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लावा और मैगमा में अंतर (Differences between Lava and Magma)

Differences between Lava and Magma

मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद एक गर्म, पिघला हुआ या अर्ध-पिघला हुआ चट्टानी पदार्थ है। यह पृथ्वी की सतह के नीचे, विशेष रूप से मेंटल और क्रस्ट (भूपर्पटी) के बीच पाया जाता है। मैग्मा खनिजों, गैसों और अन्य अस्थिर तत्वों का मिश्रण होता है, जो इसे पिघलने और गतिशील रहने में मदद करते हैं।

अमलैण्ड और हिण्टरलैण्ड में अंतर (Difference between Umland and Hinterland)

difference between Umland and hinterland

स्टिल-जल-बोर के अनुसार, वह निकटतम ग्रामीण क्षेत्र जोकि महानगर के चारों ओर हो, अमलैण्ड कहलाता है और उसके आगे के क्षेत्र में पृष्ठ प्रदेश (हिण्टरलैण्ड) स्थित होता है। डिकिन्सन ने भी अमलैण्ड को नगर के समीपवर्ती क्षेत्र को बताने वाला बताया है।

नगर का प्रभाव क्षेत्र (Umland)

Umland

जितने देहात क्षेत्र से नगर का सम्बन्ध होता है उस क्षेत्र को नगर का ‘प्रभाव क्षेत्र’ (Umland) कहते हैं। हालांकि नगर अपने कुछ कार्यों द्वारा दूरवर्ती क्षेत्रों से भी सम्बन्ध रखता है, उदाहरण के तौर पर, नगर में उत्पादित माल का पूरे विश्व भी व्यापार हो सकता है। लेकिन इस कार्य के आधार पर नगर का प्रभाव क्षेत्र नहीं आँका जा सकता। 

गन्दी बस्ती (Slum): अर्थ, परिभाषाएं, प्रकार एवं विशेषताएं

Slum in Mumbai

नगरों में उद्योग-धंधों, व्यापार और अन्य कार्यों के साथ-साथ आवास की समस्या भी बढ़ती जा रही है। लेकिन जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में आवास की सुविधाएँ बहुत कम बढ़ी हैं। इसी कारण, दुनियाभर के नगरों में गन्दी बस्तियों (Slum) का विस्तार तेजी से हो रहा है।

उपवन नगर (Garden City)

garden city

“जानिए उपवन नगर (Garden City) की अवधारणा, जिसे एबेनेजर हॉवर्ड ने 1898 में पेश किया। यह स्वच्छ, स्वस्थ और सुगठित नियोजित नगर का आदर्श मॉडल है, जहां शहरी और ग्रामीण जीवन का संतुलन मिलता है।”

कोटि-आकार नियम (Rank-Size Rule) 

rank size rule

कोटि-आकार नियम  (Rank-Size Rule) एक परिकल्पना है, जो नगरों के आकार और उनकी श्रेणी के बीच के संबंध को समझाने का एक आदर्श मॉडल है। इस नियम के अनुसार, “नगरों का आकार एक निश्चित क्रम में होता है और उनका आपस में संबंध होता है।”

अवसादी शैल (Sedimentary Rock)

Clastic or Mechanically Formed Sedimentary Rocks

अवसादी शैल (Sedimentary Rock) का निर्माण चट्टानों के टूटे हुए टुकड़ों (अवसादों) के जमा होने से होता है। “अवसादी” शब्द लैटिन भाषा के “सेडिमेंटम” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “नीचे बैठना”। यह शैल प्राचीन चट्टानों और खनिजों के कणों के संगठित होकर परतों में जमा होने से बनती है। अवसादी शैल को “परतदार चट्टान” भी कहा जाता है क्योंकि इनमें विभिन्न परतें स्पष्ट रूप से पाई जाती हैं।

नांजरायण झील | Nanjarayan Ramsar Site | Bird Sanctuary

Nanjarayan Ramsar Site and Bird Sanctuary Map

नांजरायण झील (Nanjarayan Ramsar Site) तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले के नेरुपेरीचल और सरकार पेरियापलयम गांवों में स्थित एक मीठे पानी की झील है। यह झील न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्व रखती है बल्कि इस क्षेत्र की जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में भी अति सहायक है। इस झील का नाम 17वीं सदी के राजा नांजरायण के नाम पर रखा गया है। इसको राजा ने कृषि और जल संरक्षण की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनवाया था।

भूगोल का जनक कौन है? | Bhugol Ke Janak

Bhugol Ke Janak

जब भी भूगोल विषय को पढ़ते हैं, हमारे मन में एक महत्वपूर्ण प्रश्न अक्सर आता है कि भूगोल के जनक (Bhugol Ke Janak) कौन है? यह सवाल न केवल हमारी सामान्य जिज्ञासा का हिस्सा है, बल्कि कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अक्सर पूछा जाता है। इस लेख में हम इस प्रश्न का विस्तृत उत्तर देने का प्रयास करेंगें और भूगोल के जनक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

मानव भूगोल की परिभाषा (Manav bhugol ki paribhasha) 

Manav Bhugol ki paribhasha

इस लेख में मानव भूगोल की परिभाषा के विभिन्न विद्वानों के दृष्टिकोण को सरल और विस्तारपूर्वक समझाया गया है। जानिए डी.एच. डेविस, एल्सवर्थ हंटिंगटन, रैटजेल, एलन सी. सेंपल, और पॉल विडाल-डी-ला ब्लाश के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषा और उनके दृष्टिकोण का विश्लेषण।

व्यावहारिक भूआकारिकी (Applied Geomorphology): अर्थ, परिभाषाएं एवं विकास

applied geomorphology

“व्यावहारिक भूआकारिकी (Applied Geomorphology) में धरातलीय आकृतियों का अध्ययन और उनके व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया जाता है। जानिए इसके अर्थ, परिभाषा, महत्व और भारतीय भूआकृति विज्ञान में योगदान।”

विभिन्न धर्मों के अनुसार पृथ्वी की आयु

dharmon-ke-anusar-prithvi-ki-ayu

विभिन्न धर्मों के अनुसार पृथ्वी की आयु के बारे में जानें। भारतीय, ईसाई और ईरानी विद्वानों ने कैसे निर्धारित की पृथ्वी की उत्पत्ति? पढ़ें विस्तृत जानकारी।