वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere)
अब तक प्राप्त ज्ञान के आधार पर भूगोलवेताओं व अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने विभिन्न आधारों पर वायुमंडल को विभिन्न परतों या स्तरों में विभाजित किया है। लेकिन हम यहां केवल तापमान एवं गैसों की रचना के आधार पर वायुमंडल की संरचना के बारे में जानेंगे।
सूर्यातप: अर्थ व प्रभावित करने वाले कारक(Insolation: Meaning & Affecting Factors)
सूर्य से यह ऊर्जा लघु तरंगों के रूप में 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी पर पहुंचती हैं। वायुमंडल की बाहरी सीमा पर सूर्य से प्रति मिनट प्रति वर्ग सेंटीमीटर 1.94 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है और ऊर्जा की यह मात्रा बदलती नहीं बल्कि स्थिर रहती है, जिस कारण इसे सौर स्थिरांक कहा जाता है।
पृथ्वी का ऊष्मा बजट (Heat Budget of Earth)
मान लो वायुमंडल (atmosphere) की ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाला ताप 100 इकाई है। इसमें से केवल 51 इकाई ताप ही पृथ्वी पर पहुंचता है। 49 इकाई ताप वायुमंडल तथा अंतरिक्ष में परावर्तित (reflected) हो जाता है। 35 इकाई ताप तो पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने से पहले ही अंतरिक्ष में परिवर्तित हो जाता है। इसमें से 6 इकाई अंतरिक्ष में प्रकीर्णन द्वारा, 27 इकाई ताप बादलों द्वारा परावर्तित होता है तथा 2 इकाई ताप पृथ्वी पर हिमाच्छादित क्षेत्रों द्वारा परावर्तित हो जाता है।
वायुमंडल: अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं (Atmosphere: Meaning, Definition and Characteristics)
धरातल से ऊँचाई के साथ वृद्धि होने पर वायु का घनत्व कम होता जाता है। धरातल के निकट की वायु भारी तथा ऊपर की ओर जाने पर हल्की होती जाती है। ऐसा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण होता है। गुरुत्वाकर्षण के कारण भारी पदार्थ या गैसें धरातल के नजदीक एकत्रित हो जाते हैं एवं हल्की गैसें ऊपर बनी रहती है।