प्रवास के प्रकार (Types of Migration)
प्रवास के प्रकार
1. कालानुसार प्रवास
2. अवधि (Duration) के अनुसार प्रवास
3. आकार (Size) के अनुसार प्रवास
4. क्षेत्र (Areas) के अनुसार प्रवास
प्रवास के कारण (Causes of Migration)
प्रवास की परिभाषा (Definition of Migration)
प्रवास के रूप (Forms of Migration)
उत्प्रवास (Emigration)
आप्रवास (Immigration)
प्रवास के कारण (Causes of Migration)
प्राकृतिक कारक
आर्थिक कारक
सामाजिक-सांस्कृतिक कारक
राजनीतिक कारक
मर्त्यता (मृत्यु दर) के निर्धारक तत्व (Determinants of Mortality)
मर्त्यता (मृत्यु दर) के निर्धारक तत्व
(अ) जनांकिकीय कारक
(ब) सामाजिक कारक
(स) आर्थिक कारक
(द) राजनीतिक कारक
(य) प्राकृतिक कारक
मर्त्यता की माप (Measurement of Mortality)
मर्त्यता का अर्थ (Meaning of Mortality)
मर्त्यता की माप (Measurement of Mortality)
(1) अशोधित मृत्यु दर (Crude Death Rate)
(2) शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate)
(3) मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate)
(4) आयु विशिष्ट मृत्यु दर (Age Specific Mortality Rate)
(5) आयु एवं लिंग विशिष्ट मृत्य दर (Age and Sex Specific Mortality Rate)
(6) जीवन सारणी (Life Table)
(7) कारण विशिष्ट मृत्यु दर (Cause Specific Mortality Rate)
प्रजननता के निर्धारक (Determinants of Fertility)
प्रजननता के निर्धारक (Determinants of Fertility)
(1) जैविक कारक (Biological factors)
(2) जनांकिकीय कारक (Demographic factors)
(3) सामाजिक-सांस्कृतिक कारक (Socio-cultural factors)
(4) आर्थिक कारक (Economic factors),
(5) राजनीतिक कारक (Political factors)
(6) मनोवैज्ञानिक या व्यक्तिगत कारक (Psychological or Personal factors)
प्रजननता की माप (Measurement of Fertility)
प्रजननता का अर्थ उस प्रक्रिया से है, जिसमें किसी स्त्री या स्त्रियों के समूह द्वारा एक निश्चित समय अवधि में जीवित शिशुओं को जन्म दिया जाता है। यह प्रजनन क्षमता का मापन है, जो इस बात को दर्शाता है कि किसी समाज या समूह में कितने शिशुओं का जन्म हो रहा है। प्रजननता और प्रजनन […]
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त (Demographic Transition Theory)
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त (Demographic Transition Theory) का अध्ययन जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन विद्यार्थियों के लिए जो बी.ए., एम.ए., यूजीसी नेट, यूपीएससी, आरपीएससी, केवीएस, एनवीएस, डीएसएसएसबी, एचपीएससी, एचटीईटी, आरटीईटी, यूपीपीसीएस, और बीपीएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह सिद्धान्त यह बताता है कि किसी देश या […]
विश्व में जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population in the World)
एशिया विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या (469.4 करोड़) वाला महाद्वीप है। जनसंख्या की दृष्टि से अफ्रीका (139करोड़) का दूसरा स्थान है। इसके पश्चात् क्रमशः यूरोप (74.5 करोड़), उत्तरी अमेरिका (60.4 करोड़), दक्षिणी अमेरिका (43.9 करोड़), ओशेनिया (4.5करोड़) का स्थान आता है।
जनसंख्या वृद्धि के प्रकार (Types of Population Growth)
जनसंख्या वृद्धि, एक निश्चित समय अवधि में जनसंख्या में होने वाले वाले धनात्मक (Positive) या ऋणात्मक (Negative) परिवर्तन को दर्शाती है। यदि जनसंख्या वृद्धि को व्यक्तियों की संख्या के प्रतिशत (प्रति 100 व्यक्तियों के पीछे होने वाले परिवर्तन) के रूप में व्यक्त किया जाए तो वह जनसंख्या वृद्धि दर कहलाएग। किसी स्थान के जनसंख्या परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारकों जन्म, मृत्यु तथा स्थानांतरण के योगदान के अनुसार जनसंख्या वृद्धि दो प्रकार की होती है –
(1) प्राकृतिक वृद्धि (Natural Growth
(2) वास्तविक वृद्धि (Actual Growth)
जनसंख्या परिवर्तन (Population Change)
जनसंख्या परिवर्तन किसी निश्चित समय अवधि में किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या में होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है। जनसंख्या परिवर्तन धनात्मक या सकारात्मक (Positive) और ऋणात्मक या नकारात्मक (Negative) दोनों प्रकार का हो सकता है।
माल्थस का जनसंख्या सिद्धान्त (Malthusian Theory of Population)
व्यवसाय से वकील, पादरी, इतिहासकार व अर्थशास्त्र शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले तथा इंग्लैण्ड में जन्मे थामस राबर्ट माल्थस (Thomas Robert Malthus) ऐसे प्रथम विचारक थे जिन्होंने जनसंख्या और संसाधन सम्बन्ध पर एक व्यवस्थित सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।
जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting Distribution and Density of Population)
हंटिंगटन ने मानसिक कार्य के लिए 3-5° सेल्सियस और शारीरिक श्रम के लिए लिए 15°-18° सेल्सियस तापमान को सबसे अच्छा बताया है । शीतोष्ण जलवायु मानव स्वास्थ्य तथा आर्थिक विकास के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है। इसी प्रकार पर्याप्त वर्षायुक्त मानसूनी जलवायु भी जनसंख्या को सदा आकर्षित करती रही है।
द्वितीयक जनसंख्या आंकड़ों के स्रोत (Sources of Secondary Population Data)
आधुनिक प्रकार की जनगणना का आरम्भ 17वीं शताब्दी से माना जाता है। 17वीं शताब्दी में इटली के छोटे-छोटे राज्यों ने जनगणना कराई थी किन्तु राष्ट्रीय स्तर पर सम्भवतः प्रथम जनगणना 18वीं शताब्दी में स्वीडन (1749) द्वारा कराई गयी थी। संयुक्त राज्य अमेरिका में नियमित जनगणना का आरम्भ सन् 1790 से हुआ। ब्रिटेन और फ्रांस में नियमित जनगणना सन् 1801 से आरम्भ हुई। भारत को प्रथम जनगणना सन् 1872 में सम्पन्न हुई थी।
प्राथमिक आंकड़ों के संग्रहण की विधियाँ (Methods of Collection of Primary Data)
प्राथमिक आंकड़ों के संग्रहण की विधियां
(1) प्रत्यक्ष व्यक्तिगत सर्वेक्षण (Direct Personal Survey)
(2) परोक्ष मौखिक सर्वेक्षण (Indirect Oral Survey
(3) अनुसूची तथा प्रश्नावली द्वारा सर्वेक्षण (Survey by Schedules and Questionnaires)
(4) स्थानीय प्रतिवेदनों द्वारा सर्वेक्षण (Survey by Local Reports)
(5) नमूना सर्वेक्षण (Sample Survey)
जनसंख्या आंकड़ों के प्रकार (Types of Population Data)
प्राथमिक आंकड़े, वो आंकड़े होते हैं, जिन्हें पहली बार एकत्रित किया जाता हैं। इन्हें मौलिक आंकड़े (Basic Data) भी कहा जाता है। ऐसे आंकड़े कच्चे माल के रूप में होते हैं, जिनके प्रयोग से द्वितीयक आंकडों को प्राप्त किया जाते हैं। एक बार प्राथमिक आंकड़े सांख्यिकीय व्यवहार या किसी विशेष कार्य हेतु उपयोग में लाने के बाद इनका मौलिक स्वरूप बदल जाता है।