि ऊर्जा की इतनी ही मात्रा को पार्थिव विकिरण (terrestrial radiation) के द्वारा अंतरिक्ष में वापस भेज देती है। ऊर्जा का यह आदान-प्रदान विकिरण की अत्याधिक जटिल प्रक्रियाओं के द्वारा संभव होता है। यही कारण है कि पृथ्वी तल का वार्षिक औसत तापमान स्थिर बना हुआ है। उसमें किसी प्रकार का महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होता।
मान लो वायुमंडल (atmosphere) की ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाला ताप 100 इकाई है। इसमें से केवल 51 इकाई ताप ही पृथ्वी पर पहुंचता है। 49 इकाई ताप वायुमंडल तथा अंतरिक्ष में परावर्तित (reflected) हो जाता है। 35 इकाई ताप तो पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने से पहले ही अंतरिक्ष में परिवर्तित हो जाता है। इसमें से 6 इकाई अंतरिक्ष में प्रकीर्णन द्वारा, 27 इकाई ताप बादलों द्वारा परावर्तित होता है तथा 2 इकाई ताप पृथ्वी पर हिमाच्छादित क्षेत्रों द्वारा परावर्तित हो जाता है।
सौर विकिरण की इस परावर्तित (reflected) मात्रा को पृथ्वी का अलबीडो कहते हैं। शेष बची 65 इकाइयों में से 14 इकाई ताप वायुमंडल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। इस प्रकार पृथ्वी पर 100 इकाइयों में से 51 इकाई ताप ही धरातल पर पहुंच पाता है।
पृथ्वी द्वारा अवशोषित 51 इकाइयां पुनः भौमिक विकिरण (terrestrial radiation) के रूप में वापस वायुमंडल में लौट जाती हैं। इनमें से 17 इकाई तो सीधे अंतरिक्ष में लौट जाती हैं और 34 इकाइयां वायुमंडल द्वारा अवशोषित कर ली जाती है। इन 34 इकाइयों में से 6 इकाइयां स्वयं वायुमंडल के द्वारा, 9 इकाइयां संवहन प्रक्रिया द्वारा तथा 19 इकाइयां गुप्त ऊष्मा के रूप में अवशोषित हो जाती हैं।
वायुमंडल द्वारा अवशोषित 48 इकाइयां (14 इकाइयां सूर्यताप से तथा 34 इकाइयां भौमिक विकिरण से पुनः अंतरिक्ष में लौट जाती हैं। इस प्रकार पृथ्वी तथा उसके वायुमंडल को प्राप्त हुई ऊष्मा उन द्वारा छोड़ी गई ऊष्मा के बराबर है। पृथ्वी तथा वायु मंडल द्वारा प्राप्त ताप तथा उन द्वारा ताप के ह्रास के संतुलन को ऊष्मा बजट अथवा ऊष्मा संतुलन कहते हैं।
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