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केन्द्रीय स्थानों के कार्य, प्रकार व उनके वितरण पर प्रभाव डालने वाले तत्त्व (Types, Functions and Distributional Factors of Central Places)

Types, Functions and Distributional Factors of Central Places

नगरीय बस्तियों (Urban Settlements) के विकास पर कई चीज़ों का प्रभाव पड़ता है। इतिहास से पता चलता है कि नगर की केन्द्रीय सेवाएँ (Central Services) और उनके कार्य ही नगर के विकास को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं।

केन्द्रीयता का अर्थ (Meaning of Centrality)

Meaning of Centrality

इस लेख में आप केन्द्रीयता का अर्थ (Meaning of Centrality) और केन्द्रीय कार्यों के प्रकार के बारे में विस्तार से आसान शब्दों में जानेंगे।

केन्द्रीय स्थान की संकल्पना (Concept of Central Place)

Concept of Central Place

1931 में मार्क जेफरसन ने सबसे पहले “केन्द्रीय स्थान” शब्द का उपयोग किया था। 
वास्तव में, केन्द्रीय स्थान वह बस्ती होती है जो अपने आसपास के क्षेत्र के लिए सामाजिक और आर्थिक सेवाओं का केंद्र होती है। इस विचार को क्रिस्टालर के सिद्धांत से और अधिक पहचान मिली।

नगरों का बसाव-स्थान एवं बसाव-स्थिति (Site and Situation of Towns)

Site and Situation of Towns

यह लेख नगरों के बसाव-स्थान और बसाव-स्थिति (Site and Situation of Towns) की अवधारणाओं की व्याख्या करता है। यह बताता है कि बसाव-स्थान किसी नगर के भौतिक स्थान को संदर्भित करता है, जबकि बसाव-स्थिति बाहरी कारकों के साथ उसके संबंध को दर्शाती है। लेख में नगर के विकास में इन दोनों पहलुओं के महत्व पर चर्चा की गई है।

नगर का अर्थ एवं परिभाषाएं (Meaning and Definition of City)

Meaning and Definition of City

‘नगर’ एक अवधारणा (Concept) है। जर्मनी में इसे ‘stadt’ और इंग्लैंड में ‘town’ या ‘city’ कहा जाता है। ‘सिटी’ शब्द का मूल लैटिन भाषा के ‘सिविटास’ (Civitas) से है। रोमन साम्राज्य में इसका उपयोग संगठनों के लिए किया जाता था। बाद में, यह शब्द ईसाई बिशप (Christian Bishopric) के मुख्य स्थानों के लिए इस्तेमाल होने लगा।

अमलैण्ड और हिण्टरलैण्ड में अंतर (Difference between Umland and Hinterland)

difference between Umland and hinterland

स्टिल-जल-बोर के अनुसार, वह निकटतम ग्रामीण क्षेत्र जोकि महानगर के चारों ओर हो, अमलैण्ड कहलाता है और उसके आगे के क्षेत्र में पृष्ठ प्रदेश (हिण्टरलैण्ड) स्थित होता है। डिकिन्सन ने भी अमलैण्ड को नगर के समीपवर्ती क्षेत्र को बताने वाला बताया है।

नगर का प्रभाव क्षेत्र (Umland)

Umland

जितने देहात क्षेत्र से नगर का सम्बन्ध होता है उस क्षेत्र को नगर का ‘प्रभाव क्षेत्र’ (Umland) कहते हैं। हालांकि नगर अपने कुछ कार्यों द्वारा दूरवर्ती क्षेत्रों से भी सम्बन्ध रखता है, उदाहरण के तौर पर, नगर में उत्पादित माल का पूरे विश्व भी व्यापार हो सकता है। लेकिन इस कार्य के आधार पर नगर का प्रभाव क्षेत्र नहीं आँका जा सकता। 

गन्दी बस्ती (Slum): अर्थ, परिभाषाएं, प्रकार एवं विशेषताएं

Slum in Mumbai

नगरों में उद्योग-धंधों, व्यापार और अन्य कार्यों के साथ-साथ आवास की समस्या भी बढ़ती जा रही है। लेकिन जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में आवास की सुविधाएँ बहुत कम बढ़ी हैं। इसी कारण, दुनियाभर के नगरों में गन्दी बस्तियों (Slum) का विस्तार तेजी से हो रहा है।

उपवन नगर (Garden City)

garden city

“जानिए उपवन नगर (Garden City) की अवधारणा, जिसे एबेनेजर हॉवर्ड ने 1898 में पेश किया। यह स्वच्छ, स्वस्थ और सुगठित नियोजित नगर का आदर्श मॉडल है, जहां शहरी और ग्रामीण जीवन का संतुलन मिलता है।”

कोटि-आकार नियम (Rank-Size Rule) 

rank size rule

कोटि-आकार नियम  (Rank-Size Rule) एक परिकल्पना है, जो नगरों के आकार और उनकी श्रेणी के बीच के संबंध को समझाने का एक आदर्श मॉडल है। इस नियम के अनुसार, “नगरों का आकार एक निश्चित क्रम में होता है और उनका आपस में संबंध होता है।”

निकटवर्ती पड़ोसी विश्लेषण विधि (Nearest Neighbor Analysis)

Nearest Neighbor Analysis

निकटवर्ती पड़ोसी विश्लेषण विधि (Nearest Neighbor Analysis) में सेवा केन्द्रों की प्रकीर्णन या फैलाव  (dispersion) एवं संकेन्द्रण या जमाव (concentration) की अवस्था को मापने के लिए उनके जनसंख्या आकार, वितरण और प्रारूप विश्लेषण को ध्यान में रखा गया है।

नगरीकरण की ऐतिहासिक अवस्थाएँ (Historical Stages of Urbanization)

Historical Stages of Urbanization

नगरीकरण वर्तमान युग की सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसका प्रारम्भ मानव के सभ्यता की ओर बढ़ते कदम से होता है। आदिमकाल से लेकर आज तक यह विभिन्न अवस्थाओं से गुजरा है। गिब्स (J.P. Gibbs) ने इन अवस्थाओं को पाँच तथा लैम्पर्ड (E. Lampard) ने दो भागों में बाँटा है।

नगरीकरण का चक्र (Cycle of Urbanization)

Stages-of-cycle-of-urbanization

नगरीकरण वह चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें कोई राष्ट्र कृषि-सामाजिक-व्यवस्था से औद्योगिक-सामाजिक-व्यवस्था की ओर बढ़ता है। नगरीकरण प्रक्रिया में एक राष्ट्र की जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत बढ़ता है।