भूसंचलन (Earth Movements)
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इस लेख में आप भूसंचलन के लिए उत्तरदायी बलों एवं इन बलों के कारण बनने वाली स्थलाकृतियों के बारे में जानेंगे।
पृथ्वी का भूगर्भिक इतिहास (Geologic History of the Earth)
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इस लेख में पृथ्वी के भूगर्भिक इतिहास के बारे में विस्तार से जानेंगे।
भौतिक भूगोल की परिभाषा एवं विषयक्षेत्र (Definition and Scope of Physical Geography)
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इस लेख में हम भौतिक भूगोल की परिभाषा एवं विषयक्षेत्र के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे।
मृदा संरक्षण (Soil Conservation)
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मृदा संरक्षण में उन सभी उपायों को किया जा सकता है, जिनसे मृदा अपरदन पर नियंत्रण पाया जा सके और साथ ही मिट्टी का ऊपजाऊपन भी वापस लाया जा सके। इस तरह के उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं
(अ) स्थानीय या व्यक्ति स्तर के लघु उपाय
(ब) बड़े क्षेत्र पर बड़ी लागत वाले सरकारी स्तर पर किए गए बृहत् उपाय
(स) अतिरिक्त उपाय
मृदा अपरदन के प्रकार व कारण (Types and Causes of Soil Erosion)
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जब जल या वायु के प्रभाव में आकर मृदा की ऊपरी परत कटकर हब जाती है, तो इसे मृदा अपरदन कहते हैं। मृदा का अपरदन उन इलाकों में अधिक होता है, जहाँ धरातल वनस्पतिहीन तथा खड़े ढाल वाला होता है।
मृदा अपरदन के प्रकार (Types of Soil Erosion)
1. परतदार अपरदन (Layer or Sheets Erosion) 2. रिल या क्षुद्र सरिता (Rill) अपरदन 3. नालीदार अपरदन (Gully Erosion)
अक्षांश एवं देशान्तर (Latitude and Longitude)
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भू-पृष्ठ पर विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा (Equator) से उत्तर या दक्षिण में स्थित किसी भी स्थान या बिन्दु की पृथ्वी के केन्द्र से मापी गई कोणीय दूरी, अक्षांश कहलाती है।
अक्षांश को अंशों (degree), मिनटों (minutus) व सेकेंडों (seconds) में दर्शाया जाता है।
विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा 0° का अक्षांश प्रदर्शित करती है। यह पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटता है।
पृथ्वी के चारों ओर धरातल पर विषुवत रेखा या भूमध्यरेखा (Equator) से उत्तर या दक्षिण में एक ही अक्षांश पर स्थित स्थानों को मिलाने से बनने वाले वृत्त या काल्पनिक रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है।
पर्वत एवं उनका वर्गीकरण (Mountains and their Classification)
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पर्वत श्रेणी (Mountain range)
एक ही काल में निर्मित तथा एक सँकरी पेटी में विस्तृत पर्वत एवं पहाड़ियों के क्रम को पर्वत श्रेणी (Mountain range) कहते हैं। इसमें अनेक पर्वत शिखर व घाटियाँ मिलती हैं।
पर्वत श्रृंखला (Mountain chain)
भिन्न-भिन्न कालों में बनी समानान्तर श्रेणियाँ व एकाकी पर्वत मिलकर पर्वत श्रृंखला (Mountain chain) बनाते हैं।
पर्वत समूह (Mountain group)
एक पर्वत तंत्रों का ऐसा समू, जिसमें कई युगों में बने पर्वत व पहाड़ियाँ पायी जाती हैं पर्वत समूह (Mountain group) कहलाता है।
कार्डिलेरा (Cordillera)
कार्डिलेरा (Cordillera) के अंतर्गत कई पर्वत समूह व पर्वत तंत्र शामिल किए जाते हैं। उत्तरी अमेरिका का प्रशांत तटीय पर्वतीय भाग रॉकी कार्डिलेरा इसका प्रमुख उदाहरण है।
चट्टानों का वर्गीकरण (Classification of Rocks)
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पृथ्वी के क्रस्ट(Crust) में मिलने वाले सभी प्रकार के मुलायम व कठोर पदार्थ को चट्टान (Rock) कहते हैं। चट्टानों का निर्माण विभिन्न प्रकार के खनिजों (Minerals) के सम्मिश्रण से होता है। वैसे तो पृथ्वी के क्रस्ट(Crust) में तत्वों की संख्या लगभग 110 है, किन्तु इसके लगभग 98% से भी अधिक भाग की संरचना में केवल 8 प्रमुख निर्माणकारी तत्वों का ही योगदान है।
मृदा: परिभाषा, निर्माण, घटक एवं परिच्छेदिका (Soil: Definition, Formation, Components and Profile)
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प्राकृतिक रूप से या मानव द्वारा किए गए मिट्टी के खड़े व गहरे कटाव को यदि हम ध्यान से देखें तो हमें कई रंगों व गठन वाली मिट्टी की एक दूसरे के ऊपर स्थित कुछ परतें दिखाई देंगी। मिट्टी की इन परतों को संस्तर (Horizons) कहा जाता है। इन संस्तरों को दिखाने वाला चित्र मृदा-परिच्छेदिका कहलाता है। अथवा किसी मृदा के ऊपरी सतह से लेकर उसके मूल चट्टान तक के मृदा स्तरों का ऊर्ध्वाधर खंड मृदा-परिच्छेदिका कहलाता है।