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परिच्छेदिका (Profile): अर्थ, प्रकार एवं खींचने की विधि

परिच्छेदिका अर्थ, प्रकार एवं खींचने की विधि

किसी भी समोच्च रेखा मानचित्र पर प्रदर्शित उच्चावच (ऊंचाई में होने वाले बदलाव) तथा ढाल की दशाओं को परिच्छेदिकाओं की सहायता से भली भांति समझा जा सकता है। हम कह सकते हैं कि परिच्छेदिका विभिन्न प्रकार के स्थलरूपों (जैसे पर्वत, पठार आदि) को समझने तथा उनकी व्याख्या करने में हमारी सहायता करती है।

वलय-आरेख (Ring Diagram)

Ring Diagram

जैसा कि इसके नाम से विदित है, वलय-आरेख (Ring diagram) में दिए हुए पद-मूल्यों को अलग-अलग वृत्तों के द्वारा प्रकट किया जाता है तथा प्रत्येक वृत्त का अर्द्धव्यास सम्बन्धित पद-मूल्य के वर्गमूल के अनुपात में होता है।

रोमन मानचित्रकला (Roman Cartography)

roman cartography example: orbis terrarum and peutinger table

ग्रीस के राजनीतिक पतन होने के साथ-साथ रोम साम्राज्य का उत्थान प्रारंभ हो गया था। जिसका प्रभाव उस समय की ग्रीक मानचित्रकला पर देखने को मिला रोमन लोगों का उद्देश्य अपने राज्य की सीमाओं को बढ़ाना तथा जीते हुए भागों में अपनी शक्ति को संगठित करना था।

आदिमकालीन  मानचित्र (Ancient Maps)

oldest-babylonian-map

प्रस्तुत लेख में हम विश्व के विभिन्न भागों में निवास करने वाली कुछ आदिम जनजातियों जैसे  क्षेत्र के एस्किमो, प्रशांत महासागर के मार्शल द्वीपों पर रहने वाली जनजातियों, अरब मरुस्थल के बद्दू तथा दक्षिणी-पूर्वी एशिया, पश्चिम-एशिया व पूर्वी भूमध्य सागर के तटीय क्षेत्र के मूल निवासियों द्वारा बनाए गए रेखाचित्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

मानचित्र कला (Cartography) : अर्थ, परिभाषा, प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

Cartography

अंग्रेजी भाषा में मानचित्र कला को कार्टोग्राफी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है: चार्टों या मानचित्रों की रचना करना। इस प्रकार मानचित्र बनाने की कला एवं विज्ञान को ही मानचित्रकला कहा जाता है।

चक्र या वृत्त आरेख (Pie Diagram)

Pie Diagram showing Land Utilization in Haryana

चक्र या वृत्त आरेख एक ऐसा आरेख होता है,जिसमे किसी भौगोलिक तत्व से सम्बंधित विभिन्न घटकों के मूल्यों के योग को दर्शाने वाले किसी वृत्त के क्षेत्रफल को उन घटकों के मूल्यों के अनुपात में बांट दिया जाता है।

साधारण रैखिक आलेख (Simple linear graph): अर्थ, रचना विधि तथा अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

Simple-Line-Graph

साधारण रैखिक आलेख (Simple linear graph) में केवल एक ही वक्र होता है अर्थात् इस आलेख के द्वारा दिए हुए क्षेत्र या स्थान के किसी एक तथ्य जैसे, तापमान, वर्षा, वायुदाब, जनसंख्या, आय, व्यय, निर्यात, आयात अथवा उत्पादन आदि, के आँकड़ों के कालिक परिवर्तनों या उतार-चढ़ावों को प्रदर्शित किया जाता है। 

ओगिलवी का अर्गोग्राफ (Ogilvie’s ergograph)

Ergograph

1938 में ए. जी. ओगिलवी (A. G. Ogilvie) ने तत्कालीन मद्रास भौगोलिक संस्था (Madras Geographical Society) की शोध-पत्रिका में प्रादेशिक भूगोल की तकनीक विषय पर प्रकाशित अपने लेख में एक भिन्न प्रकार का अर्गोग्राफ (ergograph) बनाया था, जिसमें महीनों के अनुसार दैनिक कार्यों की प्रकृति एवं उनकी घण्टों में अवधियों को वृत्ताकार वक्रों के द्वारा प्रदर्शित किया गया था। 

क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph)

Climatograph of Kolkata

क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) के द्वारा किसी स्थान के मासिक तापमान व मासिक वर्षा दोनों की दशाएँ प्रकट की जाती हैं। यह एक प्रकार का वृत्ताकार आलेख है, जिसे इरविन रेज़ (Erwin Raisz) ने अर-आरेख (spoke graph), इ. एन. मुन्स (E.N.Munns) व आर. हार्टशोर्न (R. Hartshorne) ने जलवायु-आरेख (climatograph) तथा टी. डब्ल्यू. बर्च (T.W.Birch) ने ध्रुवीय चार्ट (polar chart) व घड़ी आलेख (clock graph) नाम से पुकारा है।

क्लाइमोग्राफ़ (Climograph)

Climograph

क्लाइमोग्राफ़ को क्लाइमोग्राम (Climogram) भी कहा जाता है। “क्लाइमोग्राफ़ एक ऐसा आलेख है जिसमें किसी स्थान के जलवायवी तत्त्वों के आँकड़ों को एक-दूसरे के सम्मुख आलेखित किया जाता है और परिणामी ग्राफ़ की आकृति और स्थिति उस स्थान की सामान्य जलवायु सम्बन्धी प्रकृति का सूचकांक प्रस्तुत करती है।”

विकर्ण मापक (Diagonal Scale)

Division of secondary part in diagonal scale

जिस आलेखी मापक में विकर्णों की सहायता से गौण भागों को और छोटे भागों में विभाजित कर दिया जाता है, उसे विकर्ण मापक  (Diagonal Scale) की संज्ञा दी जाती है।

परिक्रमण मापक (Revolution scale)

Revolution scale

परिक्रमण मापक (Revolution scale) के द्वारा मानचित्र में स्थानों के बीच की दूरियाँ तथा किसी दी हुई परिधि वाले पहिए के द्वारा उन दूरियों को तय करने के लिए लगाये जाने वाले परिक्रमणों (चक्रों) की संख्या का प्रदर्शन किया जाता है । 

समय मापक (Time scale)

Time scale

समय मापक को समय तथा दूरी की तुलनात्मक मापक भी कहते हैं क्योंकि इस मापक के द्वारा मानचित्र में दूरियाँ पढ़ने के साथ-साथ किसी निश्चित गति या चाल से उन दूरियों को तय करने का समय भी ज्ञात किया जा सकता है। 

तुलनात्मक मापनी (Comparative Scale)

Comparative Scale

तुलनात्मक मापनी (Comparative Scale) वह आलेखी मापनी होती है जिसमें एक से अधिक माप प्रणालियों में दूरियाँ प्रदर्शित की जाती हैं। इन मापनियों को बनाने का उद्देश्य मानचित्र में भिन्न-भिन्न मापों के मात्रकों (units of measurement) जैसे, मील तथा किलोमीटर, मीटर तथा गज, कदम तथा मीटर आदि में दूरियां ज्ञात करना होता है।

सरल मापनी (Plain Scale)

Plain Scale

सरल मापनी के द्वारा किसी रैखिक माप-प्रणाली (जैसे भारतीय या अंग्रेजी माप-प्रणाली ) के अधिक से अधिक दो मात्रकों (units) जैसे, मील व फर्लांग, फर्लांग व गज, गज व फीट, किलोमीटर व हेक्टोमीटर, हेक्टोमीटर व डेकामीटर तथा डेकामीटर व मीटर आदि, में धरातल की दूरियाँ प्रदर्शित की जा सकती हैं।